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    Bihar CHO Exam 2024: सभी परीक्षा केंद्रों पर थी सॉल्वर गिरोह की सेटिंग, करोड़ों में हुई थी डील

    Updated: Wed, 04 Dec 2024 09:37 PM (IST)

    बिहार सीएचओ परीक्षा 2024 में बड़ा घोटाला (Bihar CHO Exam 2024) सामने आया है। सॉल्वर गैंग ने कंपनी के ठेकेदारों को करोड़ों रुपये देकर सभी परीक्षा केंद्रों पर सेटिंग की थी। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की जांच में यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। ईओयू ने सभी परीक्षा केंद्रों को सील कर दिया है और आगे की कार्रवाई कर रही है।

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    सभी परीक्षा केंद्रों पर थी सॉल्वर गिरोह की सेटिंग, करोड़ों में हुई थी डील

    राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा 4500 सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी (सीएचओ) की बहाली के लिए आयोजित की गई परीक्षा का संचालन करने वाली कंपनी वी शाइन टेक प्राइवेट लिमिटेड ने करोड़ों रुपये में गड़बड़ी की डील की थी। सॉल्वर गिरोह ने कंपनी के ठेकेदारों को सभी एक दर्जन परीक्षा केंद्रों को मैनेज करने के बदले यह राशि दी थी।

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    आर्थिक अपराध इकाई की जांच में यह बातें सामने आई है। ईओयू के स्तर से सभी परीक्षा केंद्रों को विधिवत सील कर अग्रतर कार्रवाई की जा रही है।

    ईओयू ओर से दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, सभी 12 परीक्षा केंद्रों पर सॉल्वर गिरोह की सेटिंग थी। ईओयू की छापेमारी में जिन परीक्षा केंद्रों के मालिकों, केंद्राधीक्षकों और आईटी मैनेजर आदि को पूछताछ के लिए लाया गया था, उन्होंने भी अपनी पूछताछ में कई खुलासे किए हैं। आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि परीक्षा में कदाचार और धांधली की साजिश अगमकुआं थाना अंतर्गत भागवतनगर के शांति मार्केट स्थित एक किराये के फ्लैट में की गई थी।

    इसके अलावा, अयोध्या इंफोसोल नाम के परीक्षा केंद्र पर भी षड्यंत्र रचा गया था। इसमें नालंदा के आदित्य कुमार, रविभूषण, कुम्हरार के निखिल कुमार नेहरा, रविशंकर, हिमांशु गौतम, अंकेश गौतम के साथ वी शाइन कंपनी के स्थानीय कांट्रेक्टर आदि की भूमिका थी।

    पुलिस की छापेमारी में भागवतनगर के किराये के फ्लैट से शुभम राज, रविरंजन चाौधरी, सौरव कुमार, राहुल कुमार को गिरफ्तार किया गया है। यहां से पुलिस को कई प्रकार के इलेक्ट्रानिक उपकरण, पैन कार्ड, आधार कार्ड, एटीएम कार्ड, बैंक पास बुक, चेकबुक, नए और पुराने मोबाइल सेट आदि भी बरामद हुए हैं।

    अलग लीज लाइन के जरिए कराई जा रही थी नकल:

    ईओयू की अब तक की जांच में पाया गया कि सभी परीक्षा केंद्रों पर नकल के लिए इंटरनेट की अलग से लीज लाइन की व्यवस्था की गई थी। इसे परीक्षा केंद्र के ही एक लैपटॉप से जोड़कर चुनिंदा अभ्यर्थियों के कंप्यूटरों से जोड़ा गया था जिसके जरिए नकल कराई जा रही थी। इसी तकनीक से प्रश्नों के उत्तर ऑनलाइन सॉल्व हो रहे थे। गिरफ्तार आरोपितों में बड़ी संख्या नालंदा गिरोह से जुड़े लोगों की है। इनके भी कनेक्शन खंगाले जा रहे हैं कि इनकी भूमिका पूर्व के परीक्षा धांधली में रही है या नहीं।

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