Bihar Teachers: शहरी स्कूलों के रिक्त पदों की मांगी गई जानकारी, जिला शिक्षा अधिकारियों को मिले खास निर्देश
बिहार के शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के शहरी क्षेत्र के विद्यालयों में खाली पदों की विषयवार जानकारी मांगी है। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी किया है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक के आदेश के अनुसार बिहार के शहरी क्षेत्र के विद्यालयों के रिक्त पदों की विषयवार सूचना मुख्यालय में उपस्थित होकर सॉफ्टवेयर में अपलोड कराना अनिवार्य है।
राज्य ब्यूरो, पटना। शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के शहरी क्षेत्र के विद्यालयों में रिक्त पदों की विषयवार जानकारी मांगी है। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को आदेश जारी किया है।
विभागीय आदेश के अनुसार, राज्य के शहरी क्षेत्र के विद्यालयों के रिक्त पदों की विषयवार सूचना मुख्यालय में उपस्थित होकर सॉफ्टवेयर में अपलोड कराना अनिवार्य है। उसी क्रम में शहरी क्षेत्र के साथ ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों की रिक्तियों की भी प्रविष्टि सॉफ्टवेयर में की जानी है। इसके लिए प्रमंडलवार तिथि निर्धारित की गयी है।
15 अप्रैल को पूर्णिया प्रमण्डल, 16 अप्रैल को कोशी और भागलपुर प्रमंडल, 17 अप्रैल को मुंगेर प्रमंडल, 18 अप्रैल को दरभंगा प्रमंडल,19 अप्रैल को तिरहुत प्रमण्डल, 20 अप्रैल को मगध प्रमंडल, 21 अप्रैल को सारण प्रमंडल तथा 22 अप्रैल को पटना प्रमंडल के जिलों के शहरी क्षेत्रों के विद्यालयों में खाली पदों के विषयवार सूचनाएं अपलोड की जाएंगी।
निर्धारित तिथि को संबंधित प्रमंडल के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) को सभी सूचनाओं के साथ मुख्यालय आना अनिवार्य है।
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जिस स्कूल में पिता शिक्षक उसी में पढ़कर बिहार की थर्ड टॉपर बनी साजिया
प्रजातंत्र की धरती वैशाली स्थित श्री महावीर तीर्थंकर उच्च विद्यालय वैशाली की बेटी ने मैट्रिक की परीक्षा में पूरे बिहार में तीसरा स्थान हासिल कर अपने जिले और परिवार का नाम रोशन कर दिया है।
वैशाली प्रखंड अंतर्गत मदरना पंचायत के शिक्षक मोहम्मद साजिद की सबसे बड़ी बेटी साजिया प्रवीण ने 486 अंक लाकर पूरे बिहार में तीसरा स्थान हासिल किया है। साजिया को मिली सफलता से पूरे परिवार में खुशी का माहौल है।
साजिया ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता को दिया है और आगे चलकर डाक्टर बन समाज की सेवा करने का सपना संजोया है। साजिया के पिता उसी विद्यालय में गणित के शिक्षक हैं जिस विद्यालय में साजिया पढ़ती है। साथ ही साजिया की मां भी राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय मन्नीपुर में उर्दू शिक्षिका के रूप में कार्यरत हैं।
अपनी सफलता पर साजिया परवीन ने बताया कि उसको बचपन से माता और पिता का साथ मिला इसलिए सफलता का श्रेय अपने माता पिता को देना चाहती हूं। साजिया ने बताया कि उसे प्रत्येक दिन 06 से 07 घंटे सेल्फ स्टडी के बाद यह सफलता मिली।
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