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    बिहार कैबिनेट का बड़ा फैसला: करबिगहिया का बंद पावर हाउस बनेगा ऊर्जा संग्रहालय, वकीलों को मिलेंगे 3000 रुपए

    Updated: Sat, 04 Oct 2025 02:00 AM (IST)

    पटना में करबिगहिया के पावर हाउस को ऊर्जा संग्रहालय बनाया जाएगा जबकि गयाजी में विष्णुपद मंदिर क्षेत्र का विकास होगा। बांकीपुर बस अड्डे की जमीन पर फाइव स्टार होटल बनेगा। सरकार अधिवक्ताओं को तीन साल तक पांच हजार रुपये मासिक स्टाइपेंड देगी और ई-लाइब्रेरी के लिए सहायता प्रदान करेगी। पेंशनधारियों के लिए जीवन प्रमाणन प्रक्रिया सरल की गई है और दिव्यांगजनों के लिए सहायता बढ़ाई गई है।

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    करबिगहिया का बंद पावर हाउस बनेगा ऊर्जा संग्रहालय। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, पटना। राजधानी के करबिगहिया इलाके में बड़ी चिमनी के आकार का दिखने वाला बंद पावर हाउस परिसर जल्द ही ऊर्जा संग्रहालय के रूप में विकसित किया जाएगा।

    इसे पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की सहमति राज्य कैबिनेट ने दी है। वहीं गयाजी में विश्वनाथ कॉरिडोर, वाराणसी की तर्ज पर विष्णुपद मंदिर क्षेत्र को विकसित किया जाएगा।

    इसके लिए मुख्य परामर्शी के तौर पर अहमदाबाद के एचसीपी डिजाइन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट का मनोनयन किया गया है। इस पर होने वाले वहन की स्वीकृति कैबिनेट से दी गई है।

    पटना में गांधी मैदान के पास बांकीपुर बस अड्डे की जमीन पर पांच सितारा होटल बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

    होटल के निर्माण के लिए आधारभूत संरचना विकास प्राधिकार के स्तर से अनुमोदित रियायती इकरारनामा दस्तावेज के आधार पर सफल निविदाकर्ता को लेटर ऑफ अवार्ड निर्गत करने की स्वीकृति दी गई है।

    कोलकाता की सारगा होटल प्राइवेट लिमिटेड को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। लीज की गई जमीन के न्यूनतम पंजीकृत मूल्य का भुगतान 90 वर्ष के लिए लीज पर दिया जाएगा।

    इस जमीन का न्यूनतम पंजीकृत मूल्य (एमवीआर) 68 करोड़ 4 लाख रुपये है। इस पर 9.5 प्रतिशत की वार्षिक दर से ब्याज की गणना की जाएगी। ब्याज समेत भूमि के पंजीकृत मूल्य की राशि का भुगतान अधिकतम 11 वर्षों में निवेशक के स्तर रियायती इकरारनामा दस्तावेज में अंकित शर्तों के अनुरूप किया जाएगा।

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    संबंधित कंपनी को सालाना 18 करोड़ 60 लाख रुपये अनुमान्य जीएसटी की राशि भुगतान एवं रियायती इकरारनामा दस्तावेज की शर्तों के अनुरूप वार्षिक लाइसेंस प्रीमियम के रूप में किया जाएगा।

    अधिवक्ताओं को तीन साल तक पांच हजार का स्टाइपेंड

    अधिवक्ताओं को तीन वर्ष तक पांच हजार रुपये महीने स्टाइपेंड देने पर कैबिनेट की मुहर लगाई है। एक जनवरी 2024 को या इसके बाद नामांकित अधिवक्ताओं को यह राशि दी जाएगी।

    राज्य के अधिवक्ता संघों को ई-लाइब्रेरी स्थापित करने के लिए पांच लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। इसके लिए बिहार अधिवक्ता कल्याण न्यास समिति को एकमुश्त सहायता के लिए 30 करोड़ रुपये दी जाएगी।

    कैबिनेट की अन्य महत्वपूर्ण घोषणाएं

    पेंशनधारियों के वार्षिक जीवन प्रमाणीकरण को सरल बनाने के लिए कॉमन सर्विस सेंटर ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड को इसके सत्यापन स्थल के तौर पर चयनित करने का निर्णय लिया, जिससे पेंशनधारी निकटतम कॉमन सर्विस सेंटर पर मुफ्त प्रमाणीकरण करा सकेंगे।

    बिहार प्रशासनिक सेवा नियमावली 2025 के गठन की स्वीकृति दी गई है। सहरसा में हवाई अड्डे के रनवे विस्तार के लिए 12.08 एकड़ जमीन अर्जित करने के लिए 147 करोड़ 76 लाख रुपये मुआवजा राशि की स्वीकृति दी गई है।

    मुख्यमंत्री दिव्यांगजन सशक्तिकरण छात्र योजना ‘संबल’ के अंतर्गत बैटरी चालित ट्राईसाइकिल के प्रावधानों तथा कृत्रिम अंग, सहायक उपकरण के प्रकार एवं उनकी संख्या में विस्तारीकरण एवं प्रावधानों में संशोधन किया गया है। इसके लिए 8 करोड़ 11 लाख 57 हजार रुपये की अतिरिक्त स्वीकृति दी गई है।

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