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    Bihar Bhumi Survey: दाखिल-खारिज में लापरवाही पड़ी भारी, रडार पर 3 CO; पटना एडिशनल कलेक्टर हेक्वार्टर तलब

    प्रदेश में दाखिल-खारिज और जमाबंदी से जुड़े मामले में सुस्ती बरतने वाले अधिकारियों पर लगातार एक्शन लिया जा रहा है। बिहटा-संपतचक के सीओ से स्पष्टीकरण मांगा गया है। वहीं पुनपुन सीओ के साथ ही एडिशनल कलेक्टर को भी पटना मुख्यालय में तलब किया गया है। बिहार विधानपरिषद में भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री संजय सरावगी द्वारा इन सभी बातों की जानकारी दी गई।

    By Rajat Kumar Edited By: Divya Agnihotri Updated: Thu, 20 Mar 2025 08:25 AM (IST)
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    दाखिल-खारिज में सुस्ती बरतने वाले 3 CO से मांगा गया स्पष्टीकरण

    राज्य ब्यूरो, पटना। दाखिल-खारिज और जमाबंदी से जुड़े मामले में बिहटा-संपतचक के अंचल अधिकारी (सीओ) से स्पष्टीकरण मांगा गया है। वहीं पुनपुन के सीओ के साथ एडिशनल कलेक्टर को पटना मुख्यालय में तलब किया गया है। बिहार विधानपरिषद में भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री संजय सरावगी ने यह जानकारी दी। उन्होंने दो टूक कहा कि गड़बड़ी करने वाले कोई भी हो, उनके बख्शा नहीं जाएगा।

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    बिहटा और संपचतक के अंचल अधिकारी से मांगा गया स्पष्टीकरण

    प्रो. संजय कुमार सिंह के अल्पसूचित प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने बताया कि बिहटा और संपचतक के अंचल अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है।

    एक सप्ताह में पटना के समाहर्ता को अपने मंतव्य के साथ कार्रवाई की रिपोर्ट देने को कहा गया है। इस मामले में क्या कार्रवाई हुई, इसकी जानकारी इसी सत्र में देने की मांग मंत्री से की गई, जिसे उन्होंने स्वीकार किया।

    पुनपुन के सीओ तलब

    • वहीं अजय कुमार सिंह के तारांकित प्रश्न के उत्तर में मंत्री संजय सरावगती ने बताया कि पुनपुन के सीओ से स्पष्टीकरण की मांग की गई है।
    • इसके साथ ही 25 मार्च को विभागीय अपर मुख्य सचिव के चैंबर में पुनपुन के अंचलाधिकारी के साथ एडिशनल कलेक्ट्रेट को बुलाया गया है।

    कुमार नागेंद्र के अलसूचित प्रश्न के जवाब में मंत्री ने बताया कि गया के डोभी में कोरिडोर निर्माण को लेकर 90 प्रतिशत से अधिक रैयतों को भुगतान कर दिया गया है। शेष की जांच कर भुगतान कर दिया जाएगा।

    बक्सर में दाखिल खारिज के 46, डुमरांव में 42 मामले लंबित

    बक्सर में अभियान बसेरा-टू के तहत सर्वेक्षित परिवारों को नॉट फिट फॉर अलॉटमेंट दर्शाए जाने पर अपर समाहर्ता ने दोबारा से उसकी जांच कराने का निर्देश दिया है, ताकि कोई उचित व्यक्ति उससे वंचित न हो जाए। 75 दिनों से ज्यादा लंबित मामलों को एक सप्ताह के अंदर निष्पादित करने का भी निर्देश जारी किया गया है।

    अपर समाहर्ता ने बताया कि अभियान बसेरा-टू के अंतर्गत भौतिक सत्यापन में परिवारों को छांटा गया है। इसके तहत नावानगर में 336, डुमरांव में 218, सिमरी में 392, बक्सर में 343 एवं इटाढ़ी में 358 भूमिहीन सर्वेक्षित परिवारों को नॉट फिट फॉर अलॉटमेंट दर्शाया गया है।

    अनुशासनिक कार्रवाई का प्रस्ताव

    अपर समाहर्ता ने भूमि सुधार उप समाहर्ता बक्सर एवं डुमरांव को अपने अपने क्षेत्र अन्तर्गत संबंधित अंचल में भौतिक रूप से जांच कर एक सप्ताह के अन्दर प्रतिवेदन समर्पित करने का निर्देश दिया है।

    उन्होंने कहा है कि यदि जांच के क्रम में पाया जाता है कि जान-बुझकर भूमिहीन सर्वेक्षित परिवारों को नॉट फिट फॉर अलॉटमेंट दर्शाया गया है तो अनुशासनिक कार्रवाई का प्रस्ताव समर्पित करेंगे।

    एक सप्ताह में होगा 75 दिनों से ज्यादा लंबित मामलों का निराकरण

    दाखिल-खारिज के 75 दिनों से ज्यादा वाले लंबित सभी मामलों का निष्पादन एक सप्ताह के अंदर सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। अपर समाहर्ता ने भूमि सुधार उप समाहर्ता बक्सर एवं डुमरांव को अगले माह की पांच तारीख तक 75 दिनों से ज्यादा वाले लंबित सभी मामलों की समीक्षा करते हुए उनका निष्पादन कराने का निर्देश दिया है।

    बक्सर सहित इन जगहों में लंबित हैं मामले

    इसके तहत बक्सर में 46, डुमरांव में 42, ब्रह्मपुर में 27, चौसा में 26, इटाढ़ी में 15, सिमरी में 13, नावानगर में 10 एवं चौगाई में आठ मामले 75 दिनों से अधिक के अभी भी लंबित है।

    बैठक में जमाबंदी सत्यापन की समीक्षा में पाया गया कि कुल 210637 जमाबंदी में से 203585 को अंचल अधिकारियों द्वारा अप्रूव किया गया है।

    अभी राजस्व कर्मचारी के यहां 4705, राजस्व अधिकारी के यहां 517 एवं अंचल अधिकारी के यहां 1906 मामले लंबित हैं। सभी अंचल अधिकारी को इसमें प्रगति लाने का निर्देश दिया गया। मिसिंग लगान की समीक्षा में जिले में कुल 54393 मिसिंग लगान पाए गए। इसके लिए भी सभी अंचलाधिकारी एवं भूमि सुधार उप समहर्ताा बक्सर एवं डुमरांव को निर्देश दिया गया।

    बैठक में सीडब्ल्यूजेसी एवं एमजेसी तथा अन्य न्यायालय वादों में राजस्व से संबंधित 61 मामले लंबित पाए गए। संबंधित अंचल अधिकारी को मार्च 2025 तक सभी लंबित मामलों का निष्पादन करने का निर्देश दिया गया।

    इसके आलवा सीआरडब्ल्यूजेसी वादों के कुल आठ मामलों को संबंधित थाना प्रभारी के माध्यम से निष्पादित कराने के लिए प्रभारी पदाधिकारी, विधि शाखा को निर्देश दिया गया।

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