Bihar News: मोकामा-बेगूसराय को जोड़ने वाला 6-लेन गंगा पुल हुआ शुरू, उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच 150 किमी की दूरी घटी
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने बिहार में औंटा (मोकामा) और सिमरिया (बेगूसराय) के बीच गंगा नदी पर छह लेन वाले पुल का निर्माण पूरा किया। 1871 करोड़ की लागत से बने इस पुल से उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच दूरी 150 किलोमीटर कम हो जाएगी। यह पुल पुराने राजेंद्र सेतु के समानांतर है और यातायात के लिए खोल दिया गया है जिससे व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

डिजिटल डेस्क, पटना। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने बिहार में अवसंरचना विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए औंटा (मोकामा) और सिमरिया (बेगूसराय) के बीच गंगा नदी पर छह लेन वाले अत्याधुनिक एक्स्ट्रा-डोज्ड पुल का निर्माण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। राष्ट्रीय राजमार्ग-31 पर स्थित यह महत्वपूर्ण परियोजना अब यातायात के लिए खोल दी गई है, जो उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच एक नई जीवन रेखा साबित होगी।
लगभग 1871 करोड़ की लागत से निर्मित, 8.15 किलोमीटर लंबी इस परियोजना में गंगा नदी पर एक छह लेन का मुख्य पुल और दोनों ओर चार-चार लेन के पहुंच पथ शामिल हैं। इस पुल के शुरू हो जाने से क्षेत्र की परिवहन व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव आया है। अब तक, भारी और वाणिज्यिक वाहनों को उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच यात्रा करने के लिए पटना स्थित महात्मा गांधी सेतु या पुराने राजेंद्र सेतु का लंबा और अक्सर जाम वाला मार्ग अपनाना पड़ता था।
इस नए पुल के चालू होने से, विशेष रूप से बेगूसराय, सुपौल, मधुबनी और अररिया जैसे उत्तरी जिलों से शेखपुरा, नवादा और लखीसराय जैसे दक्षिणी जिलों की ओर जाने वाले भारी वाहनों के लिए यात्रा दूरी में लगभग 150 किलोमीटर की भारी कमी आई है। इससे न केवल यात्रा के समय में बचत होगी, बल्कि ईंधन की खपत और परिवहन लागत में भी उल्लेखनीय कमी आएगी, जिससे व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा मिलेगा।
यह नया छह लेन पुल पुराने राजेंद्र सेतु के समानांतर बनाया गया है, जो एक दो-लेन रेल-सह-सड़क पुल था और वर्तमान यातायात घनत्व के लिए अपर्याप्त साबित हो रहा था। आधुनिक इंजीनियरिंग और डिजाइन का बेहतरीन नमूना यह एक्स्ट्रा-डोज्ड पुल न केवल भारी यातायात का दबाव सहने में सक्षम है, बल्कि सुगम और तीव्र गति से वाहनों की सुरक्षित आवाजाही भी सुनिश्चित करता है।
परियोजना की मुख्य विशेषताएं:
कार्यान्वयन निकाय: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई)
परियोजना की कुल लंबाई: 8.15 किलोमीटर
अनुमानित लागत: 1871 करोड़
वर्तमान स्थिति: निर्माण कार्य पूर्ण एवं यातायात हेतु खुला
परियोजना का स्वरूप: गंगा नदी पर 6-लेन एक्स्ट्रा-डोज्ड पुल तथा 4-लेन पहुंच पथ
इस पुल का निर्माण न केवल एक अवसंरचनात्मक उपलब्धि है, बल्कि यह क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए भी एक उत्प्रेरक का काम करेगा। इससे औद्योगिक और कृषि क्षेत्रों को अपने उत्पादों के लिए एक तेज और सुगम परिवहन मार्ग मिलेगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
इसके अतिरिक्त, यह पुल प्रसिद्ध धार्मिक स्थल सिमरिया धाम तक सीधी पहुंच प्रदान करता है, जो राष्ट्रकवि रामधारी सिंह 'दिनकर' की जन्मस्थली भी है, जिससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। एनएचएआई द्वारा पूरी की गई यह परियोजना पूर्वी भारत में संपर्क और विकास को गति देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
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