बिहार में 7वीं पास युवक-युवतियां बन सकेंगे बस कंडक्टर, नीतीश सरकार ने दी खुशखबरी
बिहार सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए सातवीं पास युवक-युवतियों को बस खलासी बनने की अनुमति दे दी है। परिवहन मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि यह फैसला परिवहन विभाग में सुधार और युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से लिया गया है। सरकार परिवहन सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और नई तकनीकों का उपयोग कर रही है।

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के नए परिवहन मंत्री श्रवण कुमार ने सोमवार को विभाग का कार्यभार संभाल लिया। विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह एवं राज्य परिवहन आयुक्त अभिषेक द्विवेदी ने पुष्प गुच्छ देकर मंत्री का स्वागत किया। पद ग्रहण करने के बाद मंत्री ने विभागीय अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक भी की।
बैठक के दौरान मंत्री श्रवण कुमार ने बड़ी घोषणा की। उन्होंने राज्य के सरकारी बसों में कंडक्टर बनने की न्यूनतम योग्यता दसवीं पास से घटाकर सातवीं पास कर दी है, ताकि ज्यादा से ज्यादा युवक-युवतियों को रोजगार मिल सके।
बैठक में राज्य में चार नए इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च (आईडीटीआर) के निर्माण के निर्देश दिए। ये नए केंद्र बांका, भागलपुर, पूर्णिया, बेतिया और नालंदा में बनाए जाएंगे। वर्तमान में राज्य में केवल पटना और औरंगाबाद में दो आईडीटीआर कार्यरत हैं।
मंत्री ने परिवहन व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक के निर्माण, बस अड्डों पर सुविधाओं का विस्तार, सफाई और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना, बस स्टॉप, अड्डों की जमीन पर हुए अवैध कब्जों को हटाना, चालक कल्याण योजना के तहत ड्राइवरों को स्वास्थ्य बीमा, जीवन बीमा, यूनिफॉर्म और पेंशन जैसी सुविधाएं सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
इसके साथ ही निगम की पुरानी व जर्जर बसों को डंप करने की बजाय उनकी नीलामी प्रक्रिया तेज करने कहा। मंत्री ने कहा कि इससे परिवहन सुविधा व्यवस्थित होगी और नई बसें खरीदने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि सरकार सभी प्रमुख रूटों पर अपनी बसें चलाने की तैयारी कर रही है, ताकि यात्रियों को सस्ती परिवहन सुविधा मिल सके।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।