Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bihar News: उफनती नदियां छह स्थानों पर खतरे के निशान के पार, सरकार ने बचाव के लिए उठाए ये कदम

    By Vikash Chandra Pandey Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Sat, 26 Jul 2025 08:23 AM (IST)

    बिहार में गंगा कोसी और बूढ़ी गंडक नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं हालांकि स्थिति अभी भयावह नहीं है पर सतर्कता बढ़ा दी गई है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार छह स्थलों पर नदियां खतरे के निशान को पार कर गई हैं। बाढ़ प्रभावित 27 जिलों में तटबंधों की निगरानी के लिए सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं और क्यूआर कोड प्रणाली से निगरानी की जा रही है।

    Hero Image
    बिहार में गंगा, कोसी और बूढ़ी गंडक नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में गंगा, कोसी और बूढ़ी गंडक छह स्थलों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं। हालांकि, अभी स्थिति भयावह नहीं, फिर भी बाढ़ के दृष्टिगत सतर्कता बढ़ा दी गई है। इन नदियों के जल-ग्रहण क्षेत्र में आज-कल में सामान्य वर्षा का पूर्वानुमान भी है। ऐसे में उनके जलस्तर में भी उतार-चढ़ाव तय है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के अनुसार, छह स्थलों पर नदियां खतरे के निशान को पार कर गई हैं और नौ स्थलों पर चेतावनी स्तर को। बक्सर, पटना के गांधी घाट, हाथीदह, भागलपुर के कहलगांव में गंगा खतरे की रेखा पार कर चुकी है। वैशाली, मुंगेर, कटिहार आदि जिलों से बहने वाली नदियां चेतावनी स्तर को छू रहीं।

    इस स्थिति में जल संसाधन विभाग के अधिकारी व अभियंता आठों पहर निगरानी में लगे हुए हैं। बाढ़ प्रभावित 27 जिलों में तटबंधों की निगरानी के लिए 4881 तटबंध सुरक्षाकर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। इनकी प्रतिनियुक्ति प्रति किलोमीटर एक सुरक्षाकर्मी के मानक के अनुरूप हुई है।

    तटबंधों की सुरक्षा व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए एक विशेष क्यूआर कोड प्रणाली विकसित की गई है। इसके माध्यम से यह जाना जा सकेगा कि किस स्थान पर कितने तटबंध सुरक्षाकर्मी तैनात हैं।

    अचानक नहीं बढ़ा जलस्तर 

    सीडब्ल्यूसी का हाइड्रोग्राफ बता रहा कि गांधी घाट पर गंगा का जलस्तर मात्र तीन दिनों के भीतर 50 सेंटीमीटर बढ़ा है। कहलगांव में भी यही रुझान देखा गया। वहां जलस्तर 30 सेंटीमीटर बढ़ा। कटिहार जिला के कुर्सेला में 28 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज हुई।

    पटना जिला का लगभग 15 प्रतिशत हिस्सा बाढ़ की चपेट में है। भागलपुर में प्रभावित क्षेत्र थोड़ा अधिक 15.7 प्रतिशत है। खगड़िया में 8.5 प्रतिशत और बेगूसराय में 6.4 प्रतिशत भूभाग में पानी भर चुका है। कई क्षेत्रों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हुआ है। खगड़िया में स्कूल पहुंचने के लिए कई जगह छात्रों को नाव का उपयोग करना पड़ रहा।

    जिलावार तटबंध सुरक्षाकर्मी 

    सुपौल में 211, सहरसा में 62, गोपालगंज में 85, सारण में 237, सीवान में 87, अररिया में 22, बांका में 110, भागलपुर में 157, कटिहार में 280, किशनगंज में 10, पूर्णिया में 50, मुजफ्फरपुर में 256, पश्चिम चंपारण में 193, पूर्वी चंपारण में 283, शिवहर में 49, सीतामढ़ी में 252, वैशाली में 61, भोजपुर में 155, बक्सर में 51, जहानाबाद में 30, नालंदा में 481, पटना में 364, शेखपुरा में 6, दरभंगा में 290, मधुबनी में 309, बेगूसराय में 334 और समस्तीपुर में 456 तटबंध सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं।

    जिलावार बाढ़ प्रभावित भूभाग

    जिला बाढ़ प्रभावित भूभाग (प्रतिशत में)
    भागलपुर 15.7
    पटना 15
    खगड़िया 8.5
    बेगूसराय 6.4