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    पटना में निजी गाड़ियों के ‘कमर्शियल खेल’ पर सख्ती; परिवहन मंत्री श्रवण कुमार के निर्देश, होगी ताबड़तोड़ कार्रवाई

    Updated: Mon, 29 Dec 2025 12:15 PM (IST)

    बिहार में निजी वाहनों के व्यावसायिक उपयोग पर सरकार सख्त हो गई है। परिवहन मंत्री श्रवण कुमार ने इस पर गंभीर चिंता जताते हुए एजेंसियों, वाहन मालिकों और ...और पढ़ें

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    परिवहन मंत्री श्रवण कुमार के निर्देश, होगी ताबड़तोड़ कार्रवाई

    जागरण संवाददाता, पटना। बिहार में निजी वाहनों के व्यावसायिक उपयोग के बढ़ते मामलों को लेकर सरकार सख्त हो गई है। ग्रामीण विकास एवं परिवहन विभाग के मंत्री श्रवण कुमार ने इस पर गंभीर चिंता जताते हुए स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि निजी वाहनों को कमर्शियल इस्तेमाल में लगाने वाली एजेंसियों, वाहन मालिकों और संबंधित पक्षों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। मंत्री ने कहा कि इस तरह की गतिविधियों से न केवल नियमों का उल्लंघन हो रहा है, बल्कि राज्य सरकार को भारी राजस्व नुकसान भी उठाना पड़ रहा है।

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    शनिवार को छपरा जिले में परिवहन विभाग के पदाधिकारियों के साथ आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री को जानकारी दी गई कि राज्य के कई जिलों में निजी वाहनों का खुलेआम व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है। खासकर खनन विभाग, पर्यटन विभाग, निजी होटल, ट्रैवल एजेंसियों और अन्य संस्थानों के लिए निर्धारित व्यावसायिक वाहनों के स्थान पर निजी गाड़ियां चलाई जा रही हैं। कई एजेंसियां निजी वाहनों को किराये पर उपलब्ध करा रही हैं, जबकि उनके पास न तो आवश्यक परमिट है और न ही फिटनेस प्रमाण-पत्र।

    परिवहन मंत्री ने इस स्थिति पर नाराजगी जताते हुए कहा कि व्यावसायिक वाहन संचालन के लिए नियमों का पालन अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि नियमानुसार 8 वर्ष से कम पुराने व्यावसायिक वाहनों के लिए हर दो वर्ष में फिटनेस प्रमाण-पत्र लेना होता है, जबकि 8 वर्ष से अधिक पुराने वाहनों के लिए हर वर्ष फिटनेस प्रमाण-पत्र अनिवार्य है। इसके अलावा स्टेज कैरेज, कॉन्ट्रैक्ट कैरेज, मालवाहक वाहन और पर्यटन प्रयोजनों के लिए चलने वाले वाहनों के लिए वैध परमिट होना जरूरी है।

    मंत्री ने कहा कि इन्हीं फिटनेस प्रमाण-पत्रों और परमिटों के माध्यम से सरकार को राजस्व प्राप्त होता है। लेकिन निजी वाहनों को कमर्शियल उपयोग में लाकर न केवल कानून की अनदेखी की जा रही है, बल्कि सरकारी राजस्व की भी सीधी क्षति हो रही है। उन्होंने इसे गंभीर मामला बताते हुए सभी जिलों के परिवहन पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि तत्काल जांच अभियान चलाया जाए और दोषियों पर सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

    श्रवण कुमार ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकारी विभागों में भी यदि निजी वाहन नियमों के विरुद्ध उपयोग में पाए जाते हैं, तो संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि नियम सबके लिए समान हैं और किसी को भी छूट नहीं दी जाएगी।

    बैठक में मंत्री ने परिवहन विभाग को सख्त प्रवर्तन अभियान चलाने, दस्तावेजों की गहन जांच करने और अवैध रूप से संचालित वाहनों को चिन्हित कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। सरकार के इस कदम से साफ संकेत है कि अब निजी गाड़ियों के ‘कमर्शियल खेल’ पर सख्ती से लगाम लगेगी और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की जाएगी।