बिहार को मिली 7 नई ट्रेनें... केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दिखाई हरी झंडी, विकास को मिली गति
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बिहार में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के साथ सात नई ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई जिनमें तीन अमृत भारत एक्सप्रेस शामिल हैं। इन ट्रेनों के शुरू होने से बिहार में कनेक्टिविटी बढ़ेगी और राज्य के विकास को गति मिलेगी। मंत्री वैष्णव ने कहा कि बिहार जल्द ही एक स्वर्णिम राज्य बनेगा।

जागरण संवाददाता, पटना। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के साथ मिलकर बिहार में सात नई ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इनमें तीन अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेनें शामिल हैं। ये नई ट्रेनें बिहार में कनेक्टिविटी को एक नया आयाम प्रदान करेंगी। इन नई ट्रेनों के उद्घाटन के साथ, अब देश भर में चलने वाली 30 अमृत भारत एक्सप्रेस सेवाओं में से बिहार में कुल 26 अमृत भारत एक्सप्रेस सेवाएं चालू हो गई हैं।
मुजफ्फरपुर-चरलापल्ली अमृत भारत एक्सप्रेस मुजफ्फरपुर से दक्षिण भारत के लिए पहली अमृत भारत ट्रेन है, जबकि छपरा-आनंद विहार अमृत भारत एक्सप्रेस बिहार से दिल्ली के लिए छठी अमृत भारत ट्रेन बन गई है। रेल मंत्री वीडियो कान्फ्रेंस से जबकि पटना जंक्शन से उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, पाटलिपुत्र के सांसद रविशंकर प्रसाद, नवादा के सांसद विवेक ठाकुर, नालंदा के सांसद कौशलेन्द्र कुमार, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन, पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक छत्रसाल सिंह ने हरी झंडी दिखाकर ट्रेनों को रवाना किया।
पटना जंक्शन के प्लेटफॉर्म संख्या एक से पटना-बक्सर पैसेंजर व झाझा–दानापुर पैसेंजर एवं प्लेटफॉर्म संख्या दस से नवादा-पटना पैसेंजर व पटना-इस्लामपुर पैसेंजर को रवाना किया गया।
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ने वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से कहा कि बिहार में विकास की गति ऐसी है कि निकट भविष्य में यह राज्य एक स्वर्णिम राज्य के रूप में उभरेगा। ये ट्रेनें बिहार में कनेक्टिविटी का एक नया स्तर प्रदान करेंगी, यात्रियों के लिए सुविधा बढ़ाएंगी और राज्य के समग्र विकास को गति देंगी। रेल मंत्री ने कहा कि यह “विकसित बिहार से विकसित भारत” के विजन को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने ने कहा कि वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री मोदी के पदभार ग्रहण करने के बाद से, उन्होंने राज्यों पर विशेष ध्यान देते हुए रेलवे को प्राथमिकता दी है।
उन्होंने कहा कि 2014 से पहले बिहार का वार्षिक रेल बजट केवल लगभग 1,000 करोड़ रुपये था, जबकि आज यह लगभग 10,000 करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने बिहार के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है, जिसके तहत बिहार में लगभग एक लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं चल रही हैं।
बिहार का रेलवे नेटवर्क पूरी तरह से विद्युतीकृत हो चुका है और 1,899 किलोमीटर नई पटरियां बिछाई गई हैं। राज्य में पूरी हो चुकी कुछ प्रमुख रेलवे परियोजनाओं पर प्रकाश डालते हुए श्री वैष्णव ने कहा कि 28 किलोमीटर लंबा पटना रेल-सह-सड़क पुल, 15 किलोमीटर लंबा मुंगेर रेल-सह-सड़क पुल और लंबे समय से प्रतीक्षित कोसी पुल का निर्माण पूरा हो चुका है।
मंत्री ने कहा कि कई अन्य परियोजनाओं पर काम चल रहा है और अतिरिक्त परियोजनाओं की योजना बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में, बिहार में 13 अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेनें यानी 26 सेवाएं चल रही हैं, जो 25 जिलों के 42 स्टाप को कवर करती हैं। इसके अलावा, वंदे भारत सेवा की 10 जोड़ी ट्रेनें (20 सेवाएं) 28 जिलों को कवर करती हैं।राज्य में नमो भारत रैपिड रेल सेवाएं भी चल रही हैं।
रेल मंत्री ने कहा कि बिहार से चलने वाली ये नई ट्रेनें राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में यात्रा को और अधिक सुविधाजनक बनाएंगी और आर्थिक एवं सामाजिक गतिविधियों को बढ़ावा देंगी। इन ट्रेनों का उद्देश्य न केवल बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करना है, बल्कि यात्रियों को सुरक्षित, तेज और आरामदायक यात्रा भी प्रदान करना है।
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि अमृत भारत एक्सप्रेस आधुनिक सुविधाओं और किफायती यात्रा का प्रतीक है। इन नई ट्रेनों के शुरू होने के बाद अब बिहार से कुल 13 अमृत भारत एक्सप्रेस चलेंगी, जिससे प्रदेश की कनेक्टिविटी नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सहयोग से बिहार में रेलवे विकास को नई दिशा मिल रही है।
केंद्र सरकार ने इस वर्ष बिहार के लिए रिकार्ड 10,066 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है, जो पिछली सरकारों की तुलना में नौ गुना अधिक है। इसी का नतीजा है कि नई रेल लाइनें, दोहरीकरण, विद्युतीकरण और स्टेशन विकास के कार्य तेजी से हो रहे हैं। सम्राट चौधरी ने कहा कि रेलवे बिहार के विकास की रीढ़ है और आने वाले वर्षों में राज्य को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में अहम भूमिका निभाएगा।
ये सुविधाएं हैं अमृत भारत एक्सप्रेस में
अमृत भारत एक्सप्रेस यात्रा का न केवल एक तेज और किफायती विकल्प है, बल्कि इसमें सेमी-आटोमैटिक कपलर, अग्नि सूचक प्रणाली, सीलबंद गैंगवे और टाक-बैक यूनिट जैसी उन्नत सुविधाएं भी हैं। पहली बार, गैर-वातानुकूलित डिब्बों में यात्रियों की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए ऐसी उन्नत तकनीक का इस्तेमाल किया गया है।
ये अमृत भारत एक्सप्रेस हुई शुरू
- दरभंगा-अजमेर (मदार) अमृत भारत एक्सप्रेस
- मुजफ्फरपुर-हैदराबाद (चरलापल्ली) अमृत भारत एक्सप्रेस
- छपरा- दिल्ली (आनंद विहार टर्मिनल) अमृत भारत एक्सप्रेस
ये पैसेंजर ट्रेनों को किया रवाना
- पटना-बक्सर पैसेंजर
- झाझा – दानापुर पैसेंजर
- नवादा-पटना पैसेंजर
- पटना-इस्लामपुर पैसेंजर
2014 से पूर्णतः चालू महत्वपूर्ण परियोजनाएं
पटना रेल-सह-सड़क पुल, मुंगेर रेल-सह-सड़क पुल कोसी पुल, दनियावां-बिहारशरीफ नई लाइन
चांदन-बांका नई लाइन, रामपुरहाट-मंदारहिल नई लाइन, महाराजगंज-मसरख नई लाइन, राजगीर-तिलैया और नटेसर-इस्लामपुर नई लाइन, मानसी-सहरसा-पूर्णिया आमान परिवर्तन, जयनगर-नरकटियागंज आमान परिवर्तन, कप्तानगंज-छपरा आमान परिवर्तन, सकरी-निर्मली एवं सहरसा-फारबिसगंज आमान परिवर्तन, मानसी-सहरसा-सहरसा-पूर्णिया एवं बनमनखी-बिहारीगंज आमान परिवर्तन, साहिबगंज-पीरपैंती दोहरीकरण, महेशखुट-थानाबिहपुर दोहरीकरण, हाजीपुर-रामदयालु नगर दोहरीकरण, पीरपैंती-भागलपुर दोहरीकरण, बख्तियारपुर-बाढ़ दोहरीकरण, किउल-गया दोहरीकरण
हाजीपुर-बछवाड़ा दोहरीकरण, दरभंगा बाईपास, इसके अतिरिक्त, अररिया-गलगलिया (ठाकुरगंज) नई लाइन का काम पूरा हो चुका है और इसका शीघ्र ही उद्घाटन किया जाएगा।
इन मुख्य परियोजनाओं का चल रहा काम
नई लाइनें : सकरी-हसनपुर, खगड़िया-कुशेश्वरस्थान, कुरसेला-बिहारीगंज, तिलैया-कोडरमा, हाजीपुर-सुगौली, सीतामढी-शिवहर, छपरा-मुजफ्फरपुर, अररिया-सुपौल, विक्रमशिला-कटरिया (गंगा पुल सहित), झाझा-बटिया, पीरपैंती-जसीडीह, छितौतिनी-तुमकुई रोड, जलालगरनी-किशनगंज, जोगबनी-विराटनगर, औरंगाबाद टर्मिनल-अनुग्रह नारायण रोड, जयनगर-बिजलपुरा, धनबाद-सोननगर, आदि।
तीसरी/चौथी लाइन दोहरीकरण कार्य: समस्तीपुर-दरभंगा, सुगौली-वाल्मीकिनगर, मुजफ्फरपुर-सुगौली, नरकटियागंज-दरभंगा-सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर, छपरा-बलिया, कटिहार-कुमेदपुर, बरौनी-बछवारा (तीसरी और चौथी लाइन), सोननगर-अंडाल (तीसरी और चौथी लाइन), पुनारख-बक्तियारपुर (तीसरी और चौथी लाइन) इत्यादि।
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