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    बापू टावर की वास्तुकला आकर्षण का केंद्र, पारंपरिक विरासत और आधुनिकता का संगम है ये भवन

    Updated: Thu, 03 Jul 2025 12:01 AM (IST)

    बिहार का भवन निर्माण विभाग राज्य की सांस्कृतिक विरासत और आधुनिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। विभाग ने सरदार पटेल भवन नया पटना समाहरणालय और बापू टावर जैसे कई आधुनिक और भूकंपरोधी भवनों का निर्माण किया है। इन भवनों में आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया गया है और ये राज्य की आकांक्षाओं को आकार दे रहे हैं। बापू परीक्षा परिसर छात्रों के लिए बनाया गया है।

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    बापू टावर की वास्तुकला है आकर्षण का केंद्र

     डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और आधुनिक विकास की तस्वीर में भवन निर्माण विभाग एक स्तंभ के रूप में उभरकर सामने आया है। बीते वर्षों में इस विभाग ने कई ऐसे भवनों का निर्माण कराया है जो आधुनिक वास्तुकला और परंपरा का संगम है। विगत 20 वर्षों में आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर एक से बढ़कर एक आइकॉनिक भवनों का निर्माण कर रहा है।

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    यह विभाग सिर्फ ईंट और पत्थर से इमारतें नहीं बना रहा, बल्कि वह बिहार की आकांक्षाओं को आकार दे रहा है। यह न केवल प्रशासनिक और सार्वजनिक उपयोग के भवनों का निर्माण करता है बल्कि राज्य की पहचान को भी नई ऊंचाइयां दे रहा है। बदलते समय और जरूरतों को देखते हुए भवन निर्माण विभाग ने तकनीकी दक्षता और नवाचार का उपयोग करते हुए कई भव्य और अत्याधुनिक भवनों का निर्माण कराया है।

    अत्याधुनिक और भूकंपरोधी तकनीक से बना सरदार पटेल भवन

    सरदार पटेल भवन, जो अब पुलिस मुख्यालय और आपदा प्रबंधन विभाग का केन्द्र है, इसका प्रमुख उदाहरण है। अत्याधुनिक और भूकंपरोधी तकनीक से निर्मित यह भवन आपात स्थिति में संचालन केंद्र के रूप में कार्य करता है और बिना विद्युत आपूर्ति के 14 दिनों तक संचालन की क्षमता रखता है।

    नए पटना समाहरणालय ने लाई कामों में तेजी

    पटना समाहरणालय के पुराने जर्जर भवनों की जगह अब एकीकृत और व्यवस्थित नया समाहरणालय भवन तैयार किया गया है, जो राज्य की वास्तुकला का एक अद्भुत उदाहरण बन चुका है। इसमें 38 कार्यालय, जिला परिषद और अनुमंडल कार्यालय एक ही परिसर में सुचारू रूप से कार्य कर रहे हैं।

    ऐतिहासिक इमारतों पर चार चांद लगा रहा फसाड लाइटिंग

    विकास भवन और विश्वेश्वरैया भवन का नवीनीकरण भी किया गया है, जिनमें अब अतिरिक्त तल का निर्माण कर कार्यक्षमता को बढ़ाया गया है। इन भवनों में फसाड लाइटिंग का प्रयोग किया गया है। सूरज ढ़लने के बाद ये भवन लाल, पीले, गुलाबी और नीले रंग की रौशनी में डूब जाते हैं जिनकी शोभा देखते बनती है।

    छात्रों के लिए 25,000 क्षमता वाला बापू परीक्षा परिसर

    छात्रों के लिए भी भवन निर्माण विभाग ने बड़ी पहल की है। प्रतियोगिता परीक्षाओं के सफल संचालन के लिए शहर में 25,000 क्षमता वाला अत्याधुनिक बापू परीक्षा परिसर बनाया गया है। यहां एक साथ 5000 विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन परीक्षा की सुविधा भी मौजूद है।

    बापू टावर बना पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र

    सबसे आकर्षक निर्माण में शामिल है बापू टावर, जिसकी वास्तुकला अपने आप में अद्वितीय है। शंकु आकार में निर्मित इस भवन के बाहरी हिस्से में लगाया गया तांबे का विशेष आवरण इसे राष्ट्रीय स्तर पर विशिष्ट बनाता है। इसकी पर्यावरण-अनुकूल संरचना इसे वास्तुकला प्रेमियों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र बना रही है।