राजस्व लक्ष्य से फिसले जिले, सरकार नाराज़: कमजोर परफॉर्मेंस वाले अफसरों पर कार्रवाई की तैयारी, भेजा गया कारण बताओ नोटिस
बिहार के कई जिले राजस्व संग्रह के लक्ष्य को पूरा करने में विफल रहे हैं, जिससे राज्य सरकार नाराज है। सरकार ने कमजोर प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करने की तैयारी कर ली है और उन्हें कारण बताओ नोटिस भेजा गया है। सरकार को उम्मीद है कि इससे राजस्व संग्रह में सुधार होगा।

खान एवं भू-तत्व विभाग की एक समीक्षा बैठक
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में लगातार चली चुनाव प्रक्रिया के दौरान सरकारी विभागों में भी काम की गति अपेक्षाकृत धीमी रही। जिसका असर राजस्व संग्रह पर भी पड़ा है। हाल ही में खान एवं भू-तत्व विभाग की एक समीक्षा बैठक में यह जानकारी सामने आई कि जिलों को राजस्व संग्रह धीमा है।
खान एवं भू-तत्व विभाग के सचिव ने राजस्व संग्रह की प्रगति जानने के लिए जिलों के अधिकारियों की बैठक बुलाई थी।
समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई कि विभाग ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए जिलों को 4756.73 करोड़ रुपये राजस्व संग्रह का लक्ष्य दिया गया था।
जिसके विरूद्ध जिलों ने 862.64 करोड़ रुपये का ही संग्रह किया। कई जिले ऐसे भी हैं जिन्होंने लक्ष्य का 20 प्रतिशत का ही संग्रह किया।
जिसके बाद विभाग ने संबंधित जिलों के पदाधिकारियों से इसका जवाब तलब किया है।
सूत्रों ने बताया कि जिन जिलों ने 20 प्रतिशत से कम राजस्व संग्रह किया है उनमें मुंगेर, सारण, जहानाबाद, शिवहर, रोहतास, गया, जमुई, पटना, नालंदा, नवादा के अलावा औरंगाबाद, मधुबनी, सिवान, बेगूसराय, सीतामढ़ी, कटिहार और भागलपुर ने सितंबर महीने में 20 प्रतिशत से कम राजस्व संग्रह किया है।
इसके अलावा बालू खनन से भी कम राजस्व प्राप्त हुआ है।
बालू खनन से जिलों को 2556.58 करोड़ रुपये संग्रह का लक्ष्य दिया गया था। जिसके विरूद्ध 538.28 करोड़ रुपये का संग्रह हुआ है।
विभाग ने इस पर खेद प्रकट करते हुए जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे कार्य योजना बनाकर लक्ष्य प्राप्त करें और आगे भविष्य में होने वाली बैठक के पूर्व निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करें।

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