Bihar Election 2025: कुर्मी वोटरों को लुभाने के लिए BJP ने चला नया दांव, चौंक गई नीतीश कुमार की पार्टी
साल के आखिर में बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसी क्रम में भाजपा ने अब कुर्मी वोटरों पर अपनी नजरें गड़ा दी हैं। पार्टी ने बुधवार को पटना में कुर्मी एकता रैली का आयोजन किया। यह रैली छत्रपति शिवाजी महाराज की जन्म तिथि पर आयोजित की गई थी। माना जा रहा है कि यह कुर्मी वोटरों के बीच पैठ बनाने की भाजपा की स्वतंत्र पहल है।

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) होने हैं। चुनाव में अभी कई महीनों का समय बाकी है, लेकिन राजनीतिक दलों की सोशल इंजीनियरिंग शुरू हो गई है। एनडीए के दूसरे घटक दलों के आधार वोटों पर भी अपनी पकड़ मजबूत करने की मुहिम में भाजपा जुट गई है। राज्य में प्राय: सभी राजनीतिक दलों के प्रतिबद्ध वोटर हैं। ये जाति आधारित हैं।
जदयू की पकड़ अति पिछड़ों पर है। गैर-यादव पिछड़ी जातियों में कुशवाहा और कुर्मी पर भी जदयू की अच्छी पकड़ रही है। 2015 से पहले के चुनावों में जदयू के साथ रहने पर भाजपा अति पिछड़ा और कुर्मी जाति के वोटरों को लेकर निश्चिंत रहती थी।
2015 में झटका मिलने के बाद सतर्क हुई भाजपा
जदयू साथ है तो इन जातियों का वोट मिल ही जाएगा, लेकिन 2015 के विधानसभा चुनाव में झटका खाने के बाद से भाजपा सतर्क होकर अपना विस्तार करने में जुट गई। राजद के माय समीकरण के एक हिस्सा यादवों पर उसने ध्यान दिया।
शंभू और भीम को राज्यसभा भेजकर दिया संदेश
दूसरी तरफ, जदयू और एनडीए के दूसरे घटक दलों पर निर्भरता कम करने के प्रयास में भी वह जुट गई। दो साल के भीतर अति पिछड़ी जातियों के दो नेताओं- शंभू सिंह पटेल और भीम सिंह को राज्यसभा में भेज कर संदेश दिया कि वह भी इस वर्ग की हितैषी है।
कुशवाहा बिरादरी के सम्राट चौधरी उप मुख्यमंत्री हैं, लेकिन भाजपा ने कभी जदयू के एकाधिकार वाले कुर्मी वोटरों को जाेड़ने के लिए विशेष प्रबंध नहीं किया।
भाजपा विधायक ने कुर्मी एकता रैली से जदयू को चौंकाया
भाजपा विधायक कृष्ण कुमार मंटू ने बुधवार को पटना में कुर्मी एकता रैली का आयोजन कर जदयू को चौंका दिया है। मंटू 2010 में सारण जिले के अमनौर से जदयू के विधायक थे। 2015 में भाजपा के शत्रुघ्न तिवारी से हारे। 2020 में भाजपा उम्मीदवार बन कर विधायक बने।
कुर्मी एकता रैली का आयोजन छत्रपति शिवाजी महाराज की जन्म तिथि पर किया गया था, लेकिन माना यही जा रहा है कि यह कुर्मी वोटरों के बीच पैठ बनाने की भाजपा की स्वतंत्र पहल है। वैसे रैली में अन्य दलों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए, लेकिन केंद्र में भाजपा विधायक मंटू ही रहे।
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