Bihar Budget 2025: इस बार के बजट में बिहार को क्या-क्या मिल सकता है? इन मुद्दों पर फोकस रहने की संभावना
बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं ऐसे में बजट के दौरान इसे विशेष ध्यान रखा जाएगा। बजट में महिलाओं युवाओं और अनुसूचित जाति आदि के लिए प्रत्यक्ष लाभ वाली घोषणाओं की संभावना जताई जा रही है। इसके साथ ही नियुक्ति व रोजगार युवा व महिला सशक्तीकरण विभिन्न वर्गों का कल्याण आधारभूत संरचना स्वास्थ्य शिक्षा आदि पर बजट में फोकस होगा।

विकाश चन्द्र पाण्डेय, पटना। आर्थिक विकास को गति देने के साथ बिहार सरकार की प्राथमिकता में लोक-कल्याण शुरू से ही रहा है। ऐसे में बिहार के अगले बजट का जनोन्मुखी होना अप्रत्याशित नहीं होगा, क्योंकि इस वर्ष विधानसभा का चुनाव भी है। वित्त विभाग में कुछ इसी लक्ष्य के साथ वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट की तैयारी चल रही है।
कल्याणकारी योजनाओं के साथ आधारभूत संरचना, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य व शिक्षा प्रक्षेत्र के लिए उदार हृदय से आवंटन की संभावना जताई जा रही।
3 लाख करोड़ से ज्यादा का बजट
महिलाओं के साथ युवा वर्ग के लिए सरकार पहले से ही प्रतिबद्ध है। ऐसे में संभव है कि बजट का आकार तीन लाख करोड़ से अधिक का हो सकता है। चालू वित्तीय वर्ष (2024-25) का बजट 2.78 लाख करोड़ का रहा है।
विभिन्न विभागों से प्रस्ताव मिल जाने के बाद अब वित्त विभाग द्वारा बजटीय प्रविधान को अंतिम रूप दिया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, महिलाओं और युवाओं के लिए विशेष योजनाओं की घोषणा हो सकती है।
- शहरी क्षेत्रों में महिला स्वयं सहायता समूहों के गठन के लिए जीविका का विस्तार होना है। इस मद में राशि का आवंटन स्वाभाविक रूप से बढ़ेगा।
- प्रतियोगी परीक्षाओं के पहले चरण में सफल रहने वाले पिछड़ा-अति पिछड़ा वर्गों के अभ्यर्थियों को एकमुश्त नकद हस्तांतरण होता है। इस योजना के अंतर्गत और अधिक प्रतियोगी परीक्षाओं को सम्मिलित किया जा सकता है।
- गरीब परिवारों को छोटे व्यवसाय के लिए दो लाख रुपये तक अनुदान देने की योजना आगे भी जारी रहेगी और इसके लिए अतिरिक्त राशि का भी प्रवधान होना है।
- दूसरे प्रदेशों में महिलाओं, गरीबों, वृद्धों व दिव्यांगों के लिए नकदी हस्तांतरण व प्रत्यक्ष लाभ की योजनाओं का भी अधिकारियों द्वारा अध्ययन किया गया है।
- महिलाओं के लिए नकदी हस्तांतरण व सामाजिक पेंशन में वृद्धि विपक्ष के वादे से राजनीतिक दबाव भी है। ऐसे में बजट में सरकार की ओर से खुले हाथ वाली घोषणा की संभावना बनी हुई है।
कल्याण की बातें जनसंख्या के अनुपात में
चालू वित्तीय वर्ष में अनुसूचित जाति-जनजाति, अल्पसंख्यक, पिछड़ा-अति पिछड़ा वर्ग व समाज कल्याण से संबंधित विभागों द्वारा 12377.26 करोड़ रुपये का व्यय प्रस्तावित है। इस वर्ग की जनसंख्या में वृद्धि के समानुपातिक बजटीय आवंटन में भी बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही।
शिक्षा का हिस्सा बड़ा, स्वास्थ्य पर बल
स्थापना व प्रतिबद्ध व्यय के कारण शिक्षा विभाग को शुरू से ही बजट का बड़ा हिस्सा मिलता रहा है। इस बार यह हिस्सेदारी बढ़कर 20 प्रतिशत हो सकती है।
मेडिकल कॉलेज व अस्पताल आदि के निर्माण के कारण स्वास्थ्य विभाग को विकासात्मक व्यय के मद में अधिक आवंटन होना है।
फोकस में है सामाजिक-आर्थिक न्याय
2024-25 के बजट का 38.89 प्रतिशत (108384 करोड़) आवंटन गरीबों व वंचितों के लिए हुआ। इस वर्ग की उन्नति के साथ सरकार का जोर अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने पर भी है।
ऐसे में सामाजिक आर्थिक न्याय के उद्देश्य से इस बार बजटीय प्रविधान 62 से 65 प्रतिशत के बीच हो सकता है।
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