बिहार बोर्ड: पहली जनवरी से पूरी तरह हो जाएगा डिजिटल, लागू होगा ईआरपी सिस्टम
बिहार बोर्ड 1 जनवरी से पूरी तरह डिजिटल हो जाएगा, जिसमें 1983 से 2025 तक के मैट्रिक और इंटर के रिकॉर्ड डिजिटल रूप में सुरक्षित किए गए हैं। ईआरपी सिस्टम ...और पढ़ें

बिहार बोर्ड नए साल 2026 में हो जाएगा पूरी तरह डिजिटाइज
जागरण संवाददाता, पटना। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बिहार बोर्ड) डिजिटाइज में देश के अन्य राज्यों के बोर्ड से बहुत आगे निकल गया है। बिहार बोर्ड नए साल यानी एक जनवरी से ही पूरी तरह डिजिटाइज हो जाएगा। परीक्षा समिति की ओर से वर्ष 1983 से 2025 तक के मैट्रिक और इंटर के सभी रिकॉर्ड को डिजिटल रूप में सुरक्षित किया गया है। इससे दस्तावेजों की सुरक्षा के साथ-साथ पारदर्शिता और जवाबदेही भी सुनिश्चित हुई है।
ईआरपी सिस्टम से कामकाज हुआ तेज
परीक्षा समिति में एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ईआरपी) सिस्टम लागू कर अकादमिक, लेखा-वित्त, मानव संसाधन, विधि, सतर्कता, शिकायत निवारण और सामग्री प्रबंधन जैसे कार्य पूरी तरह कंप्यूटरीकृत कर दिए गए हैं। परीक्षा समिति द्वारा अपनाई गई डिजिटल और तकनीकी व्यवस्थाओं को अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिल गई है।
समिति को रिकार्ड प्रबंधन, सूचना सुरक्षा और गुणवत्ता प्रबंधन के लिए तीन आइएसओ सर्टिफिकेट प्रदान किए गए हैं। समिति ने 200 टेराबाईट क्षमता वाला अत्याधुनिक डेटा सेंटर स्थापित किया है, जिसे लगातार विस्तार दिया जा रहा है। इसके माध्यम से विद्यार्थियों के रिकार्ड और बोर्ड के विभिन्न साफ्टवेयर सुरक्षित रहेंगे।
प्री और पोस्ट एग्जाम साफ्टवेयर लागू है
परीक्षा से पहले आनलाइन पंजीयन, आनलाइन परीक्षा फार्म, ई-एडमिट कार्ड और आनलाइन शुल्क संग्रह की व्यवस्था है। वहीं, परीक्षा के बाद रिजल्ट प्रोसेसिंग पूरी तरह साफ्टवेयर आधारित है।
ओएफएसएस से 96 लाख विद्यार्थियों का अब तक नामांकन
वर्ष 2018 से लागू ओएफएसएस के माध्यम से अब तक 96 लाख से अधिक विद्यार्थियों ने 11वीं कक्षा में आनलाइन नामांकन कराया है। इन सभी का डेटा परीक्षा समिति द्वारा सुरक्षित रूप से संधारित किया गया है।
पीएम अवार्ड से भी हो चुका है सम्मान
उल्लेखनीय है कि परीक्षा प्रणाली में नवाचारों के लिए बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशाेर को को वर्ष 2022 में प्रधानमंत्री लोक प्रशासन उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
2025 में बोर्ड ने नया कीर्तिमान स्थापित किया
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने 2025 में नया कीर्तिमान स्थापित किया। समिति को एक साथ तीन अंतरराष्ट्रीय आइएसओ सर्टिफिकेट प्राप्त हुए । इसके साथ ही बिहार बोर्ड यह उपलब्धि हासिल करने वाला देश का पहला राज्य बोर्ड बन गया है।
बिहार बोर्ड को यह प्रमाण पत्र गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली (क्वालिटी मैनेजमेंट सिस्टम) के लिए (आइएसओ 9001:2015), सूचना सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली (इन्फार्मेशन सिक्योरिटी मैनेजमेंट सिस्टम) के लिए (आइएसओ-आइइसी 27001:2022) और रिकार्ड प्रबंधन प्रणाली (रिकार्ड मैनेजमेंट सिस्टम) के लिए (आइएसओ 15489-1:2016) प्रमाण पत्र हुआ है। इस उपलब्धि के बाद परीक्षा समिति देश का पहला बोर्ड बना है जिसने एक साथ तीनों पर प्रमाण पत्र प्राप्त किया है।

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