Updated: Thu, 28 Nov 2024 01:29 PM (IST)
बेतिया राज जमीन मालिकों के लिए थोड़ी राहत की खबर है। दरअसल बिहार सरकार ने आपत्ति स्वीकार करने के लिए 60 दिन की मोहलत दी है। वहीं बिहार विधानसभा में बेतिया राज की संपत्तियों को निहित करने वाले विधेयक 2024 को प्रस्तुत किया गया। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप कुमार जायसवाल ने बताया कि यह कानून किसी के पक्ष या विरोध में नहीं है।
जागरण संवाददाता, पटना। बिहार विधान परिषद् में बेतिया राज की संपत्तियों को निहित करने वाले विधेयक, 2024 को प्रस्तुत करते हुए राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप कुमार जायसवाल ने सदन को बताया कि यह कानून किसी के पक्ष या विरोध में नहीं है। कानून नोटिफाई हो जाने के बाद सरकार बेतिया राज की जमीन की सूची सार्वजनिक करेगी। जिसमें संबंधित भूमि का खाता और खेसरा नंबर दिया जाएगा।
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दावा-अपत्ति के लिए संबंधित जिलों में विशेष पदाधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। नोटिकेशन के 60 दिनों के अंदर विशेष पदाधिकारी दावा-आपत्ति स्वीकार करेंगे। दावा-आपत्ति दर्ज होने के 90 दिनों के अंदर मामले का निष्पादन कर दिया जाएगा। सरकार की मंशा किसी को बेघर करने की नहीं है। बल्कि, अतिक्रमित जमीन का उपयोग सर्वहित में विकास को गति देने की है। राज्य के पूर्वी व पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, सारण, सिवान, गोपालगंज और पटना जिले में बेतिया राज की 15 हजार 215 एकड़ जमीन है।
इसे अतिक्रमण मुक्त कर अस्पताल, मेडिकल कालेज, स्टेडियम, विश्वविद्यालय सहित सामुदायिक परियोजनाओं का निर्माण कराया जाएगा। कानून पास होने से जिला प्रशासन को अतिक्रमण से संबंधित विवाद के निष्पादन में काफी सहूलियत होगी। विधान परिषद् में ध्वनिमत से विधेयक को पास कर दिया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी सदन में मौजूद थे।
क्या है बेतिया राज की जमीन
- भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल के मुताबिक ब्रिटिश शासन के दौरान बेतिया राज की जमीन कोर्ट ऑफ वार्ड्स को सौंप दी गई थी
- बेतिया राजघराने के अंतिम महाराजा की कोई संतान नहीं थी, इसलिए आजादी के पश्चात उनकी जमीन बिहार सरकार के अधीन आ गई
- लेकिन इस पर कोई कानून नहीं था, जिसके कारण कई लोगों ने जमीन पर अतिक्रमण कर लिया और भू-माफियाओं की भी इस पर नजर थी
कांग्रेस नेता बोले- वह विधेयक के विरोध में नहीं
कांग्रेस के डा. समीर कुमार सिंह ने कहा कि वह विधेयक के विरोध में नहीं हैं, लेकिन इसकी आड़ में किसी दबे-कुचले को बेघर भी नहीं किया जाए। राजद के सौरभ कुमार ने बेतिया राज की संपत्ति से होने वाली आय को चंपारण के विकास में खर्च करने के लिए चंपारण विकास प्राधिकरण गठित करने की मांग की।
उपसभापित प्रो. रामवचन राय ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लोहिया के सपने को पूरा किया जा रहा है। इससे पूर्व सदन ने ध्वनि मत से उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी द्वारा पेश बिहार माल और सेवा कर (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2024 को पारित कर दिया। बिहार विधान सभा से दोनों विधेयक पहले ही पास हो चुका है।
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