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    Bihar Anganwadi Kendra: बिहार में खुलेंगे 18 हजार नए आंगनबाड़ी केंद्र, नीतीश सरकार ने केंद्र को भेजा रिमाइंडर

    बिहार में 18 हजार नए आंगनबाड़ी केंद्र खोले जाएंगे। इसको लेकर नीतीश सरकार ने केंद्र को रिमाइंडर भेजा है। पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री के साथ बैठक में राज्य सरकार ने यह मसला उठाया था कि बिहार में बड़ी संख्या में नए आंगनबाड़ी केंद्र खोलने की आवश्यकता है। वहीं बिहार के इस मुद्दे को उच्च स्तर से विचार का आश्वासन भी मिला था। अब केंद्र को फिर रिमाइंडर भेजा गया है।

    By BHUWANESHWAR VATSYAYAN Edited By: Rajat Mourya Updated: Mon, 26 Aug 2024 03:26 PM (IST)
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    नीतीश सरकार ने 18 हजार नए आंगनबाड़ी केंद्र खोलने के लिए मोदी सरकार को रिमाइंडर भेजा।

    राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में 18 हजार, 300 नए आंगनबाड़ी केंद्र (Bihar Anganwadi Kendra) खोले जाने को लेकर समाज कल्याण विभाग ने केंद्र सरकार को रिमाइंडर भेजा है।

    कुछ महीने पहले जब केंद्रीय मंत्री के स्तर पर समाज कल्याण विभाग के देश भर के मंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक हुई थी तब बिहार की ओर से यह मसला उठाया गया था कि बिहार में बड़ी संख्या में नए आंगनबाड़ी केंद्र खोलने की आवश्यकता है। बिहार के मसले को उच्च स्तर से विचार का आश्वासन भी मिला था।

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    वर्तमान में 1.15 लाख आंगनबाड़ी केंद्र हैं पूरे बिहार में

    वर्तमान में बिहार में 1.15 लाख आंगनबाड़ी केंद्र हैं। समाज कल्याण विभाग का कहना है कि आंगनबाड़ी केंद्रों की यह संख्या जिस समय तय हुई थी उसके बाद से आबादी काफी बढ़ी है।

    विभाग ने अपने स्तर से आबादी को केंद्र में रख यह आकलन किया है कि कम से 18 हजार आंगनबाड़ी केंद्र और बढ़ने चाहिए। ग्रामीण क्षेत्र से शहरी क्षेत्रों तक में नए आंगनबाड़ी केंद्र खोलने की जरूरत महसूस की जा रही है।

    इस तरह से तय होते हैं आंगनबाड़ी केंद्र

    आंगनबाड़ी केंद्र खोले जाने को लेकर यह व्यवस्था है कि एक वार्ड में एक आंगनबाड़ी केंद्र होना चाहिए। एक आंगनबाड़ी केंद्र में 40 बच्चों को पढ़ाने व उन्हें पोषाहार उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था आम तौर पर रहती है।

    यह माना जाता है कि एक वार्ड की आबादी एक हजार तक होगी। पर बहुत सारे वार्ड ऐसे हैं जहां एक हजार से अधिक आबादी है और वहां एक से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र की जरूरत है।

    बहुत से आंगनबाड़ी केंद्र ऐसे हैं जहां 40 से अधिक बच्चे आ जा रहे। ऐसे में पोषाहार किसे नहीं दिया जाए इस बात को लेकर परेशानी है। बीच में मिनी आंगनबाड़ी केंद्र शुरू किए जाने पर काम शुरू हुआ था पर यह सोच बहुत आगे नहीं बढ़ सकी।

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