बिहार में बालू-शराब माफियाओं की अब खैर नहीं, कैबिनेट ने आपराधिक संपत्ति जब्ती नियमावली के गठन की दी मंजूरी
बिहार सरकार ने बालू और शराब माफिया के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए उनकी संपत्ति जब्त करने के लिए नई नियमावली को मंजूरी दी है। छोटे अपराधों के लिए सामुदायिक दंड का भी प्रावधान किया गया है। डायल-112 सेवा के चालकों का मानदेय बढ़ाया गया है और साइबर अपराधों से निपटने के लिए एक नई इकाई का गठन किया गया है।

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में बालू एवं शराब माफिया के साथ संगठित अपराध में शामिल अपराधियों की संपत्ति जब्ती की प्रक्रिया में अब तेजी आएगी।
राज्य कैबिनेट ने इसके लिए बिहार आपराधिक प्रक्रिया (अभिरक्षा एवं संपत्ति का निस्तार) नियमावली 2025 के गठन के प्रस्ताव की स्वीकृति दे दी है।
अभी तक राज्य में अपराधियों की संपत्ति जब्ती के लिए स्पष्ट प्रक्रिया निर्धारित नहीं थी। इसके साथ ही राज्य में छोटे अपराध करने पर दोषियों को सामुदायिक दंड भी दिया जा सकेगा।
इसके लिए भी नियमावली का गठन किया जाएगा। भारतीय न्याय संहिता, 2023 एवं भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा-23 के तहत इसका प्रविधान किया गया है।
राज्य कैबिनेट ने इसे लागू करने के लिए बिहार सामुदायिक सेवा नियमावली, 2025 गठित करने की स्वीकृति दी है।
डायल-112 वाहनों के परिचालन कार्य के लिए आर्मी वेलफेयर प्लेसमेंट ऑर्गनाइजेशन एजेंसी से सेना के रिटायर्ड चालकों की स्वीकृत मानदेय की राशि को 25 हजार 750 रुपये से बढ़ाकर 30 हजार रुपये मासिक करने की स्वीकृति दी गई है।
इसके अलावा पुलिस आधुनिकीकरण और अग्निशमन आदि के लिए भी करोड़ों की राशि की स्वीकृति दी गई है।
साइबर अपराध एवं सुरक्षा इकाई का हुआ गठन
राज्य में साइबर अपराध के बढ़ते मामलों को देखते हुए साइबर अपराध एवं सुरक्षा इकाई के गठन की स्वीकृति दी गई है। अभी तक यह आर्थिक अपराध इकाई के अंतर्गत काम करता था जिससे पृथक कर नई स्वतंत्र इकाई बनाई गई है।
इसके लिए 23 नए पदों का सृजन करते हुए पहले से सृजित 321 पदों को कर्णांकित किया गया है। इसके साथ ही 207 पदों को हस्तांतरित किए जाने की भी स्वीकृति दी गई है।
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