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    Bihar CHO Exam 2024: किराए के मकान में वर्क स्टेशन, स्थानीय स्टाफ से भी सेटिंग; EOU ने किए हैरान कर देने वाले खुलासे

    Updated: Sat, 07 Dec 2024 09:16 AM (IST)

    सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी (Bihar CHO Exam 2024) के 4500 पदों के लिए एक दिसंबर को ली गई परीक्षा मामले में आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने कई बड़े खुलासे किए हैं। EOU ने 12 परीक्षा केंद्रों को सील करते हुए फारेंसिक जांच शुरू कर दी है। सॉल्वर गैंग ने किराए के मकान में 60 कंप्यूटरों वाला वर्क स्टेशन बनाया था। यहां से 1.85 लाख रुपये नकद भी बरामद किए गए हैं।

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    सॉल्वर गैंग की सेटिंग वाले 12 परीक्षा केंद्रों को EOU ने किया सील

    राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा 4500 पदों के लिए एक दिसंबर को ली गई सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी (Bihar CHO Exam 2024) की परीक्षा में धांधली का प्रमुख सरगना रवि भूषण निकला। वह नालंदा का रहने वाला है।

    आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की जांच में यह बात सामने आई है। ईओयू अधिकारियों के अनुसार, अलग-अलग टीमें रविभूषण समेत अन्य फरार आरोपितों की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है।

    आर्थिक अपराध इकाई (EOU)के अनुसार, संगठित गिरोह के प्रमुख सरगना रविभूषण ने पटना के अगमकुआं थाना अंतर्गत भागवत नगर में एक फ्लैट किराए पर लिया था, जिसे साल्वर गैंग के कमांड सेंटर के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था।

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    ईओयू के विशेष अनुसंधान दल (एसआइटी) की छापेमारी में इसका उद्भेदन हुआ है। यह कमांड सेंटर एक बड़े हालनुमा कमरे में चल रहा था, जहां 60 कंप्यूटरों वाला वर्क स्टेशन बनाया गया था।

    छापेमारी में बरामद हुईं ये चीजें

    छापेमारी में प्रतियोगी परीक्षाओं की पुस्तकों का भंडार, कई लैपटॉप, टैब, पेनड्राइव, हार्ड ड्राइव, मोबाइल, एडमिट कार्ड, डुप्लीकेट आधार कार्ड, एटीएम कार्ड, सर्टिफिकेट और अभ्यर्थियों की सूची बरामद की गई है।

    इसके अलावा एक लाख 85 हजार रुपये भी बरामद किए गए हैं। इन सभी सामानों को जब्त कर सेंटर को सील कर दिया गया है।

    ईओयू के अनुसार, इसी कमांड सेंटर का उपयोग ऑनलाइन परीक्षाओं के प्रश्नों को हल करने के लिए किया जा रहा था। ईओयू ने सीएचओ परीक्षा के लिए बनाए गए सभी 12 ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों को भी सील कर दिया है और फॉरेंसिंक जांच कराई जा रही है।

    इस मामले में गिरफ्तार 9 परीक्षार्थियों ने पूछताछ में ईओयू को बताया है कि संगठित गिरोह ने दलालों के माध्यम से प्रति छात्र चार से पांच लाख रुपये में परीक्षा पास करने की डील की थी। इसमें कुछ राशि अग्रिम ली गई थी, शेष परीक्षा का रिजल्ट आने के बाद दी जानी थी।

    परीक्षा से दो दिन पहले ही कंप्यूटर का मिल गया था रिमोट एक्सेस

    ईओयू के वैज्ञानिक अनुसंधान में पता चला है कि ऑनलाइन नकल कराने वाले गिरोह ने परीक्षा से एक से दो दिन पहले ही परीक्षार्थियों के कंप्यूटर का रिमोट एक्सेस प्राप्त कर लिया था।

    इसके लिए गिरोह ने स्थानीय स्टॉफ की मिलीभगत से प्री प्रोग्राम प्रॉक्सी सर्वर को परीक्षा से एक-दो दिन पहले परीक्षा केंद्रों के होम नेटवर्क से जोड़ दिया था। इसके बाद एमी एडमिन आदि सॉफ्टवेयर को कंप्यूटर में इंस्टाल कर उसका नियंत्रण हासिल कर लिया गया था।

    ईओयू की पूछताछ में इन तीन ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों ने की अपनी संलिप्तता स्वीकार

    1. एकम इवोल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड दानापुर
    2. एसीएमई इंस्टीट्यूट ऑफ इंफार्मेशन टेक्नोलाजी दीघा
    3. निताई इन्फोटेक रामकृष्णानगर

    ईओयू के अनुसार, परीक्षा संचालन करने वाली कंपनी वी शाइन टेक प्राइवेट लिमिटेड के कर्मियों की मिलीभगत से परीक्षा से संबंधित गोपनीय सूचना जैसे कंप्यूटर का आइपी एड्रेस, पासवर्ड, अभ्यर्थियों की लाग इन डिटेल, सर्वर आदि सॉल्वर गिरोह को मिल गए थे।

    इस मामले में वी शान टेक प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर संगठित गिरोह के द्वारा स्वयं नियोजित किए गए आठ निरीक्षक और पांच परीक्षा समन्वयकों को भी गिरफ्तार किया गया है।

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