Updated: Thu, 25 Sep 2025 06:22 AM (IST)
बिहार में विधानसभा चुनाव की घोषणा जल्द हो सकती है। चुनाव आयोग ने तीन साल से एक ही जगह पर तैनात अधिकारियों के तबादले का आदेश दिया है और 6 अक्टूबर तक रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने कहा है कि कोई भी चुनाव अधिकारी अपने गृह जिले में तैनात नहीं रहेगा। यह फैसला स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए किया गया है।
राज्य ब्यूरो, पटना। विधानसभा चुनाव घोषणा को लेकर उलटी गिनती शुरू हो गई है। चुनाव आयोग की तैयारियों से इसके संकेत मिल रहे हैं। आयोग ने बिहार सरकार के मुख्य सचिव एवं बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर से पिछले तीन वर्ष से अधिक समय से एक ही स्थान पर तैनात अधिकारियों के स्थानांतरण का आदेश दिया है।
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कार्रवाई की रिपोर्ट छह अक्टूबर तक मांगी है। आयोग ने यह भी कहा है कि चुनाव कार्य से जुड़ा कोई अधिकारी अपने गृह जिला में भी पदस्थापित नहीं रहेगा। कोई अधिकारी अपने गृह जिला में पदस्थापित है, तो वैसे अधिकारियों का तत्काल स्थानांतरण सुनिश्चित कराएं।
क्या है आयोग की नीति
आयोग की नीति है कि चुनाव वाले राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव के संचालन से सीधे जुड़े अधिकारियों को उनके गृह जिला या उन स्थानों पर पदस्थापित नहीं किया जाता है, जहां वह एक लंबे समय से पदस्थापित हैं। इसलिए चुनाव से सीधे जुड़े किसी भी अधिकारी को गृह जिले में बने रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यदि कोई अधिकारी पिछले चार वर्षों के दौरान किसी जिले में तीन वर्ष वर्ष पूरा कर चुका है तो उसे स्थानांतरित किया जाएगा।
इन अधिकारियों का होगा स्थानांतरण
आयोग ने आदेश में कहा गया हैं कि डीएम, डीडीसी, बीडीओ, सीओ, जोनल आइजी, रेंज डीआइजी, राज्य सशस्त्र पुलिस के कमांडेंट, एसएसपी, एसपी, एडिशनल एसपी, इंस्पेक्टर, सब-इंस्पेक्टर, सार्जेंट मेजर या समकक्ष रैंक के सभी अधिकारी आदि इस श्रेणी में आते हैं।
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