बिहार बन रहा है फिल्ममेकर्स की पहली पसंद, 37 फिल्मों की शूटिंग को मिली मंजूरी, नई नीति ने बदली सिनेमा की तस्वीर
बिहार की नई फिल्म प्रोत्साहन नीति-2024 के कारण राज्य फिल्म निर्माताओं की पहली पसंद बन रहा है। अब तक 37 फिल्मों, वेब सीरीज़ और डॉक्यूमेंटरी को शूटिंग क ...और पढ़ें

37 फिल्मों की शूटिंग को मिली मंजूरी
जागरण संवाददाता, पटना। बिहार अब तेजी से देश के फिल्म, वेब सीरीज़ और डॉक्यूमेंटरी निर्माताओं की पहली पसंद बनता जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा लागू की गई बिहार फिल्म प्रोत्साहन नीति–2024 ने बिहार को सिनेमा के राष्ट्रीय मानचित्र पर नई पहचान दिलानी शुरू कर दी है। इस नीति के प्रभावी क्रियान्वयन का ही परिणाम है कि अब तक 37 फिल्मों, वेब सीरीज़ और डॉक्यूमेंटरी को राज्य के विभिन्न लोकेशनों पर शूटिंग की अनुमति दी जा चुकी है।
राजधानी पटना से लेकर राज्य के अलग-अलग जिलों में फिल्म यूनिट्स सक्रिय हैं। ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सामाजिक विविधताओं से भरपूर बिहार की धरती अब कैमरों की नजर से कहानियों का नया रूप ले रही है। इससे न केवल राज्य की छवि में सकारात्मक बदलाव आ रहा है, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार और आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिल रहा है।
विभाग ने साझा की उपलब्धियां
बुधवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कला एवं संस्कृति विभाग के सचिव प्रणव कुमार ने विभाग की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार बिहार में पहली फिल्म सिटी के निर्माण को लेकर भी गंभीर है। हालांकि, फिल्म सिटी का निर्माण जल्दबाज़ी में नहीं किया जाएगा, बल्कि फिल्म और वेब सीरीज़ निर्माताओं की जरूरतों, तकनीकी अपेक्षाओं और रुचियों के अध्ययन के बाद ही इसकी रूपरेखा तय की जाएगी, ताकि यह परियोजना उद्योग के लिए वास्तव में उपयोगी साबित हो।
लोक कलाओं को संजीवनी देने की पहल
बिहार सरकार की सांस्कृतिक रणनीति केवल सिनेमा तक सीमित नहीं है। राज्य की विलुप्तप्राय और हाशिए पर जा चुकी लोक कलाओं को पुनर्जीवित करने के लिए मुख्यमंत्री गुरु-शिष्य परंपरा योजना शुरू की गई है।
इसके तहत अनुभवी कलाकार ‘गुरु’ के रूप में युवाओं को पारंपरिक कला, लोक संगीत, नृत्य और वादन का प्रशिक्षण देंगे। इस योजना को अच्छा प्रतिसाद मिला है और अब तक 233 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं।
कलाकारों को सम्मान और आर्थिक सुरक्षा
वरिष्ठ और उपेक्षित कलाकारों के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री कलाकार पेंशन योजना भी प्रभावी रूप से लागू की जा रही है। इस योजना के तहत पात्र कलाकारों को प्रतिमाह तीन हजार रुपये की पेंशन दी जा रही है।
अब तक पटना, सारण, खगड़िया, कटिहार, पूर्णिया, बांका, भोजपुर, अररिया, जहानाबाद और किशनगंज जिलों से 85 कलाकारों का चयन किया जा चुका है।
कलाकार पंजीकरण पोर्टल से पारदर्शिता
कला क्षेत्र में पारदर्शिता और डेटा आधारित नीति निर्माण के उद्देश्य से विभाग ने एक समग्र कलाकार पंजीकरण पोर्टल भी शुरू किया है। इस पोर्टल पर अब तक 3800 से अधिक कलाकार विभिन्न कला विधाओं में अपना पंजीकरण करा चुके हैं।
इससे सरकार को कलाकारों की वास्तविक जरूरतों को समझने और लक्षित योजनाएं लागू करने में मदद मिल रही है।
छठ महापर्व को वैश्विक पहचान की कोशिश
बिहार की सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक छठ महापर्व अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान पाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। सचिव प्रणव कुमार ने बताया कि छठ को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल कराने का प्रस्ताव भेजा गया है। यह पर्व पारिस्थितिक संतुलन, सामूहिक सहभागिता और सांस्कृतिक एकता का जीवंत उदाहरण है।
विभाग में नई बहालियों की तैयारी
कला एवं संस्कृति विभाग के सुदृढ़ीकरण के लिए सरकार ने 244 नवसृजित पदों पर बहाली की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया है। इसमें फिल्म विकास निगम, संग्रहालय निदेशालय और वैशाली स्थित बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय से जुड़े पद शामिल हैं।
कुल मिलाकर, नई फिल्म नीति और सांस्कृतिक पहलों के जरिए बिहार न सिर्फ फिल्ममेकर्स के लिए आकर्षक गंतव्य बन रहा है, बल्कि अपनी सांस्कृतिक विरासत को भी नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ा रहा है।

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