Bihar Asha Vacancy 2025: नीतीश सरकार का बड़ा एलान, 27375 आशा कार्यकर्ताओं की होगी बहाली
बिहार में नीतीश सरकार ने 2025 तक 27375 आशा कार्यकर्ताओं की भर्ती का फैसला किया है। ग्रामीण क्षेत्रों में चयन ग्राम सभा के माध्यम से और शहरी क्षेत्रों में वार्ड पार्षदों की मदद से होगा। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने तीन महीने में प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया है। यह भर्ती राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में अगले तीन महीने में सरकार 27,375 आशा कार्यकर्ताओं का चयन करेगी। ग्रामीण क्षेत्रों में आशा कार्यकर्ताओं का चयन ग्राम सभा के माध्यम से होगा। जिसके कार्यान्वयन का जिम्मा स्थानीय मुखिया को दी जाएगी।
वहीं, शहरी क्षेत्रों में होने वाले चयन में स्थानीय वार्ड पार्षदों की अहम भूमिका होगी। यह निर्णय मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय की अध्यक्षता में हुई राज्य स्वास्थ्य समिति की एक उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया।
ग्रामीण व शहरी आशा का होगा चयन
मंत्री पांडेय ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में 21,009हजार एवं शहरी क्षेत्रों के लिए 5,316 आशा चयनित होंगी। इनके अलावा 1050 आशा फैसिलिटेटर का भी चयन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रक्रिया तीन माह के भीतर पूर्ण करने का लक्ष्य है। आशा कार्यकर्ता सामुदायिक स्तर पर प्राथमिक देखभाल प्रदाताओं के रुप में कार्य करती हैं। मंत्री ने अधिकारियों को चयन की पूरी प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हो रही बहाली
मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मार्गदर्शन में लगातार विभागीय बहालियों की प्रक्रिया जारी है। अब तक विभिन्न पदों के लिए 35,383 पदों के लिए विज्ञापन भी प्रकाशित भी किए जा चुके हैं।
कई अन्य रिक्तियों पर भी काम चल रहा है। इसके अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी, विशेषज्ञ चिकित्सकों, मेडिकल ऑफिसर एवं आय़ुष चिकित्सकों सहित अन्य बहालियों की प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया गया।
स्वास्थ्य सेवाओं का अपडेट लिया
मंत्री पांडेय ने राज्य के अस्पतालों में दी जा रही डायलिसिस, इमरजेंसी केयर, पैथोलाजी जांच सहित अन्य स्वास्थ्य सेवाओं की अद्यतन जानकारी ली एवं यह निर्देष दिया कि सूबे के सभी अस्पतालों में आनेवाले मरीजों को तमाम चिकित्सकीय सुविधाएं सुविधाजनक तरीके से दी जाए।
बैठक के दौरान राज्य के जिला एवं अनुमंडल अस्पताल सहित क्रिटिकल केयर यूनिट में बेडों की संख्या बढाने का निर्देश देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य में संचालित ट्रॉमा सेंटर में दी जानेवाली सुविधाओं की भी जानकारी ली, जबकि अंधापन नियंत्रण कार्यक्रम पर चर्चा करते हुए अस्पतालों में आई हेल्थ फैसिलिटी को और भी सुदृढ करने का निर्देश दिया।
ऑक्सीजन संयंत्र की समुचित देखभाल हो
मंत्री ने विभिन्न अस्पतालों में कोरोना काल में स्थापित ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों के देखरेख औऱ रखऱखाव का भी निर्देश दिया। स्वास्थ्य मंत्री ने सभी संयंत्रों के मेंटेनेंस की प्रक्रिया जल्द शुरु करने की बात कही।
मरीजों के लिए आवश्यकतानुसार विशेषज्ञ अथवा उच्च चिकित्सीय सुविधा केंद्रों पर रेफर करने एवं उनके आवागमन की निर्बाध सुविधा प्रदान करने के लिए चलाए जा रहे एम्बुलेंसों की संख्या बढाने का भी अधिकारियों को निर्देश दिया।
बैठक में स्वास्थ्य विभाग के सचिव मनोज कुमार सिंह, कार्यपालक निदेशक सुहर्ष भगत, स्वास्थ्य सेवाएं आधारभूत संरचना निगम के प्रबंध निदेशक धर्मेंद्र कुमार, स्वास्थ्य मंत्री के आप्त सचिव अमिताभ सिंह सहित कई विभागीय पदाधिकारी मौजूद रहे।
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