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    आचार संहिता के दौरान इससे ज्यादा कैश मिला, तो हो जाएगा जब्त; बिहार चुनाव से पहले जान लें पूरे नियम

    Updated: Sun, 28 Sep 2025 09:54 PM (IST)

    बिहार में विधानसभा चुनाव के नज़दीक आते ही आचार संहिता लागू होने वाली है। चुनाव आयोग ने प्रति उम्मीदवार खर्च सीमा 40 लाख तय की है। 50000 से अधिक नकद ले जाने पर दस्तावेज़ जरूरी होंगे। काले धन पर रोक लगाने के लिए सीमा पर जाँच बढ़ाई जाएगी। उल्लंघन करने पर धन जब्त हो सकता है।

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    महासमर : आचार संहिता के बाद 50 हजार से ज्यादा नकद मिला तो होगा जब्त

    जागरण संवाददाता, पटना। विधानसभा चुनावों के लिए जल्द ही प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू होने वाली है। निवार्चन आयोग ने प्रति प्रत्याशी 40 लाख रुपये चुनाव खर्च की सीमा तय की है। इसकी निगरानी को हर प्रत्याशी को चुनाव खर्च के लिए नया बैंक खाता खुलवाना है और 10 हजार से अधिक के हर लेनदेन की निगरानी होगी।

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    वहीं, प्रत्याशी या राजनीतिक दल कालेधन, शराब, मादक पदार्थ, जाली कैरेंसी, बहुमूल्य धातु या जेवरात का प्रयोग का चुनाव जीतने के लिए नहीं कर सकें, इसके पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। कालाधन की रोकथाम के लिए नकद लेकर चलने की सीमा 50 हजार तय की गई है।

    50 हजार या इससे अधिक की राशि किसी के पास भी मिलती है और उसके जायज होने के साक्ष्य प्रस्तुत नहीं करता है तो जब्त कर ली जाएगी। जिले में करीब 20 इंफोर्समेंट एजेंसी पैसों के लेनदेन पर नजर रखने को बनाई गई हैं।

    जिले की सीमा पर मादक पदार्थ, अवैध शराब, जाली करेंसी, अनधिकृत राशि व बहुमूल्य धातुओं के लाने-ले जाने पर प्रभावी नियंत्रण के लिए जिले में 32 चेकपोस्ट को सक्रिय किया गया है।

    सीमावर्ती जिलों के अधिकारियों से नियमित समन्वय किया गया है। इसी प्रकार मद्य निषेध व मादक पदार्थों की रोकथाम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए 475 हाटस्पाट चिह्नित कर निरोधात्मक कार्रवाई तेज कर दी गई है।

    एटीएम कैश वैन या बैंकों की कैश वैन की भी निगरानी प्रत्याशी या राजनीतिक दल आमजन के अलावा एटीएम या बैंकों का कैश ले जाने वाले वाहनों का दुरुपयोग नहीं कर सकें, इसलिए चुनाव आयोग इसकी भी निगरानी करेगा।

    आमजन की तरह इन्हें भी उपलब्ध नकदी के संबंध में पर्याप्त साक्ष्य रखने होंगे। एटीएम वैन बैंक से किन-किन एटीएम में कितनी डालने के लिए कितनी राशि लेकर जा रही है, इसका पूरा विवरण होना चाहिए। वहीं, एसबीआइ समेत सभी बैंक जो नकदी कैरेंसी चेस्ट भेजेंगे, वे भी उसका प्रमाणपत्र लेकर चलेंगे।

    शादी, व्यापार व इलाज खर्च के आड़े नहीं आएगी आचार संहिता जिला निर्वाचन के अधिकारियों के अनुसार विधानसभा चुनाव के समय यदि पकड़ी गई 50 हजार से अधिक की नकदी किसी राजनीतिक दल या प्रत्याशी से संबंधित नहीं है तो उसे ले जाया जा सकता है।

    विधानसभा चुनाव के दौरान शादी-विवाह की लग्न जोरों पर हैं। साथ ही व्यापार व इलाज खर्च आदि के लिए पैसों के लाने-ले जाने पर कोई रोक नहीं है। बस आचार संहिता के दौरान यदि कोई व्यक्ति 50 हजार से अधिक कैश ले जाना हैं तो तीन तरह के दस्तावेज रखने पर उसे जब्त नहीं किया जाएगा।

    एक-अपना कोई फोटो पहचान पत्र अपने साथ रखें।

    दूसरा- जितने पैसे साथ लेकर जा रहे हैं, वे कहां से आए यानी कानूनी दस्तावेज जैसे बैंक से निकाले हैं तो विड्राल फार्म की पर्ची या मोबाइल फोन पर बैंक का मैसेज आदि।

    तीसरा- भारी मात्रा में नकदी कहां खर्च करने के लिए ले जाई जा रही है। शादी हो तो कार्ड, बीमारी है तो हास्पिटल का इस्टीमेट, व्यापार है तो किसको भुगतान करना है उसका बिल आदि।

    यदि दस्तावेज नहीं है तब भी पैसा मिलेगा वापस

    यदि किसी व्यक्ति की 50 हजार से अधिक राशि दस्तावेज नहीं दे पाने के कारण जब्त हो जाती है तो आप थोड़ा समय लेकर उन्हें मंगवा भी सकते हैं। उनका सत्यापन करने के बाद राशि वापस हो जाएगी।

    यदि नहीं दे पाते हैं तो चुनाव खत्म होने के बाद पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध कराने पर यदि चुनाव आयोग के अधिकारी संतुष्ट होते हैं तो राशि वापस हो जाएगी। यदि जवाब संतोषजनक नहीं हैं तो पैसा जब्त कर आपको जेल भी भेजा जा सकता है।

    इसी प्रकार 50 हजार तक का सोना यानी करीब पांच ग्राम सोना या ज्वेलरी होने पर उसके दस्तावेज होने चाहिए। हालांकि, यदि यह राशि 10 लाख से अधिक है तो चुनाव आयोग आवश्यक रूप से इस मामले की सूचना आयकर विभाग को देगा।

    आचार संहिता के दौरान ₹50,000 से अधिक कैश ले जाने पर विशेष नियम लागू होते हैं। बिना जरूरी दस्तावेजों के साथ अधिक कैश ले जाने पर पैसा जब्त हो सकता है या कानूनी कार्यवाही भी हो सकती है

    कैश ले जाने के नियम

    चुनावी आचार संहिता के दौरान किसी भी व्यक्ति के पास केवल ₹50,000 तक कैश रख सकते हैं। इससे अधिक कैश ले जाते समय तीन जरूरी दस्तावेज साथ रखना जरूरी है।

    अगर ₹50,000 से अधिक कैश है, तो पहचान पत्र, स्रोत का प्रमाण (जैसे बैंक विड्रॉल पर्ची), और उस पैसे के इस्तेमाल का प्रमाण जरूरी है।₹10 लाख से अधिक कैश होने पर मामला आयकर विभाग को भेज दिया जाता है। चेक पोस्ट, सड़कों, रेलवे स्टेशन व एयरपोर्ट पर जांच बढ़ जाती है।

    आवश्यक दस्तावेज वैध

    पहचान पत्र (आधार, पैन, वोटर आईडी)कैश की निकासी या स्रोत की रसीद (बैंक पर्ची आदि) एंड यूज का प्रमाण (शादी, मेडिकल खर्च या अन्य कानूनी कारण)।

    चेकिंग प्रक्रिया

    प्रशासन व चुनाव आयोग की टीमें, फ्लाइंग स्क्वाड व चेकपोस्ट पर सतर्क रहती हैं। दस्तावेज सही होने पर कैश वापस मिल सकता है; संतोषजनक जवाब न मिलने पर पैसा जब्त या कानूनी कार्रवाई।

    निष्कर्षआचार संहिता के समय कैश ले जाना है तो ₹50,000 तक सुरक्षित है। इससे ज्यादा राशि के लिए आधारभूत दस्तावेज जरूर रखें, अन्यथा कैश जब्त या कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।

    बैंक और कैश बैन से संबंधित हाल के निर्देशों के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और वित्त मंत्रालय ने कई नियम और गाइडलाइन्स जारी किए हैं जिनका उद्देश्य कैश ट्रांजेक्शन को नियंत्रित करना, बैंकिंग व्यवस्था को पारदर्शी बनाना और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना है।

    कैश बैन और बैंक निर्देश प्रमुख बिंदु

    RBI ने बैंक खातों में मृतक ग्राहकों के खातों और लॉकर क्लेम निपटान के लिए आदेश जारी किए हैं कि सभी क्लेम 15 दिनों के अंदर निपटाए जाएं। कैश लेनदेन पर कई प्रतिबंध हैं, जिनमें 2 लाख रुपये या उससे अधिक कैश लेनदेन स्वीकार नहीं किया जा सकता (Income Tax Act के तहत। RBI ने कैश रिजर्व रेशियो (CRR) और वैधानिक तरलता अनुपात (SLR) को कड़ा किया है, ताकि बैंकिंग तंत्र मजबूत किया जा सके।  बैंक खाताधारकों को अब अधिकतम चार नॉमिनी नामित करने की अनुमति मिली है।

    कैश निकासी पर नियम सख्त 

    ATM से दूसरे बैंक के पैसे निकालने के मुफ्त ट्रांजेक्शन कम कर तीन बार कर दिए गए हैं। डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए ₹500 के नोट का नियम बदला गया है, जिससे कैश लेनदेन की जगह डिजिटल माध्यमों का प्रयोग बढ़ेगा।

    कैश लेनदेन नियमकिसी व्यक्ति के पास ₹2 लाख या उससे अधिक कैश लेनदेन सीमित है, वरना जुर्माना लग सकता है। ₹20,000 से ऊपर के नकद ऋण या जमा पर रोक है.

    10,000 रुपये से ज्यादा के खर्चों पर बैंकिंग या डिजिटल भुगतान अनिवार्य है। बैंकों को धोखाधड़ी रोकने, मनी लॉन्ड्रिंग की निगरानी और ग्राहकों की सही पहचान के लिए सख्त KYC पालन करना होता है.

    हर गतिविधि का बनेगा डिजिटल रिकार्ड

    जिलाधिकारी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी डा. त्यागराजन एसएम ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया को स्वच्छ, निष्पक्ष व भयमुक्त बनाने के लिए फ्लाईंग स्क्वायड, स्टैटिक सर्विलांस, वीडियो सर्विलांस और वीडियो व्यूइंग टीमों का गठन किया गया है।

    49 फ्लाईंग स्क्वायड, 183 स्टैटिक सर्विलांस टीमें, 42 वीडियो सर्विलांस व 42 वीडियो व्यूइंग टीमें बनाई गई हैं। ये प्रत्याशियों के चुनाव खर्च व अन्य गतिविधियों पर पैनी नजर रख सकें इसके लिए सभी टीमों को शुक्रवार को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

    इन टीमों के साथ जीपीएस युक्त वाहनों व वीडियोग्राफर भी होंगे जो हर गतिविधि का डिजिटल रिकार्ड बनाएंगे। टीमों का कार्य निर्वाचकों को डराने, धमकाने, नकद या उपहार वितरण जैसी प्रतिकूल गतिविधियों पर त्वरित कार्रवाई करना होगा।

    इस तंत्र के गठन का उद्देश्य आदर्श आचार संहिता व चुनावी व्यय पर सख्त निगरानी सुनिश्चित करना है। हर विधानसभा में तीन या इससे अधिक फ्लाईंग स्क्वायड जिले की 14 विधानसभा सीटों में से हर एक में न्यूनतम तीन या उससे अधिक फ्लाईंग स्क्वायड का गठन किया गया है।

    ये चुनाव तिथि घोषित होने से मतदान की तिथि तक कार्य करेंगे। हर फ्लाईंग स्क्वायड व स्टैटिक सर्विलांस टीम में जीपीएसयुक्त वाहन के साथ एक दंडाधिकारी, एक पुलिस पदाधिकारी, एक वीडियोग्राफर व तीन से चार सशस्त्र बल के जवान रहेंगे।

    असामाजिक तत्वों की निगरानी, प्रत्याशियों व अन्य लोगों द्वारा मतदाताओं को डराने-धमकाने, नकद या अन्य चीजें देकर प्रलोभन व अवैध खर्च रोकना होगा। उड़नदस्ता दल आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन एवं अन्य शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करेगा।

    यदि कहीं से नगद राशि, शराब, अन्य उपहार, रिश्वत, शस्त्रों, असामाजिक तत्वों की आवाजाही की सूचना मिलेगी तो शीघ्र उस स्थल पर पहुंचकर कार्रवाई कर रिपोर्ट देंगे। सभी गतिविधियों की वीडियोग्राफी कराई जाएगी।