Bihar News: शिक्षकों पर कार्रवाई के लिए DEO को मिलेंगी प्रभावी शक्तियां, जानें नई नियमावली के महत्वपूर्ण नियम
बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली-2023 में जिला शिक्षा अधिकारियों की शक्तियों में बढ़ोतरी की गई है। जिला शिक्षा अधिकारी अब शिक्षकों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई भी कर सकेंगे। प्रस्तावित नियमावली में शिक्षा विभाग ने साफ कर दिया है कि कोई भी विशिष्ट शिक्षक जो 48 घंटे से अधिक समय से न्यायिक पुलिस और सिविल अभिरक्षा या कस्टडी में रहा हो उसे निलंबित समझा जाएगा।

दीनानाथ साहनी, पटना। बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली-2023 में जिला शिक्षा अधिकारियों (DEO) की शक्तियां बढ़ाई गई हैं। नई नियमावली के तहत मिली शक्तियों के जरिए डीईओ अब शिक्षकों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई भी कर सकेंगे।
इस मामले में उनके पास प्रभावी शक्तियां होंगी। अभी तक उन्हें यह अधिकार नहीं था। शिक्षकों पर कार्रवाई का अधिकार नियोजन इकाइयों (पंचायती राज एवं नगर निकाय) के पास है, लेकिन नई नियमावली प्रभावी होते ही ये शक्तियां डीईओ को मिलेंगी।
निलंबित माने जाएंगे ऐसे शिक्षक
शिक्षा विभाग ने प्रस्तावित नियमावली में साफ कर दिया है कि कोई भी विशिष्ट शिक्षक जो 48 घंटे से अधिक समय से न्यायिक, पुलिस और सिविल अभिरक्षा या कस्टडी में रहा हो उसे निलंबित समझा जाएगा।
इस संबंध में अनुशासनिक प्राधिकार इस आशय का औपचारिक आदेश जारी करेगा। अनुशासनिक प्राधिकार बर्खास्तगी, अनिवार्य सेवानिवृत्ति, निचले पद पर पदानवति, कम वेतन में पदावनति और वेतन वृद्धि को रोक सकता है।
इसके अलावा वह लघु दंड भी दे सकता है। निलंबन अवधि के दौरान विशिष्ट शिक्षक को वेतन और महंगाई भत्ते के 50 प्रतिशत के बराबर जीवन निर्वाह भत्ता का हकदार होगा।
गैरहाजिर शिक्षकों के वेतन पर तत्काल रोक का अधिकार
शिक्षा विभाग ने नियमावली में यह भी स्पष्ट कर दिया है कि यदि किसी पदाधिकारी द्वारा विद्यालय में निरीक्षण के दौरान कोई शिक्षक अनुपस्थित पाया जाता है, तो जिला शिक्षा पदाधिकारी इसके लिए सक्षम होगा कि वह ऐसे गैरहाजिर शिक्षक के वेतन को तुरंत रोक दे।
सात दिन के नोटिस के बाद अगर शिक्षक संतोषजनक उत्तर नहीं देता है तो अनुपस्थित शिक्षक की वेतन कटौती की जाएगी। नियमावली में वृहद दंड अधिरोपित करने की प्रक्रिया भी निर्धारित की गई है।
क्षेत्रीय उप निदेशक से की जा सकेगी अपील
नियमावली में अहम व्यवस्था यह होगी कि अपील का अधिकार क्षेत्रीय उप निदेशक के पास होगा। वह तीस दिन के अंदर अपील का निराकरण करेगा।
क्षेत्रीय उप निदेशक की तरफ से पारित आदेश के खिलाफ पुनरीक्षण प्रमंडलीय आयुक्त के समक्ष होगा। पुनरीक्षण,अपील निबटाने के तीस दिन के अंदर दायर किया जाएगा। प्रमंडलीय आयुक्त 60 दिनों के अंदर इसका निबटारा करेंगे।
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