Bihar Politics: 'षड्यंत्र और सरकारी दोस्त...', चुनाव से पहले कांग्रेस को सता रहा डर! बिहार के 40 जिलों में...
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड वस्तुत नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का आर्थिक राजद्रोह है और इसकी जांच होनी चाहिए। यह मोदी सरकार का एक बड़ा घोटाला है। उन्होंने कहा कि भाजपा को सरकारी मित्रों का नाम सार्वजनिक करना चाहिए। कांग्रेस ने इलेक्टोरल बॉन्ड के मुद्दे पर आज 40 जिलों में प्रदर्शन भी किया।
राज्य ब्यूरो, पटना। इलेक्टोरल बॉन्ड को असंवैधानिक करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को निर्देश दिया था कि वह छह मार्च तक इसे खरीदने वालों का नाम सार्वजनिक करे। एसबीआई ने तीन माह की मोहलत मांग ली है।
बिहार कांग्रेस का आरोप है कि चूंकि इस बीच लोकसभा चुनाव होना है, लिहाजा केंद्र सरकार के दबाव में एसबीआई सरेआम नाम बताने से गुरेज कर रही। इसे षड्यंत्र बताते हुए कांग्रेस-जनों ने गुरुवार को बिहार के 40 संगठनात्मक जिलों और 534 प्रखंडों में धरना-प्रदर्शन किया।
पटना में विरोध प्रदर्शन
पटना में गांधी मैदान स्थित स्टेट बैंक की मुख्य शाखा के सामने प्रदर्शन के साथ नारेबाजी की। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड वस्तुत: नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का आर्थिक राजद्रोह है और इसकी जांच होनी चाहिए। यह मोदी सरकार का एक बड़ा घोटाला है।
'घिनौना षड्यंत्र रचा था...'
उन्होंने कहा कि इसके जरिये उसने विरोधी दलों एवं उनको दान देनेवालों को दंडित करने का घिनौना षड्यंत्र रचा था। हैरानी यह कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के बावजूद स्टेट बैंक नाम सार्वजनिक करने से कतरा रहा है। बैंक मोदी के डर से ऐसा कर रहा है, ताकि उनके पूंजीपति मित्रों का नाम उजागर न हो पाए।
कांग्रेस की मांग है कि भाजपा को इलेक्टोरल बॉन्ड द्वारा लगभग 20 हजार करोड़ देने वाले सरकारी मित्रों का नाम अविलंब सार्वजनिक किया जाए। विरोध प्रदर्शन में लाल बाबू लाल, शशि रंजन, आनन्द माधव, डा. विनोद शर्मा, सुधा मिश्रा आदि की उपस्थिति रही।
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