Bihar Teacher: हिंदी के बदले उर्दू की सक्षमता देने वाले शिक्षकों के लिए खुशखबरी, जारी हुआ नया आदेश
बिहार में हिंदी के बदले उर्दू की सक्षमता देने वाले शिक्षकों का योगदान होगा। यह फैसला पहली से पांचवीं कक्षा की सक्षमता परीक्षा में हिंदी के बदले उर्दू की परीक्षा देने वाले शिक्षकों के लिए लिया गया है। शिक्षा विभाग ने इससे संबंधित दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। शिक्षा विभाग के निर्देश से विसंगति के शिकार शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है।

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में पहली से पांचवीं कक्षा की सक्षमता परीक्षा में हिंदी के बदले उर्दू की परीक्षा देने वाले शिक्षकों का योगदान होगा। वहीं, छठी से आठवीं कक्षा के शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा में उत्तीर्ण पहली से पांचवीं कक्षा के नियोजित शिक्षकों के योगदान पर तत्काल प्रभाव से रोक हटा ली गई है।
इससे ऐसे शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है। इससे संबंधित दो अलग-अलग आदेश प्राथमिक शिक्षा निदेशक साहिला के हस्ताक्षर से सोमवार को जिला शिक्षा पदाधिकारयों को जारी किया गया।
इसके मुताबिक, पहली से पांचवीं कक्षा के उर्दू अथवा सामान्य विषय के नियोजित शिक्षक, जो सामान्य अथवा उर्दू विषय में सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण हैं, का योगदान उनकी नियुक्ति के मूल विषय के पद पर तत्काल प्रभाव से होगा।
इसके साथ ही छठी से आठवीं कक्षा की सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण पहली से पांचवीं कक्षा के नियोजित शिक्षक पहली से पांचवीं के मूल कोटि के पद तत्काल योगदान करेंगे।
आखिर क्या है पूरा माजरा?
दरअसल, बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली के अधीन सक्षमता परीक्षा में पहली से पांचवीं कक्षा के शिक्षकों को भाषा के तहत अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू अथवा बांग्ला में से किसी एक भाषा की परीक्षा में शामिल होने का विकल्प दिया गया था।
आवेदन भरने के लिए सामान्य शिक्षक को हिंदी, उर्दू शिक्षक को उर्दू एवं बांग्ला शिक्षक को बांग्ला का चयन करना था, लेकिन सामान्य शिक्षक जो उर्दू के भी जानकार थे, द्वारा हिंदी के बदले उर्दू विषय का चयन कर लिया गया था। इससे उनके योगदान को तत्काल स्थगित करने का निर्णय लिया गया था।
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