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    बिहार में ED ने जब्त की तत्कालीन DIG की 1.5 करोड़ से अधिक की संपत्ति, मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में कार्रवाई

    Updated: Wed, 10 Dec 2025 09:03 PM (IST)

    प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बिहार में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए तत्कालीन डीआईजी की डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की है। यह कार्रवाई भ्रष्टाच ...और पढ़ें

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    राज्य ब्यूरो, पटना। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने डीआईजी रैंक के एक अधिकारी शिवेंद्र परिदर्शी की डेढ़ करोड़ से अधिक की संपत्ति प्रोविजनल तौर पर जब्त कर ली है। जब्त संपत्ति में दो फ्लैट के अलावा बैंक बैलेंस, सोने और चांदी के गहने, फिक्स डिपॉजिट, किसान विकास पत्र, एनएससी में निवेश शामिल है।

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    शिवेंद्र प्रियदर्शी पर आरोप है कि इन्होंने डीआईजी प्रिजन एंड करेक्शनल सर्विसेज के पद पर रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग करते हुए खुद के और पत्नी के नाम पर 1.52 करोड़ की अवैध संपत्ति अर्जित की।

    शिवेंद्र के खिलाफ सबसे पहले विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) जांच शुरू की इसके पहले फरवरी 2017 में प्राथमिकी मई 2017 में हुई। इसके बाद दायर चार्जशीट को आधार बनाकर प्रवर्तन निदेशालय ने मामले की जांच नए सिरे से शुरू की।

    इसके पहले ईडी ने शिवेंद्र प्रियदर्शी के खिलाफ आईपीसी 1860 और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन (पीसी) एक्ट, 1988 की अलग-अलग धाराओं के तहत केस किया।

    जांच से पता चला कि शिवेंद्र प्रियदर्शी, जो उस समय बिहार सरकार के जेल और सुधार सेवाओं के डीआईजी थे, बिहार में सासाराम, बेनीपुर, गोपालगंज, सिवान और पटना जैसी अलग-अलग जगहों पर पोस्टेड थे। इन्होंने जून 1993 से मई 2017 के बीच अवैध तरीके से अकूत संपत्ति अर्जित की। जो करीब 1,52,47,491 रुपये से ज्यादा थी।

    ईडी की जांच में आगे पता चला कि उसने आय से बहुत ज्यादा कमाई की, जिसका कुछ हिस्सा सीधे उसके परिवार वालों के बैंक अकाउंट में जमा किया गया और उसके रिश्तेदारों की मदद से भी पैसे जमा किए गए। काफी कमाई तोहफों के तौर पर भी हुई। फिलहाल इस मामले की आगे की जांच जारी है।