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    Bihar: अगले दस दिनों में अपलोड हो जाएंगे जाति गणना संबंधी आंकड़े, प्रत्येक प्रगणक पर 150 घरों का जिम्मा

    By Jagran NewsEdited By: Mohit Tripathi
    Updated: Wed, 09 Aug 2023 01:50 AM (IST)

    बिहार में जाति आधारित गणना से जुड़े 17 प्रकार के आंकड़े अगले दस दिनों के भीतर सर्वर में अपलोड हो जाएंगे। इसकी मॉनीटरिंग कर रहे अधिकारियों ने बताया कि सभी जिलों से इस संबंध में जो रिपोर्ट मिल रही है उसके आधार पर यह कहा जा सकता कि आंकड़ों को अपलोड किए जाने का काम इस महीने के आखिरी हफ्ते तक पूरी तरह से खत्म हो जाएगा।

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    बिहार: अगले दस दिनों में अपलोड हो जाएंगे जाति गणना के आंकड़े, एक प्रगणक पर 150 घरों का जिम्मा

    राज्य ब्यूरो, पटना: बिहार में जाति आधारित गणना से जुड़े 17 प्रकार के आंकड़े अगले दस दिनों के भीतर सर्वर में अपलोड हो जाएंगे। इसकी मॉनीटरिंग कर रहे अधिकारियों ने बताया कि सभी जिलों से इस संबंध में जो रिपोर्ट मिल रही है, उसके आधार पर यह कहा जा सकता कि आंकड़ों को अपलोड किए जाने का काम इस महीने के आखिरी हफ्ते तक पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। आंकड़ों के विश्लेषण का काम अलग से किया जाना है।

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    हर प्रगणक को 50 घरों के आंकड़ों की जिम्मेदारी

    जाति आधारित गणना के दूसरे चरण के आंकड़े इस बाबत बने सर्वर में अपलोड किए जाने हैं। एक प्रगणक को मात्र 150 घरों से जुड़े आंकड़े अपलोड कराने हैं, इसलिए इस काम में कोई परेशानी नहीं है।

    आंकड़े मौके पर ही चेक हो जा रहे, क्योंकि एक बार में उनकी संख्या काफी कम है। इसके अलावा एप के माध्यम से पूर्व में भी आंकड़े अपलोड हैं। कई स्तर पर इन आंकड़ों का मिलान भी हो जा रहा है।

    क्या बोले गणना अधिकारी

    सामान्य प्रशासन विभाग के संबंधित अधिकारी का कहना है कि प्रखंड स्तर नियमित रूप से इसकी मॉनीटरिंग भी की जा रही कि जाति आधारित गणना से जुड़े आंकड़े अपलोड कराए जाने की गति क्या है।

    बेल्ट्रान द्वारा काम के लिए तकनीकी व्यवस्था की गई है। इसलिए बेल्ट्रान के माध्यम से भी इसकी मानीटरिंग हो रही है। मुख्यालय के स्तर पर इस बारे में जिलाधिकारियों के साथ निरंतर वीडियो कान्फ्रेंसिंग कर अपडेट लिया जा रहा।

    अभी नहीं होगा विश्लेषण का काम

    जाति आधारित गणना के तहत जो आंकड़े आए हैं उसके विश्लेषण का काम अभी नहीं हो रहा। यह काम बाद में किया जाना है। फिलहाल वह 17 प्रकार के आंकड़े उसी फारमेट में डाले जा रहे, जिसमें वे जुटाए गए हैं। आरंभिक आंकड़े से यह पता लगेगा कि राज्य में किस जाति के लोगों की संख्या कितनी है।