Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bihar Pharmacy College: फार्मेसी के 5 कॉलेजों में नौकरी पाने का सुनहरा मौका, स्वास्थ्य विभाग ने निकाला विज्ञापन

    Updated: Fri, 27 Dec 2024 07:37 PM (IST)

    फार्मेसी शिक्षा गुणवत्ता में सुधार के लिए पटना बांका रोहतास सिवान व नालंदा के संस्थानों में 13-13 सहायक शिक्षक मानदेय पर रखे जाएंगे। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने विज्ञापन जारी कर दिया है। एम-फार्मा की डिग्री के साथ दो वर्ष का शैक्षणिक अनुभव रखने वाले शिक्षक 8 जनवरी तक आवेदन कर सकेंगे। लंबे समय से कॉलेजों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए ये फैसला लिया गया है।

    Hero Image
    फार्मेसी चिकित्सा संस्थानों में होगी अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति

    जागरण संवाददाता, पटना। शिक्षकों की कमी के कारण अब प्रदेश के पांचों सरकारी फार्मेसी चिकित्सा संस्थानों में पढ़ाई की गुणवत्ता प्रभावित नहीं होगी। नियमित नियुक्ति में समय को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने पटना, बांका, रोहतास, सिवान व नालंदा फार्मेसी संस्थानों में 13-13 अतिथि सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी है। विभाग द्वारा प्रति क्लास मानदेय पर इनकी नियुक्ति होगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    फार्मेसी चिकित्सा संस्थानों में अतिथि शिक्षक के लिए 8 जनवरी तक फार्मास्यूटिक्स, फार्मास्युटिकल केमेस्टी एंड एनालिसिस, फार्माकोग्नॉसी व फार्माकोलॉजी में एम-फार्मा की डिग्री के साथ दो वर्ष का शैक्षणिक अनुभव रखने वाले इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।

    शिक्षकों की कमी से पढ़ाई पर असर

    बताते चलें कि दैनिक जागरण में 18 दिसंबर को अटेंडेंस पटना में बना सुदूर जिलों में करते परीक्षक का कार्य शीर्षक से खबर प्रकाशित हुई थी। इसमें पांचों सरकारी संस्थानों में शिक्षकों की कमी, उस पर उनसे तमाम दूसरे कार्य लिए जाने का उल्लेख था।

    इसके साथ ही छात्रों की शैक्षणिक-व्यवहारिक पढ़ाई बाधित होने की समस्या को प्रमुखता देते हुए खबर प्रकाशित की गई थी।डिप्लोमा फार्मासिस्ट ऑर्गेनाइजेशन छात्र संघ के अध्यक्ष अरविंद कुमार ने पत्र लिखकर दैनिक जागरण का सभी छात्र-छात्राओं की ओर से आभार जताया है।

    6 दिसंबर के विभाग के पत्र से सामने आई बदहाली

    • चिकित्सा संस्थानों में पढ़ाई की गुणवत्ता सुधारने के लिए सरकार ने ऑनलाइन बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम की व्यवस्था की, लेकिन इसकी निगरानी की व्यवस्था नहीं की।
    • नतीजा संविदा पर कार्यरत सहायक प्रोफेसर पटना स्थित संस्थान में सुबह 7 से आठ बजे अटेंडेंस लगाकर औरंगाबाद, मुंगेर, किशनगंज, समस्तीपुर, बेतिया, नालंदा, शेखुपरा, सारण, सिवान, वैशाली, गया समेत तमाम जिलों में स्थित निजी फार्मेसी कालेजों में वाह्य परीक्षक का कार्य करते थे।
    • छात्र अभिमन्यु सिंह के 13 नवंबर को प्राप्त शिकायती पत्र के आलोक में 6 दिसंबर को स्वास्थ्य विभाग की विशेष कार्य पदाधिकारी रेणु कुमारी ने राजकीय फार्मेसी संस्थान पटना के प्राचार्य को पत्र लिखा।
    • इसमें सभी सहायक प्राध्यापकों की मार्च से अगस्त तक की ऑनलाइन बायोमेट्रिक अटेंडेंस की सत्यापित प्रतिलिपि उपलब्ध कराने को कहा था।

    विभाग को बताया गया कि फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के मानक के अनुसार छात्रों की संख्या के आधार पर प्रत्येक संस्थान में 27 शिक्षकों की जरूरत है, लेकिन अभी छह से सात संविदाकर्मी ही सेवा दे रहे हैं।

    कुछ न कहकर भी अधिकारियों ने बच्चों को बिना पढ़ाए ही फर्जी तरीके से उनकी 75 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज कर सेंटअप रिपोर्ट डी-फार्मा परीक्षा बोर्ड, आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय व बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय को भेजने की बात मान ली।

    इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने नियमित नियुक्ति के पूर्व क्लासेस के अनुसार अतिथि शिक्षकों की बहाली पर सहमति बनी और विज्ञापन निकाल दिया गया।

    ये भी पढ़ें

    Bihar News: सरकार के इस बड़े फैसले से मिलेगी हाइड्रोसील मरीजों को राहत, फ्री में करवा सकेंगे सर्जरी

    BPSC TRE 3 Result का हुआ एलान, bpsc.bih.nic.in पर करें चेक, 11वीं-12वीं कक्षाओं के लिए इतने उम्मीदवार हुए सफल