बिहार में सरकारी जमीन की अवैध सौदेबाजी पर कसेगी लगाम, दोषी अफसरों पर होगी कार्रवाई
बिहार में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे के खिलाफ सरकार सख्त हो गई है। मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने सभी प्रमंडलीय आयुक्तों को भू-माफिया और भ्रष्ट अधिकारियों ...और पढ़ें

मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, पटना। सरकारी जमीन पर मनमाने तरीके से अवैध कब्जा प्रदेश में आम बात है। कई मामलों में तो सरकारी सेवकों की मिलीभगत से भी व्यापक पैमाने पर सरकारी जमीन को कब्जा किया गया है। मगर, अब सरकार ऐसे मामलों में सख्त हो गई है। अब राज्य में सरकारी जमीन की अवैध सौदेबाजी पूरी तरह बंद होगी। अगर कोई अफसर ऐसे सौदे में संलिप्त पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी होगी।
प्रदेश के मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने शुक्रवार को सभी प्रमंडलीय आयुक्तों, सभी मजिस्ट्रेट, अनुमंडल अधिकारी एवं अंचल अधिकिारियों को पत्र लिखकर भू-माफिया व भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई और सरकारी जमीन की खरीद-बिक्री पर तत्काल रोक लगाने का निर्देश दिया है।
उन्होंने लिखा है कि कई मामले उजागर हुए हैं जिसमें सरकारी भूमि निजी व्यक्तियों के पक्ष में अवैध दाखिल-खरिज एवं जमाबंदी कर दी गई है। क्षेत्रीय पदाधिकारियों ने भू-माफिया अथवा किसी व्यक्ति को विशेष सरकारी भूमि का हस्तांतरण कर किया है, जो बिल्कुल अनियमित एवं अनैतिक है।
ऐसा भी देखा गया है कि योग्य श्रेणी के वास भूमिहीन परिवारों, व्यक्तियों को आवंटित सरकारी भूमि जैसे गैर मजरूआ खास, गैर मजरूआ आम, सिलिंग की अधिशेष भूमि, विशेषाधिकार प्राप्त व्यक्ति के नाम किए जाने के मामले भी सामने आए हैं।
उन्होंने लिखा कि सरकारी भूमि के अवैध हस्तांतरण के मामलों की सरकार स्तर पर समीक्षा की गई। जिसके बाद यह निर्णय लिया गया है कि सरकारी भूमि के अवैध हस्तांतरण के ऐसे मामलों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगेगी। यदि कोई कर्मी, अफसर ऐसे मामले में लिप्त पाया जाएगा तो उस भी कठोर कार्रवाई होगी।
मुख्य सचिव ने अपने आदेश में कुछ कार्य को प्राथमिकता में करने के दिए निर्देश
- किसी भी प्रकार की सरकारी भूमि का हस्तांतरण, आवंटन किसी संस्थान या व्यक्ति विशेष को बिना सरकार (जो अधिनियम में परिभाषित है) की अनुमति के नहीं किया जाएगा। सरकारी भूमि के भू-हस्तांतरण के लिए आवश्यकतानुसार मंत्रिपरिषद का अनुमोदन लिया जाएगा।
- भू-हस्तांतरण, आवंटन के ऐसे मामले जो, विभिन्न राजस्व पदाधिकारियों के स्तर पर विचाराधीन या लंबित हैं उन्हें तत्काल प्रभाव से एक स्तर ऊपर के क्षेत्रीय पदाधिकारी-समाहर्ता, प्रमण्डलीय आयुक्त के अनुमोदन से हस्तांतरित अथवा आवंटित किया जा सकेगा।
- पूर्व की तरह उच्चतम न्यायालय के निर्णय-आदेश के उपरान्त भू-हस्तांतरण पर यह प्रक्रिया लागू नहीं होगी। इसी प्रकार, पटना उच्च न्यायालय द्वारा पूर्व में निर्गत किए गए न्यायादेशों पर भी यह प्रक्रिया लागू नहीं होगी।
- राज्य सरकार ने सरकारी लैंड बैंक सृजित करने का निर्णय लिया है। जो औद्योगीकरण के लिए महत्वपूर्ण कड़ी है। सभी समाहर्ता जमीन की सुलभ उपलब्धता के लिए जिला स्तर पर लैंड बैंक पोर्टल सृजित करेंगे।

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