Bihar News: डिप्टी सीएम ने लॉन्च किया CSR पोर्टल, सरकार और बिहार की जनता को मिलेंगे कई लाभ
बिहार में कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) के तहत खर्च की जाने वाली राशि अब सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होगी। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने सीएसआर पोर्टल का शुभारंभ किया जो सरकार कॉरपोरेट जगत और एनजीओ के बीच एक सेतु का काम करेगा। इस पोर्टल पर आय-व्यय का पूरा हिसाब होगा जिससे पारदर्शिता और कार्यों की गुणवत्ता में सुधार होगा।

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) के तहत खर्च की जाने वाली राशि की जानकारी अब सार्वजनिक होगी। यह जानकारी सीएसआर पोर्टल पर उपलब्ध होगी, जिसका शुभारंभ मंगलवार को उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने किया।
उन्होंने कहा कि यह पोर्टल सरकार, कॉरपोरेट जगत, एनजीओ और समाज के बीच एक मजबूत सेतु का काम करेगा। दावा है कि आने वाले वर्षों में इस पोर्टल की आर्थिक क्षमता कई विभागों से अधिक होगी। इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि बिहार को सीएसआर मद में तीन से पांच हजार करोड़ रुपये मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकारी स्तर पर समुचित प्रयास किए जा रहे हैं। यह राशि अब उपयोगिता और गुणवत्ता के साथ राज्य, समाज और अन्य कार्यों पर खर्च की जाएगी। देश में अभी सीएसआर मद में 50 हजार करोड़ से अधिक खर्च होते हैं, जबकि बिहार में यह 300 करोड़ से भी कम है।
चौधरी को वित्त विभाग की ओर से सीएसआर पोर्टल विकसित करने की जिम्मेदारी दी गई है। पोर्टल पर सीएसआर मद में आय-व्यय के एक-एक पैसे का हिसाब होगा। जैसे किस कंपनी ने कितनी राशि दी। वह राशि कहां और कैसे खर्च हो रही है।
इस पोर्टल पर किए जा रहे कार्यों की वर्तमान प्रगति और अन्य संबंधित विवरण उपलब्ध होंगे। पहले सीएसआर के तहत खर्च की गई राशि की जानकारी समय पर और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं होती थी। सम्राट ने कहा कि पोर्टल शुरू होने के बाद सीएसआर के तहत मिलने वाली राशि व्यक्तिगत न होकर सरकार की समग्र चिंता का विषय होगी।
नागरिकों की आवश्यकता के अनुसार इसका समुचित उपयोग हो सकेगा और यह बिहार के विकास को एक नई दिशा देगा। पारदर्शिता और व्यय की गुणवत्ता बढ़ने से बिहार को तीन से पांच हजार करोड़ रुपये की आय हो सकती है।
विकास आयुक्त प्रत्यय अमृत ने कहा कि पहले पटना में अधिकारियों को राज्य के जिलों में सीएसआर पर खर्च की गई राशि की जानकारी नहीं मिल पाती थी। पोर्टल के विकसित हो जाने से अब इसकी रियल टाइम मॉनिटरिंग संभव हो सकेगी। कार्यों की गुणवत्ता भी बढ़ेगी।
वित्त विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर ने इस पोर्टल की खूबियां गिनाईं। समारोह में वित्त विभाग के विशेष सचिव मुकेश कुमार लाल, रचना पाटिल, महावीर शर्मा, एनटीपीसी के जीएम अनिल कुमार चावला, इंडसइंड बैंक की क्षेत्रीय प्रबंधक आराधना गिरि सहित विभाग के अन्य अधिकारी और कॉर्पोरेट जगत के पदाधिकारी उपस्थित थे।
सीएसआर निधि के दाता
कंपनी अधिनियम के अनुसार, 500 करोड़ रुपये या उससे अधिक की वार्षिक शुद्ध संपत्ति या 1000 करोड़ रुपये या उससे अधिक का वार्षिक कारोबार या 5 करोड़ रुपये या उससे अधिक का शुद्ध वार्षिक लाभ वाली कंपनी को सीएसआर पर खर्च करना आवश्यक है। उन्हें पिछले तीन वित्तीय वर्षों के औसत शुद्ध लाभ का कम से कम दो प्रतिशत सीएसआर पर खर्च करना होता है।
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