कड़ाके की ठंड से पहले ही सताने लगा गठिया और जोड़ों का दर्द, डॉक्टर से जानिए कैसे मिलेगा आराम
सर्दियों में जोड़ों के दर्द और गठिया से परेशान हैं? चिंता न करें हमारे पास आपके लिए विशेषज्ञों की सलाह है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि ठंड के मौसम में जोड़ों के दर्द से कैसे बचा जा सकता है और दर्द होने पर क्या करना चाहिए। साथ ही हम आपको कुछ ऐसे व्यायाम भी बताएंगे जो आपके जोड़ों को स्वस्थ रखने में मदद करेंगे।

जागरण संवाददाता, पटना। बिहार की राजधानी पटना में अभी कंपकंपाने वाली ठंड नहीं पड़ रही है, लेकिन सुबह-शाम की ठंडी हवाओं की वजह से लोगों ने व्यायाम बंद कर दिया है। यही कारण है कि गठिया, रूमेटाइड आर्थराइटिस व जोड़ों में दर्द के रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ी है।
हाथ-पैर, घुटने व कंधे समेत तमाम जोड़ों से राहत के लिए बड़ी संख्या में मरीज एलएनजेपी हड्डी हास्पिटल, पीएमसीएच व एनएमसीएच पहुंच रहे हैं। आईजीआईएमएस के फिजियोथेरेपी विभाग में भी रोगियों की संख्या करीब दोगुनी हो गई है।
इन अस्पतालों के हड्डी विभाग की ओपीडी में पहुंचने वाले 50 प्रतिशत से अधिक मरीजों की यही समस्या है। बाइक से चलने वाले युवा भी जोड़ों के दर्द व शरीर की जकड़न से बेहाल हैं।
ठंड में शारीरिक गतिविधियां कम या बंद होने से ऐसी समस्याएं ज्यादा सता रही हैं। इस मौसम में दौड़ना या भारी व्यायाम के पूर्व व बाद में कुछ सावधानियां नहीं बरतने से भी दर्द बढ़ जाती है। बेहतर होगा घर के अंदर वार्मअप करने वाले हल्के व्यायाम नियमित रूप से किए जाएं। - डॉ. सुभाष चंद्रा, निदेशक, एलएनजेपी हड्डी रोग अस्पताल
डॉ. चंद्रा की तरह ही नालंदा मेडिकल कालेज सह अस्पताल के जोड़-नस रोग विशेषज्ञ डॉ. बीएन चतुर्वेदी व आईजीआईएमएस में फिजियोथेरेपी विशेषज्ञ डॉ. रत्नेश चौधरी भी हल्के व्यायाम की सलाह देते हैं।
ठंड और दर्द-अकड़न में संबंध
- ठंड में एक ओर रक्त धमनियां सिकुड़ जाती हैं तो दूसरी ओर पानी कम पीने से खून भी कुछ गाढ़ा हो जाता है।
- इसके अलावा शरीर खुद को गर्म रखने के लिए शरीर के मध्य अंगों जैसे- हृदय, फेफड़े और पाचन अंगों को अधिक और पैरों-घुटनों, बांहों-कंधों व अन्य जोड़ों को कम रक्त भेजने लगता है।
- रक्त प्रवाह कम होने से जोड़ों की रक्त नलिकाएं सिकुड़ जाती है और वह हिस्सा सख्त व ठंडा हो जाता है। इससे दर्द बढ़ जाता है।
ठंड का मौसम हमें आलसी बना देता है और हम शरीर पर काम का बोझ नहीं डालते हैं। इससे उसमें अकड़न-जकड़न का खतरा बढ़ जाता है। वहीं, ठंड में दौड़ने या अधिक व्यायाम करने वालों का दर्द भी बढ़ जाता है, क्योंकि कम रक्त प्रवाह से वजन सहने वाले जोड़ों पर दबाव में तेजी से बदलाव होता है। इसका एक कारण गति के दौरान जोड़ों को चिकना करने वाला साइनोबियल फ्ल्यूड बनता है, चलना-फिरना कम होने पर यह इस्तेमाल नहीं होता और गाढ़ा होकर दर्द का कारण बनता है। - डॉ. बीएन चतुर्वेदी, नालंदा मेडिकल कालेज सह अस्पताल के जोड़-नस रोग विशेषज्ञ
ठंड में जोड़ों के दर्द से बचाव के उपाय
- ठंडी हवाओं यानी सुबह-शाम बाहर कम निकलें, लेकिन शरीर को क्रियाशील रखने के लिए धूप निकलने के बाद हल्के व्यायाम नियमित रूप से करें।
- नियमित रूप से हल्का व्यायाम करने से रक्त प्रवाह अच्छा रहता है और जकड़न-दर्द के साथ अन्य रोगों से भी सुरक्षा मिलती है।
- व्यायाम के बाद आराम जरूर करें, चाहे तो कंबल ओढ़कर चाय-काफी पीते हुए थोड़ी देर बैठकर काम करें।
- यदि बाहर जाएं तो सिर से लेकर पैर तक कई परत में पतले ऊनी कपड़े पहनें, ऊनी दस्ताने व मोजे पैर व हाथ के दर्द से बचाएंगे।
- वजन नहीं बढ़ने दें, घर का पौष्टिक सुपाच्य गर्म आहार लें, शरीर को गर्म रखने के साथ पैर के टेंडन, मांसपेशियों व हड्डियों को मजबूत बनाएं।
- अखरोट, अलसी या तीसी, एवोकाडो जैसी ओमेगा थ्री फैटी एसिड युक्त चीजों का सेवन करें इससे जोड़ों में दर्द की आशंका कम होगी, हृदय भी स्वस्थ रहेगा।
- भारी व्यायाम के पहले पांच मिनट स्ट्रेचिंग कर शरीर को तैयार करें, इससे जोड़ों में चोट लगने की आशंका कम हो जाएगी।
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