Bihar News: भवनों की क्वालिटी के लिए अब इंजीनियर-ठेकेदार की जिम्मेदारी होगी तय
बिहार में भवन निर्माण की गुणवत्ता को लेकर सरकार सख्त हो गई है। निर्माण में गड़बड़ी होने पर इंजीनियर और ठेकेदार जिम्मेदार होंगे। विभाग की समीक्षा बैठक में योजनाओं को गति देने, लंबित कार्यों को प्राथमिकता पर पूरा करने पर जोर दिया गया। सात जिलों में अटल कला भवन बनेंगे। जिला न्यायालयों में ट्रांसजेंडर और दिव्यांगों के लिए अलग शौचालय बनेंगे।

भवनों की क्वालिटी के लिए अब इंजीनियर-ठेकेदार की जिम्मेदारी होगी तय
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में भवनों के निर्माण के दौरान उसकी गुणवत्ता में किसी भी प्रकार की गड़बड़ होने पर विभाग के कार्यपालक अभियंता और संबंधित ठेकेदार की जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी। यह निर्णय भवन निर्माण विभाग और निगम की जारी योजनाओं की समीक्षा बैठक में लिया गया।
बैठक में भवन निर्माण विभाग के अपर सचिव, संयुक्त सचिव, मुख्य अभियंता, निदेशक अनुश्रवण, अधीक्षण अभियंता, कार्यपालक अभियंता तथा प्रशासी विभागों के नोडल पदाधिकारियों सहित अन्य कई पदाधिकारी मौजूद रहे।
बैठक में योजनाओं में तेजी, पीछे चल रही योजनाओं का काम प्राथमिकता में करने, जो समस्याएं हैं उन्हें दूर करने जैसे मुद्दों पर विचार किया।
बैठक में अररिया, नवादा, कैमूर सहित सात जिलों में अटल कला भवनों का निर्माण करने का निर्णय लिया गया। यह भवन 620 क्षमता वाले होंगे। साथ ही राजगीर खेल परिसर के बचे कार्यों को तेजी से पूरा करने के निर्देश भी दिए गए।
बिहार पशु विज्ञान विश्विद्यालय के शेष भवनों का निर्माण कार्य को समय से पूर्ण करने का निदेश दिया गया। वहीं, भवन निर्माण विभाग द्वारा 2599 पंचायत सरकार भवन का निर्माण किया जा रहा है जिनमें से 327 पंचायत सरकार भवन का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है। 196 भवनों का फिनिशिंग का कार्य किया जा रहा है।
अभियंताओं ने दिसंबर माह तक 233 पंचायत सरकार भवनों का निर्माण पूर्ण करने का आश्वासन दिया है। बैठक में जिला एवं अनुमंडल में कोर्ट में ट्रांसजेंडर एवं दिव्यांगों के लिए अलग से शौचालय की सुविधा विकसित करने के निर्देश भी दिए गए। भवन निर्माण विभाग द्वारा अभियंताओं को निदेशित किया गया कि गुणवत्तापूर्ण निर्माण हेतु अभियंताओं एवं संवेदकों के साथ महीने में दो बार बैठक करें।
इन विभागों के साथ हुई बैठक
भवन निर्माण विभाग, विधि विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, गृह (कारा) विभाग, श्रम संसाधन, कला संस्कृति एवं युवा विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण, ग्रामीण विकास, निबंधन, उत्पाद एवं मद्यनिषेध, सहकारिता, कृषि पंचायती राज, पशुपालन एवं मत्स्य विभाग, वाणिज्य कर विभाग एवं खेल विभाग।

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