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    Bihar Election: बिहार में 28 लाख EPIC भेजने का काम शुरू, 14 लाख नए मतदाता जुड़ेंगे

    Updated: Sun, 12 Oct 2025 06:00 AM (IST)

    बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारी ज़ोरों पर है। चुनाव आयोग ने 28 लाख नए और संशोधित मतदाताओं को ईपिक भेजने का काम शुरू कर दिया है। लक्ष्य है कि अक्टूबर अंत तक सभी को ईपिक मिल जाए। अगर ईपिक नहीं मिलता है, तो 12 अन्य प्रमाण पत्रों से भी मतदान किया जा सकता है। इस बार मतदाता सूची में 21.53 लाख नए नाम जुड़े हैं, जिनमें 14 लाख युवा हैं।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)

    राज्य ब्यूरो, पटना। विधानसभा चुनाव को लेकर नामांकन का दौर शुरू होते ही चुनाव आयोग ने तैयारियां भी चरम पर है। राज्य के लगभग 28 लाख नए एवं संशोधित मतदाताओं को इलेक्ट्रानिक फोटो आइडेंटिटी कार्ड (ईपिक) भेजने का कार्य शुरू कर दिया गया है।

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    मुख्य निर्वाचन अधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने जिला निर्वाचन अधिकारियों को इसके लिए विशेष दिशा-निर्देश दिए हैं। आयोग का लक्ष्य है कि अक्टूबर के अंत तक सभी योग्य मतदाताओं को ईपिक उपलब्ध करा दिया जाए ताकि चुनाव में किसी मतदाता को मतदान के अधिकार से वंचित न होना पड़े।

    महत्वपूर्ण यह है कि जिन मतदाताओं तक ईपिक नहीं पहुंच पाएगा, उन्हें भी 12 अन्य प्रमाण पत्र में से कोई एक दिखाने पर मतदान करने का अवसर दिया जाएगा।

    14 लाख युवा जुड़े

    सीईओ कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार मतदाता सूची में लगभग 21.53 लाख नए नाम जुड़े हैं, इसमें पहली बार 18 से 19 वर्ष उम्र वाले युवाओं की संख्या 14 लाख से अधिक है। इसके अतिरिक्त सात लाख से अधिक मतदाताओं ने विभिन्न कारणों से ईपिक में संशोधन करवाया है।

    अबकी बार मतदाता सूची में नये नाम जोड़ने वालों की संख्या पिछले चुनाव की तुलना में अधिक रही है। इनमें युवा मतदाताओं का बड़ा हिस्सा सम्मिलित है। 18 से 21 वर्ष आयु वर्ग के युवाओं में राजनीतिक चेतना बढ़ने के चलते पंजीकरण में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।

    आयोग इन सभी मतदाताओं को डिजिटल व भौतिक दोनों स्वरूप में पहचान पत्र उपलब्ध कराने की प्रक्रिया में जुटा है। राजनीतिक रूप से यह कदम काफी अहम माना जा रहा है। चुनावी विश्लेषकों के अनुसार, युवाओं और पहली बार वोट डालने वाले मतदाताओं पर सभी दलों की नजर टिकी हैं।

    भाजपा, जदयू, राजद, कांग्रेस एवं जन सुराज जैसी पार्टियां इस नए मतदाता वर्ग को अपने पक्ष में करने के लिए इंटरनेट मीडिया व जमीनी अभियान दोनों पर जोर दे रही हैं।

    चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी व तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से इस बार ईपिक वितरण में QR कोड और डिजिटल सत्यापन प्रणाली जोड़ी गई है। इससे मतदाताओं की पहचान और भी आसान व सुरक्षित होगी। अधिकारियों का दावा है 15 दिन के अंदर सभी को ईपिक की उपलब्धता सुनिश्चित कराएंगे।

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