Patna News: पटना की इस जेल से चल रहा देश में सोना लूट का सबसे बड़ा गैंग, सलाखों के पीछे से कैदी अपराध को दे रहे अंजााम
पटना के बेउर जेल से देश का सबसे बड़ा सोना लूट गैंग चल रहा है। पुलिस को अपराधियों की जानकारी है उनके कारनामों के बारे में पता है बावजूद इसके इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पा रही है और न ही सोना बरामद हो पाया है। दरअसल यह गिरोह चेन बनाकर घटनाओं को अंजाम देता है और पुलिस को गुमराह करने में इनका कोई सानी नहीं है।

जागरण संवाददाता, पटना। गत वर्ष देहरादून में रिलायंस ज्वेल्स (रिलायंस शोरूम) में हुई 14 करोड़ के आभूषण लूट में शामिल शशांक सिंह सहित दस आरोपितों की गिरफ्तारी हो चुकी है, इनमें नौ बिहार के अलग अलग जिलों के हैं। देहरादून पुलिस की जांच में उजागर हुआ कि लूट की योजना पटना के बेउर जेल से रची गई थी, जिसका मास्टरमाइंड सोना लूटकांड में जेल में बंद सुबोध सिंह का शागिर्द शशांक सिंह उर्फ सोनू था।
पटना के जेल में देश का सबसे बड़ा सोना लूट गैंग
इसके पूर्व राजस्थान एवं मध्य प्रदेश में 39 किलो सोना लूट में सुबोध सिंह का नाम उजागर हो चुका है, इन दोनों राज्यों की पुलिस ने तब कुछ आरोपितों को बिहार से ही गिरफ्तार किया था। इस उत्तराखंड के देहरादून में बड़ी लूट हो गई, तीनों कांड में अपराधी तो पकड़े गए, लेकिन तीनों राज्यों की पुलिस के हाथ लूट का एक ग्राम सोना तक नहीं आया।
इन घटनाओं में सुबोध गिरोह की संलिप्तता सामने आने के बाद साफ है कि पटना के इस जेल से देश में सोना लूट का सबसे बड़ा गैंग चल रहा है। आश्चर्य है कि अपराधियों की गिरफ्तारी के बाद उनके बारे में अधिकांश जानकारी के बाद भी पुलिस न तो घटना रोक पा रही है और न ही सोना बरामद कर पा रही है।
बड़े से बड़े कारनामों को दे रहे अंजाम
राजस्थान के उदयुपर में अगस्त 2022 को मणप्पुरम गोल्ड लोन कंपनी के कार्यालय से 24 किलो सोना और 11 लाख नकद लूट लिया गया था। दो महीने बाद पुलिस ने लूट में शामिल दो आरोपितों फंटूश व प्रिंस को गिरफ्तार किया था। दोनों बिहार के वैशाली व नालंदा के रहने वाले थे। मामले में गुड्डू व उसके दो अन्य साथियों की तलाश है। इसमें भी सुबोध गैंग का नाम सामने आया।
राजस्थान पुलिस ने अपराधियों को तो गिरफ्तार कर लिया, लेकिन लूट का सोना नहीं मिला। इसी तरह नवंबर 2022 में मध्य प्रदेश के कटनी जिले में भी मणप्पुरम गोल्ड लोन कंपनी के ही कार्यालय में लूट कर दी गई।
अपराधी 15 किलो सोना और 3,56,842 रुपये नकद लेकर भाग निकले थे। इस मामले में सबसे पहले पटना निवासी शुभम तिवारी एवं बक्सर निवासी अंकुश साहू को गिरफ्तार किया गया था।
तब कटनी पुलिस ने बताया था कि लूट मामले में छह लोगों को नामजद आरोपी बनाया है, जिसमें बिहार का बक्सर निवासी अंकुश साहू, शाहबाज सिद्दीकी, मिथेलश कुमार पाल, पटना का शुभम तिवारी, गोलू व नालंदा के विकास गुप्ता उर्फ अमित उर्फ विक्कू का नाम था।
इनके साथ ही पांच अन्य को आरोपित बनाया गया था, जिसमें मुख्य आरोपित सुबोध सिंह, दिलीप यादव, अनुज कुमार शाह, अखिलेश, पीयूष जायसवाल शामिल थे। मामले में छह लोगों को गिरफ्तार तो किया गया, लेकिन इसमें भी पुलिस के हाथ सोना नहीं लगा।
पुलिस को गुमराह करने के लिए छोड़ते हैं साक्ष्य
यह गिरोह चेन बनाकर घटनाओं को अंजाम देता है। गिरोह के सदस्यों को जिस काम में जितना खतरा रहता है, उतना ही ज्यादा हिस्सा देने के साथ ही उनके ठहरने समेत अन्य प्रबंधों में लाखों रुपये खर्च कर दिया जाता है।
गिरोह का सरगना इतना शातिर है कि घटना के बाद भागने एवं सोना छिपाने के लिए समय निकालने को ऐसे साक्ष्य छोड़वाता है, जिससे पुलिस गुमराह हो सके। उन साक्ष्यों के जरिए जब तक पुलिस लुटेरों का सुराग ढूंढने में लगी रहती है, तब तक सोना उस राज्य की सीमा से बाहर निकल जाता है।
कटनी में हुई सोना व नकद लूट में भी ऐसा ही हुआ था। गिरफ्तार मिथलेश ने कटनी पुलिस को बताया था कि लूट के पहले आरोपितों ने सात लाख खर्च किया था, जिसमें कार, बाइक, फर्जी दस्तावेज बनाने से लेकर रहने खाने पीने की व्यवस्था शामिल रही।
लूट को अंजाम देने के लिए छह लोगों की टीम रही तो उसे बक्सर तक पहुंचने का काम दूसरी टीम ने किया था, इसके लिए आरोपित भोपाल से कार खरीद कर कटनी पहुंचे और पहली टीम से सोना लेकर पटना पहुंचाया था। ये कार चालक सुबोध सिंह की चेन का दूसरा हिस्सा था, ऐसे कई लोग हैं, जो उसके लिए काम करते हैं।
सुबोध के पास मिला था 15 किलो सोना
नालंदा जिले का रहने वाला सुबोध सिंह का ‘साफ्ट टारगेट’ सोना रहा है। बेउर जेल में बंद रहकर वह अपनी गैंग के माध्यम से बड़ी-बड़ी घटनाओं को अंजाम देता है। विशेषकर मणप्पुरम गोल्ड फाइनेंस व मुथूट फाइनेंस कंपनी निशाने पर रहे।
वर्ष 2018 में बिहार एसटीएफ ने सुबोध को पटना के बेली रोड स्थित रूपसपुर से गिरफ्तार किया था। तब उसके पास से 15 किलो सोना के साथ दो लाख रुपये भी बरामद किए गए थे।
गिरफ्तारी से पहले इस गिरोह पर जयपुर में 28 किलो, पश्चिम बंगाल के बैरकपुर में 26 किलो, महाराष्ट्र के नागपुर में 27 किलो सोना लूट का आरोप था।

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