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    बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटा चुनाव आयोग, सबसे बड़ी पार्टी को बूथों पर नहीं मिल रहे BLA

    By Raman Shukla Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Tue, 01 Jul 2025 11:28 AM (IST)

    बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारी जोरों पर है। चुनाव आयोग ने मतदाता सूची को दुरुस्त करने के लिए विशेष अभियान चलाया है जिसमें डेढ़ करोड़ से ज्यादा फॉर्म वितरित किए गए हैं। आयोग का लक्ष्य दो महीने में आठ करोड़ मतदाताओं का पुनरीक्षण करना है। राजनीतिक दलों से भी सहयोग मांगा गया है क्योंकि कई दलों के पास सभी बूथों पर बीएलए उपलब्ध नहीं हैं।

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    कई दलों के पास सभी बूथों पर बीएलए उपलब्ध नहीं हैं। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, पटना। विधानसभा चुनाव को लेकर विशेष सघन मतदाता पुनरीक्षण (एसआइआर) में पिछले पांच दिनों में डेढ़ करोड़ से अधिक मतदाताओं के बीच सत्यापन फार्म वितरित किए जा चुके हैं। चुनाव आयोग का लक्ष्य दो माह के अंदर करीब आठ करोड़ मतदाताओं का एसआइआर पूरा करना है। इसके लिए आयोग तीन लाख से अधिक कर्मचारियों की सेवा ले रहा है।

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    साथ ही आयोग ने नौ दलों के करीब डेढ़ लाख बीएलए (बूथ लेवल एजेंट) से भी अभियान में सहयोग की अपील की है। इसके पीछे वजह यह है कि वर्तमान में एसआइआर का विरोध कर रही मुख्य विपक्षी पार्टी राजद ही नहीं, बल्कि देश और बिहार की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा के पास भी सभी बूथों पर बीएलए नहीं हैं।

    मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय को उपलब्ध 

    रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में किसी भी दल के पास सभी 77,895 बूथों पर बीएलए नहीं हैं। हां, आंकड़ों में भाजपा जरूर शीर्ष पर है। दूसरे स्थान पर राजद, तीसरे स्थान पर जदयू और चौथे स्थान पर कांग्रेस है। इसके अलावा कोई भी पार्टी ऐसी नहीं है जिसके पास 2500 से ज्यादा बीएलए हों।

    इससे पार्टियों के जनाधार का भी अंदाजा लगाया जा सकता है। ऐसे में चुनाव आयोग की एसआईआर का विरोध करने वाली पार्टियों के लिए चुनौती है।

    हालांकि, सभी राजनीतिक दल लगातार अधिक से अधिक बीएलए की नियुक्ति कर रहे हैं ताकि मतदाता सूची की शुद्धता सुनिश्चित की जा सके।

    आयोग ने सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को सलाह दी है कि वे समय रहते प्रत्येक मतदान केंद्र पर अपने बीएलए की नियुक्ति कर दें ताकि बाद में मतदाता सूची में त्रुटियों की शिकायत करने की जरूरत न पड़े। आयोग का स्पष्ट मत है कि सही समय पर भागीदारी से ही लोकतांत्रिक प्रक्रिया की विश्वसनीयता कायम रह सकती है।

    क्रमांक टीम बीएलए
    1 बीएसपी 26
    2 बीजेपी 51,964
    3 सीपीआई(एमए) 76
    4 कांग्रेस 8,586
    5 राजद 47,143
    6 जेडीयू 27,931
    7 एलजेपी 2,457
    8 आरएलएसपी 264
    9 सीपीआई (एम.एल.) 233