Bihar Assembly: अब लालू, आलू और बालू...; नीतीश सरकार के मंत्री ने क्यों कही ये बात? बोले- अब नहीं होता चारा घोटाला
बिहार विधानसभा में नीतीश सरकार के एक मंत्री ने 'लालू, आलू और बालू' का उल्लेख करते हुए चारा घोटाले पर बात की। उन्होंने कहा कि अब वैसी अनियमितताएं नहीं ...और पढ़ें

विधानसभा में अपनी बात रखते मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव। सौ-सोशल मीडिया
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार विधानसभा में शुक्रवार को विपक्ष ने सरकारी योजनाओं की राशि खर्च को लेकर सवाल उठाए। जिसके बाद सरकार की ओर से वित्त मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने मोर्चा संभाला।
उन्होंने कहा कि जब बिहार का बंटवारा हुआ तो कहा जाता था खनिज झारखंड में चले गए और बिहार में अब लालू, आलू और बालू बच गया है। बिहार क्या खाएगा?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ज्ञान, विज्ञान और ईमान ने आज बिहार का बजट करीब सवा तीन लाख करोड़ पर पहुंचा दिया है। अब राज्य में चारा घोटाला, बालू घोटाला नहीं होता।
नीतीश के ज्ञान, विज्ञान और ईमान से आज बिहार में लगातार हो रहा विकास
नीतीश कुमार में ईमान का संकट नहीं है। हम जनता से पैसे लेकर जनता के बीच खर्च करते हैं। नीतीश कुमार है तो उनकी हर गारंटी पूरी होगी।
बिजेंद्र प्रसाद ने राजद सदस्य आलोक मेहता द्वारा उठाए गए सवाल पर कहा कि विधानसभा में तीन दिसंबर को पेश किया गया 91 हजार करोड़ का विनियोग विधेयक पूरी तरह संवैधानिक व्यवस्था के तहत लाया गया।
यह जानकारी सभी को होनी चाहिए कि संविधान में ही अनुपूरक बजट की व्यवस्था की गई है। जब संवैधानिक प्रक्रिया है, तो इस पर विवाद खड़ा करने का कोई औचित्य नहीं है।
मंत्री ने कहा कि जिस दौर में विकास को लेकर संदेश किया जाता था उस दौर ने नीतीश कुमार ने राज्य की संभाली और विकास कार्यो की बदौलत आज बिहार का बजट तीन लाख करोड़ से अधिक हो गया है।
वित्तीय प्रबंधन पर भ्रम न फैलाए विपक्ष
जीएसटी व्यवस्था का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि देश में जीएसटी लागू होने के बाद जितना खर्च राज्य करेगा, उतनी ही राशि केंद्र से प्राप्त होती है। इसलिए वित्तीय प्रबंधन को लेकर भ्रम फैलाना गलत है।
विजेंद्र प्रसाद यादव ने विपक्ष से विनियोग संख्या (चार) विधेयक 2025 को स्वीकृति देने की अपील की और कहा कि विकास कार्यों में बाधा डालने के बजाय विपक्ष को रचनात्मक भूमिका निभानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जनता के हित में प्रतिबद्ध होकर कार्य कर रही है और उसी विचारधारा के तहत अनुपूरक बजट भी लाया गया है। बाद में ध्वनि मत से विनियोग विधेयक और अनुपूरक बजट सदन में पारित कर दिया गया।

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