बिहार क्रिकेट टीम ने रचा इतिहास, विजय हजारे ट्राफी में बनाए रिकॉर्ड 574 रन, कप्तान गनी-वैभव ने बल्ले से मचाई तबाही
बिहार क्रिकेट टीम ने विजय हजारे ट्रॉफी में 574 रन बनाकर इतिहास रच दिया। कप्तान सकीबुल गनी और वैभव सूर्यवंशी के तूफानी शतकों की बदौलत टीम ने लिस्ट-ए क् ...और पढ़ें

बिहार के कप्तान सकीबुल गनी और युवा खिलाड़ी वैभव सूर्यवंशी।
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जागरण संवाददाता, पटना। भारतीय घरेलू क्रिकेट में बिहार क्रिकेट टीम ने ऐसा इतिहास रच दिया है, जिसकी गूंज लंबे समय तक सुनाई देगी। विजय हजारे ट्रॉफी के एक मुकाबले में बिहार ने 574 रन बनाकर न सिर्फ टूर्नामेंट, बल्कि लिस्ट-ए क्रिकेट का नया रिकॉर्ड कायम कर दिया। इस ऐतिहासिक उपलब्धि के सूत्रधार बने टीम के कप्तान सकीबुल गनी और युवा सनसनी वैभव सूर्यवंशी, जिन्होंने अपने तूफानी शतकों से विपक्षी गेंदबाजों को पूरी तरह बेबस कर दिया।
मैच में बिहार ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया और शुरुआत से ही आक्रामक तेवर अपनाए। कप्तान सकीबुल गनी ने मोर्चा संभालते हुए मैदान के चारों ओर शॉट्स की बरसात कर दी। गनी ने बेहद कम गेंदों में शतक जड़ते हुए भारतीय लिस्ट-ए क्रिकेट का सबसे तेज शतक लगाने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। उनकी यह पारी सिर्फ रन बनाने तक सीमित नहीं रही, बल्कि टीम को एक असाधारण स्कोर तक पहुंचाने की नींव बनी।
दूसरी ओर, युवा बल्लेबाज वैभव सूर्यवंशी ने भी कप्तान का भरपूर साथ दिया। वैभव ने अपने स्वाभाविक आक्रामक अंदाज में खेलते हुए गेंदबाजों पर लगातार दबाव बनाए रखा। उनकी बल्लेबाजी में आत्मविश्वास और परिपक्वता साफ झलक रही थी। दोनों बल्लेबाजों के बीच हुई साझेदारी ने बिहार की पारी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया।
बिहार के अन्य बल्लेबाजों ने भी इस ऐतिहासिक प्रदर्शन में अहम भूमिका निभाई। शीर्ष और मध्यक्रम के खिलाड़ियों ने तेजी से रन बटोरे और बड़े शॉट खेलने से परहेज नहीं किया। नतीजा यह हुआ कि बिहार ने निर्धारित 50 ओवरों में 574 रन का पहाड़ जैसा स्कोर खड़ा कर दिया, जो अब तक का सबसे बड़ा लिस्ट-ए टीम स्कोर माना जा रहा है।
यह रिकॉर्ड सिर्फ एक मैच की जीत नहीं, बल्कि बिहार क्रिकेट के पुनर्जागरण का प्रतीक है। लंबे समय तक घरेलू क्रिकेट में संघर्ष करने वाली बिहार टीम अब नए आत्मविश्वास के साथ उभरती नजर आ रही है। कप्तान सकीबुल गनी की नेतृत्व क्षमता और वैभव सूर्यवंशी जैसे युवा खिलाड़ियों की आक्रामक सोच ने टीम को नई पहचान दी है।
विजय हजारे ट्रॉफी में यह प्रदर्शन चयनकर्ताओं की नजरों में भी बिहार क्रिकेट को मजबूती से स्थापित करेगा। इस ऐतिहासिक मुकाबले ने यह साबित कर दिया है कि बिहार अब सिर्फ भाग लेने वाली टीम नहीं, बल्कि रिकॉर्ड बनाने और तोड़ने वाली टीम बन चुकी है।

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