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    Bihar Chunav: महागठबंधन का घोषणापत्र: ‘तेजस्वी प्रण’ से बड़ा संदेश देने का प्रयास

    By Sunil Raj Edited By: Vyas Chandra
    Updated: Tue, 28 Oct 2025 07:31 PM (IST)

    महागठबंधन ने बिहार चुनाव के लिए घोषणापत्र जारी किया है, जिसका लक्ष्य एक महत्वपूर्ण संदेश देना है। इसमें युवाओं को रोजगार, शिक्षा और विकास के अवसर प्रदान करने पर जोर दिया गया है। किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के वादे भी शामिल हैं। सामाजिक न्याय और समानता को बढ़ावा देने का संकल्प लिया गया है, साथ ही वंचित वर्गों के उत्थान के लिए विशेष योजनाओं का वादा किया गया है।

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    घोषणापत्र जारी करते समय संयुक्‍त प्रेस कांफ्रेंस में महागठबंधन के नेता। जागरण

    राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान की तैयारियों के बीच महागठबंधन का बहुप्रतीक्षित साझा घोषणा पत्र जारी हुआ। ''तेजस्वी प्रण, संपूर्ण बिहार का संपूर्ण परिवर्तन'' नाम से जारी घोषणा पत्र में रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, कृषि, उद्योग, सामाजिक न्याय और कानून व्यवस्था को मुख्य आधार बनाया गया है। घोषणा पत्र जारी करते हुए मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने कहा कि यह दस्तावेज केवल वादों का नहीं, बल्कि बिहार के पुनर्निर्माण का रोडमैप है।

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    बिहार के पु‍ननिर्माण का रोडमैप 

    अपने घोषणा पत्र के जरिए महागठबंधन ने यह संदेश देने के प्रयास किए हैं कि बीते दो दशकों से सत्ता में रही एनडीए सरकार ने आम जनता की आकांक्षाओं के साथ घोर अन्याय किया है। बात शिक्षा की हो, स्वास्थ्य की या फिर कानून-व्यवस्था, रोजगार, पलायन, भ्रष्टाचार, अपराध, महंगाई, बाढ़ सुखाड़ हर क्षेत्र में शासन विफल रहा है। सुशासन के नाम पर फैली कुव्यवस्था और बेलगाम अपराध व भ्रष्टाचार ने राज्य की प्रशासनिक प्रणाली को पंगु बना दिया है।

    आज बिहार विकास के हर पैमाने पर सबसे निचले पायदान पर खड़ा है। बिहार पलायन प्रदेश होकर रह गया है। एनडीए सरकार की बागडोर अब सरकार के मुखिया के हाथ में न होकर अफसरशाहों और राजनीतिक दलालों के हाथ बंधक बनी हुई है। महागठबंधन का दावा है कि वह इस स्थिति को बदलने के लिए कृत संकल्पित है। उसका तेजस्वी प्रण है कि बिहार को समृद्ध, न्यायपूर्ण और खुशहाल बिहार बनाया जाएगा। घोषणा पत्र जारी करते हुए महागठबंधन के मुख्यमंत्री के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने कहा उनका लक्ष्य बिहार बनाना है न कि सरकार बनाना। बिहार को नंबर वन कैसे बनाया जाएगा यह हमारा दलों और दिलों से लिया गया प्रण है।


    महागठबंधन के घोषणा पत्र के कुछ अहम बिंदु

    रोजगार व युवा : महागठबंधन का यह पहला प्रण है। जिसमें वादा किया गया है कि सरकार बनते ही 20 दिनों के अंदर अधिनियम लाकर प्रदेश के हर परिवार के एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का निर्णय लिया जाएगा। 20 महीने के अंदर नौकरी देने के रोड मैप पर काम शुरू हो जाएगा। सरकार के कार्यकाल में 1.12 करोड़ से ज्यादा रोजगार सृजन किया जाएगा।

    दिव्यांग वर्ग : सरकारी नौकरियों में दिव्यांगों के लिए विशेष रिक्तिता के प्रविधान। दिव्यांगों को लघु व्यापार के लिए विशेष लोन, इन्हें विशेष मिल्क बूथ आवंटित किए जाएंगे। तीन हजार की पेंशन और विशेष आवास स्कीम लाई जाएगी।

    शिक्षा सुधार : केंद्र की नई शिक्षा नीति के दुष्प्रभावों की समीक्षा होगी। समान स्कूल प्रणाली व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित होगी। प्रत्येक अनुमंडल में महिला कालेज की स्थापना, कुल 100 कालेज खोले जाएंगे। पटना में सावित्री बाई फुले, फातिमा शेख महिला विश्वविद्यालय की स्थापना होगी। निजी स्कूल व कोचिंग में फीस संचालन के लिए कानून बनेगा और शिक्षा में संविदा प्रणाली समाप्त होगी।

    जन स्वास्थ्य व चिकित्सा सुरक्षा : गरीबी रेखा के नीचे के परिवार को 25 लाख तक का मुफ्त इलाज। मध्यम वर्ग के व्यक्तियों को भी कम प्रीमियम पर योजना का लाभ। सरकारी अस्पतालों में दवाएं और जांच मुफ्त। प्रत्येक अनुमंडल में आपातकालीन आइसीयू की स्थापना। स्वास्थ्य विभाग में रिक्त पदों पर शीघ्र बहाली।

    महिला सशक्तीकरण : माई-बहिन मान योजना के तहत दिसंबर से 25 सौ रुपये की सहायता। एक वर्ष में 30 हजार की सहायता। बेटी और माई योजना लाकर बेटियों के लिए शिक्षा, ट्रेनिंग, एवं इनकम की व्यवस्था होगी। माताओं के लिए मकान, अन्न व इनकम की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। भूमिहीनों की दी जाने वाली जमीन का मालिकाना हक महिलाओं के नाम पर।

    सामाजिक न्याय व वंचित समुदाय : आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से बढ़ाने व अनुसूची नौ में शामिल करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा जाएगा। सभी शिक्षण संस्थानों में नामांकन में आरक्षण के प्रविधान होंगे।

    कानून व्यवस्था सुधार, अपराध मुक्त बिहार : अपराध पर नियंत्रण होगा। पुलिस स्टैब्लिशमेंट बोर्ड बनेगा। पहली कैबिनेट में पुलिस में 50 प्रतिशत से अधिक रिक्त पदों को भरने का निर्णय लिया जाएगा।


    कृषि, किसान और ग्रामीण अर्थव्यवस्था : किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल खरीद की गारंटी। पंचायत स्तर पर तेलहन, दलहन और मक्का की खरीद होगी। सिंचाई के लिए बंद नलकूपों को चालू किया जाएगा।

    मजदूर वर्ग : आशा और आशा फैसिलिटेटर को संविदा कर्मी का दर्जा देकर मानदेय 10 हजार होगा। ममता को छह हजार मासिक मिलेगा।