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    बिहार के वैभव सूर्यवंशी ने रचा इतिहास: 14 साल की उम्र में 36 गेंदों पर शतक, 39 साल पुराना वर्ल्ड रिकॉर्ड टूटा

    By Akshay PandeyEdited By: Radha Krishna
    Updated: Wed, 24 Dec 2025 12:45 PM (IST)

    बिहार के 14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी ने विजय हजारे ट्रॉफी में 36 गेंदों पर शतक बनाकर 39 साल पुराना वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ा। अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ खेलते हु ...और पढ़ें

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    वैभव सूर्यवंशी ने विजय हजारे ट्रॉफी जमाया शतक

    जागरण संवाददाता, पटना। बिहार क्रिकेट के लिए यह पल ऐतिहासिक बन गया है। समस्तीपुर जिले के ताजपुर निवासी 14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी ने विजय हजारे ट्रॉफी में ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जिसने भारतीय क्रिकेट ही नहीं, बल्कि विश्व क्रिकेट का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ खेले गए मुकाबले में वैभव ने मात्र 36 गेंदों में शतक जड़ते हुए लिस्ट-ए क्रिकेट में सबसे कम उम्र में शतक लगाने का 39 साल पुराना विश्व रिकॉर्ड तोड़ दिया।

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    यह मुकाबला रांची के जेएससीए ओवल ग्राउंड में खेला गया, जहां बिहार की ओर से उपकप्तान के रूप में उतरे वैभव ने आक्रामक बल्लेबाजी का अद्भुत नमूना पेश किया।

    उन्होंने 84 गेंदों में 190 रन की विस्फोटक पारी खेली। इस दौरान उनके बल्ले से 16 चौके और 15 छक्के निकले। 12वें ओवर की पहली गेंद पर एक रन लेकर उन्होंने अपना शतक पूरा किया और दर्शकों को रोमांच से भर दिया।

    इससे पहले यह रिकॉर्ड पाकिस्तान के जहूर इलाही के नाम था, जिन्होंने 1986 में विल्स कप के दौरान रेलवे के खिलाफ 15 साल 209 दिन की उम्र में लिस्ट-ए क्रिकेट में शतक जड़ा था। वैभव ने उनसे भी कम उम्र में यह उपलब्धि हासिल कर इतिहास रच दिया।

    वैभव का यह प्रदर्शन किसी एक मैच तक सीमित नहीं है। वे लगातार रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड तोड़ते आ रहे हैं। इससे पहले यूथ वनडे में यूएई के खिलाफ उन्होंने 14 छक्के लगाकर नया कीर्तिमान स्थापित किया था।

    अंडर-19 एशिया कप में उन्होंने 95 गेंदों पर 171 रन बनाए थे, जिसमें 14 छक्के और 9 चौके शामिल थे। इस पारी के साथ वे यूथ वनडे में सबसे ज्यादा छक्के लगाने वाले बल्लेबाज बन गए। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के माइकल हिल का 2008 में बना 12 छक्कों का रिकॉर्ड तोड़ा।

    वैभव की बल्लेबाजी के दम पर भारतीय टीम ने यूथ वनडे का अब तक का सबसे बड़ा स्कोर भी बनाया। टीम ने 433 रन ठोके, जो स्कॉटलैंड के खिलाफ ढाका द्वारा बनाए गए 425 रन के पिछले रिकॉर्ड से अधिक है। उस मैच में एरोन जॉर्ज और विहान मल्होत्रा ने भी 69-69 रन की अहम पारियां खेलीं।

    हाल ही में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में भी वैभव ने इतिहास रचा था। 2 दिसंबर को ईडन गार्डन्स में महाराष्ट्र के खिलाफ उन्होंने 61 गेंदों में नाबाद 108 रन बनाए।

    इसके साथ ही वे इस टूर्नामेंट में शतक लगाने वाले सबसे कम उम्र के बल्लेबाज बने। खास बात यह है कि 14 साल की उम्र में वे अब तक तीन टी-20 शतक लगा चुके हैं, जो अपने आप में एक अनोखा रिकॉर्ड है।

    आईपीएल में भी वैभव का नाम रिकॉर्ड बुक में दर्ज है। वे आईपीएल इतिहास में सबसे कम उम्र में अर्धशतक लगाने वाले खिलाड़ी बने। उन्होंने 14 साल और 32 दिन की उम्र में यह उपलब्धि हासिल की।

    इससे पहले यह रिकॉर्ड राजस्थान रॉयल्स के कप्तान रियान पराग के नाम था, जिन्होंने 17 साल 175 दिन में फिफ्टी लगाई थी।

    वैभव की सफलता के पीछे संघर्ष और त्याग की एक प्रेरक कहानी है। 27 मार्च 2011 को जन्मे वैभव ने सात साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया।

    उनके पिता संजीव सूर्यवंशी ने बेटे के जुनून को पहचानते हुए उसकी ट्रेनिंग के लिए अपनी जमीन तक बेच दी। वैभव ने समस्तीपुर की जेनिथ क्रिकेट एकेडमी से क्रिकेट की शुरुआती ट्रेनिंग ली।

    नौ साल की उम्र में उन्होंने नियमित रूप से एकेडमी में अभ्यास शुरू किया। इसके बाद पिता उन्हें पटना के संपतचक स्थित जेन एक्स क्रिकेट एकेडमी ले आए। महज 10 साल की उम्र में वैभव ने बड़े स्तर के मुकाबलों में रन बनाने शुरू कर दिए।

    वैभव के कोच ब्रजेश बताते हैं कि वह बेहद मेहनती खिलाड़ी हैं। चिलचिलाती धूप में भी वे सुबह 10 बजे से शाम 3:30 बजे तक अभ्यास करते थे।

    एकेडमी में उनका अलग से 5 से 6 घंटे का स्पेशल प्रैक्टिस सेशन होता था, जिसमें सीनियर खिलाड़ी भी उनके साथ अभ्यास करते थे।

    कोच के अनुसार, वैभव के पिता संजीव हर दूसरे दिन लगभग 100 किलोमीटर दूर मैच दिखाने ले जाते थे। इतना ही नहीं, जब वैभव एक्स्ट्रा ट्रेनिंग करते थे, तब उनके पिता सभी साथी खिलाड़ियों के लिए टिफिन भी लेकर आते थे, ताकि गेंदबाज ज्यादा समय तक अभ्यास कर सकें।

    हालांकि, वैभव की उम्र को लेकर समय-समय पर विवाद भी उठते रहे हैं। कुछ रिपोर्टों में उनकी उम्र पर सवाल खड़े किए गए, लेकिन उनके पिता ने मेडिकल जांच करवाई, जिसमें उनकी उम्र सही पाई गई।

    बिहार के स्टेट कोच प्रमोद कुमार ने वैभव को शांत स्वभाव का और क्रिकेट के लिए समर्पित खिलाड़ी बताया है। उनके मुताबिक, वैभव ऐसे खिलाड़ी हैं जो सिर्फ क्रिकेट खेलने के लिए बने हैं।