By Jagran NewsEdited By: Sanjeev Kumar Updated: Wed, 09 Apr 2025 10:50 AM (IST)
पटना हाईकोर्ट ने ग्राम कचहरी रामपट्टी (मधुबनी) के दो आदेशों को अवैध और बिना अधिकार क्षेत्र के करार देते हुए रद्द कर दिया। न्यायाधीश राजेश कुमार वर्मा ...और पढ़ें
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar News: पटना हाई कोर्ट ने ग्राम कचहरी, रामपट्टी (मधुबनी) द्वारा 8 मार्च 2022 और 16 मार्च 2024 को पारित दोनों आदेशों को अवैध व बिना अधिकार क्षेत्र के करार देते हुए रद कर दिया।
न्यायाधीश राजेश कुमार वर्मा की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता निरंजन मिश्रा की याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा कि ग्राम कचहरी ने “अधिकार, शीर्षक व स्वामित्व” से जुड़े प्रश्नों का निपटारा करने का प्रयास किया, जो बिहार पंचायत राज अधिनियम, 2006 की धारा 111 के तहत स्पष्ट रूप से निषिद्ध है।
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वरीय अधिवक्ता बिनोदानंद मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि ग्राम कचहरी ने याचिकाकर्ता की जमीन पर प्रतिवादी श्रीमंत मिश्रा को अवैध कब्जा बनाए रखने और 8,500 रुपये मुआवजा वसूलने का आदेश दिया था।
20 सितंबर 2021 को श्रीमंत मिश्रा ने ग्राम कचहरी में आवेदन कर आरोप लगाया कि निरंजन मिश्रा ने 1971 के पारिवारिक बंटवारे के बावजूद उनकी 1.5 धुर जमीन पर मकान बना लिया और 2.25 धुर भूमि का मौखिक लेन‑देन किया।
कचहरी ने बिना याचिकाकर्ता की दलील सुने पारित किया आदेश
कचहरी ने बिना याचिकाकर्ता की दलील सुने आदेश पारित कर दिया। अदालत ने तर्क स्वीकार किया कि धारा 110 के अंतर्गत ग्राम कचहरी की सिविल अदालत के समकक्ष केवल सीमित प्रकार के वित्तीय एवं छोटे दावे (₹10,000 तक) और विभाजन के साधारण मामले ही सुन सकती है; “स्वामित्व व शीर्षक” से जुड़े मामले इसके अधिकार क्षेत्र से बाहर हैं।
न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि “जब कानून ने किसी प्राधिकरण को अधिकार नहीं दिया, तब वह निर्णय कैसे ले सकता है?” कोर्ट ने ग्राम कचहरी के आदेश को “अवैध एवं असंवैधानिक” ठहराते हुए रद कर दिया।
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