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    गुटबाजी के चक्‍कर में प्रभारी पद से विदा हो गए भक्त चरण दास, नोकझोंक के दौरान लालू ने कह दिया था 'भक चोन्हर दास'

    Updated: Sun, 24 Dec 2023 12:04 AM (IST)

    बिहार कांग्रेस के प्रभारी पद से भक्त चरण दास शनिवार को हटा दिए गए। उनकी जगह मोहन प्रकाश को प्रभारी बनाया गया है। एआईसीसी ने शनिवार को इस फेरबदल की अधिसूचना जारी की। प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह और भक्त चरण दास के बीच कार्यकारिणी के सदस्यों के कई नामों पर सहमति नहीं होने के कारण अब तक कार्यकारिणी का गठन नहीं हो पाया था।

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    गुटबाजी के चक्‍कर में प्रभारी पद से विदा हो गए भक्त चरण दास। (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार कांग्रेस के प्रभारी पद से भक्त चरण दास शनिवार को हटा दिए गए। उनकी जगह मोहन प्रकाश को प्रभारी बनाया गया है। एआईसीसी ने शनिवार को इस फेरबदल की अधिसूचना जारी की।

    उम्मीद की जा रही है कि अब बिहार प्रदेश कांग्रेस की नई कार्यकारिणी भी गठित हो जाएगी। प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह और भक्त चरण दास के बीच कार्यकारिणी के सदस्यों के कई नामों पर सहमति नहीं होने के कारण अब तक कार्यकारिणी का गठन नहीं हो पाया था।

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    नए प्रभारी मोहन प्रकाश राहुल-सोन‍िया के करीबी

    दास के नाम पर कांग्रेस की राज्य इकाई शुरू से ही दो हिस्से में बंटी हुई थी। उनकी जगह प्रभारी बनाए गए मोहन प्रकाश सुझले हुए नेता माने जाते हैं। दास की तरह वह भी समाजवादी राजनीतिक पृष्ठभूमि से आए हैं। कांग्रेस में उन्हें सोनिया गांधी और राहुल गांधी का करीबी माना जाता है। वे राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद से भी पूर्व परिचित हैं।

    भक्त चरण दास जनवरी 2021 में बिहार कांग्रेस के प्रभारी बने थे। उसी साल कुशेश्वरस्थान और तारापुर विधानसभा के उप चुनाव के समय उनकी राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद से तीखी नोकझोंक हो गई थी। दास ने परम्परागत सीट के नाम पर कुशेश्वरस्थान पर दावा किया था। इससे नाराज लालू ने उन्हें भक चोन्हर दास कह दिया था।

    बिहार में लालू के कंधे पर सवार होकर चल रही कांग्रेस की राजनीत‍ि

    बिहार में लालू प्रसाद के कंधे पर सवार होकर ही कांग्रेस की राजनीति चल रही है। ऐसे में कांग्रेस के भीतर के राजद समर्थक भी दास से नाराज हो गए थे। कुशेश्वरस्थान में राजद और कांग्रेस के उम्मीदवार खड़े हुए तो जदयू की जीत का रास्ता आसान हो गया।

    कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष का चयन भी भक्त चरण दास के हस्तक्षेप के कारण बहुत दिनों तक टलता रहा। वह जिस विधायक को प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहते थे, पार्टी के अधिसंख्य नेता उनके पक्ष में नहीं थे। अंतत: कांग्रेस आलाकमान ने दास को नजरअंदाज करते हुए डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह को प्रदेश अध्यक्ष बनाया, लेकिन साल भर में कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी बन पाई।

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