Bihar: शिवहर-नवादा और किशनगंज के सिविल सर्जन सहित 360 डॉक्टरों का तबादला, विभाग ने जारी की अधिसूचना
बिहार के स्वास्थ्य विभाग ने बड़े पैमाने पर 360 डॉक्टरों का तबादला किया है जिसमें शिवहर नवादा और किशनगंज के सिविल सर्जन भी शामिल हैं। विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है। डॉ. राजकुमार चौधरी को किशनगंज डॉ. दीपक कुमार को शिवहर और डॉ. विनोद कुमार चौधरी को नवादा का सिविल सर्जन बनाया गया है। गुरु गोविंद सिंह अस्पताल पटना में भी नए अधीक्षक की नियुक्ति हुई है।

राज्य ब्यूरो, पटना। स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को बड़े पैमाने पर राज्य के मेडिकल कालेज अस्पतालों, जिला अस्पतालों, अनुमंडलीय अस्पतालों सहित अन्य अस्पतालों में बड़ी संख्या में डाक्टरों का तबादला और पदस्थापन किया है। शिवहर, नवादा और किशनगंज में नए सिविल सर्जन तैनात किए गए हैं। विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।
अधिसूचना के अनुसार, एएनएमसीएच गया में ईएनटी के सह प्राध्यापक रहे डॉ. राजकुमार चौधरी को किशनगंज का सिविल सर्जन बनाया गया है।
डॉ. दीपक कुमार बने शिवहर के सिविल सर्जन
डॉ. दीपक कुमार जो जेएलएनएमसीएच भागलपुर में पैथोलॉजी के सह प्राध्यापक थे उन्हें शिवहर का सिविल सर्जन बनाया गया है। इसी प्रकार जहानाबाद में सामान्य चिकित्सा पदाधिकारी के रूप में तैनात डॉ. विनोद कुमार चौधरी को नवादा का सिविल सर्जन बनाया गया है।
गुरु गोविंद सिंह अस्पताल में नए अधीक्षक की तैनाती
इसके साथ ही गुरु गोविंद सिंह अस्पताल, पटना में नए अधीक्षक तैनात किए गए हैं। यहां डॉ. योगेंद्र प्रसाद मंडल को नया अधीक्षक बनाया गया है। दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डॉ. अमित कुमार झा को अधीक्षक बनाया गया है।
विभाग ने अपर निदेशक स्वास्थ्य और क्षेत्रीय अपर निदेशकों की भी नियुक्ति की अधिसूचना जारी की है। विभाग द्वारा सबसे अधिक 269 सीनियर रेजीडेंट, जूनियर रेजीडेंट और ट्यूटर के पद पर तैनात चिकित्सकों का पदस्थापन किया है। कुल 360 चिकित्सकों का पदस्थापन किया है। सभी चिकित्सकों को अविलंब योगदान करने के निर्देश दिए गए हैं।
हज यात्रियों की स्वास्थ्य जांच के लिए 10 डॉक्टर अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय भेज गए
दूसरी ओर, राज्य सरकार ने वर्ष 2025 में प्रारंभ होने वाली हज यात्रा के पूर्व विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में पदस्थापित 10 डाक्टरों को प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली भेजने का आदेश दिया है। प्रतिनियुक्त डाक्टरों की सेवा अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय को सौंपी गई है।
स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। जिन डाक्टरों को प्रतिनियुक्त किया गया है उनमें डॉ. खालिद अनवर, डॉ. सैयद यासिर हबीब, डॉ. मनौवर सुफियान, डॉ. इकबाल खान, डॉ. अब्दुल्लाह, डॉ. इरशाद आलम, डॉ. मो. इरजिता कमाल, डॉ. रिजवान राशिद, डॉ. नाज बानो और डॉ. आफताब आलम प्रमुख हैं।
दवा आपूर्ति में बिहार पूरे देश में अव्वल, 20 वर्ष में 10 गुना बढ़ी आपूर्ति
स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों से अस्पतालों में दवा वितरण की व्यवस्था में व्यापक बदलाव आए हैं। नई दवा नीति के तहत राज्य के सरकारी अस्पतालों में आज रोगियों को 611 प्रकार की दवाएं मुफ्त दी जा रही हैं।
विभाग का दावा है कि सरकार की कोशिशों की वजह से पिछले 20 वर्ष में सरकारी अस्पतालों से दवा आपूर्ति में 10 गुना की बढ़ोतरी हई है। आज बिहार दवा वितरण में देश का अग्रणी राज्य बन गया है।
विभाग के अनुसार दवा आपूर्ति और वितरण पर 10 गुणा तक खर्च बढ़ा है। जहां पहले यह खर्च सीमित था, वहीं वित्तीय वर्ष 2024-25 में यह बढ़कर लगभग 762 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, 2025-26 में यह खर्च 1100 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। स्वास्थ्य सेवाओं में जो गुणवत्तापूर्ण सुधार आया है, इससे साफ नजर आ रहा है कि वर्ष 2005 से पहले अस्पतालों में दवाइयां नहीं मिलती थी लेकिन वर्ष 2005 के बाद से अस्पतालों में जीवनरक्षक दवाइयां मिलने लगी हैं, जिससे गरीब तबके के मरीजों को अब जेब ढीली नहीं करनी पड़ती है।
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