अब हरनौत रेल कारखाने में बने बैक्टीरिया का बायो टायलेट में होगा उपयोग होगा
पूर्व मध्य रेल को सभी क्षेत्रीय रेलों में सबसे पहले अपने सभी कोचों को शत-प्रतिशत बायो-टायलेट युक्त करने का गौरव प्राप्त हुआ है। इन बायो टायलेट में एक विशेष प्रकार का बैक्टीरिया का इस्तेमाल किया जाता है जिसे विदेश से मंगाया जाता है। इसके कारण इसकी कीमत काफी अधिक होती है।
पटना। पूर्व मध्य रेल को सभी क्षेत्रीय रेलों में सबसे पहले अपने सभी कोचों को शत-प्रतिशत बायो-टायलेट युक्त करने का गौरव प्राप्त हुआ है। इन बायो टायलेट में एक विशेष प्रकार का बैक्टीरिया का इस्तेमाल किया जाता है जिसे विदेश से मंगाया जाता है। इसके कारण इसकी कीमत काफी अधिक होती है। पूर्व मध्य रेल अब मेक इन इंडिया की तर्ज पर इस विशेष प्रकार के बैक्टीरिया के उत्पादन की कोशिश शुरू कर दी है। इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए हरनौत के सवारी डिब्बा मरम्मत कारखाने में बायो डाइजेस्टर बैक्टीरिया जेनरेशन प्लांट की स्थापना की गई है। इस प्लांट से प्रतिदिन 2500 लीटर तक बैक्टीरिया का उत्पादन किया जा सकेगा।
यह जानकारी पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक अनुपम शर्मा ने मंगलवार को हरनौत सवारी डिब्बा मरम्मत कारखाना का निरीक्षण के दौरान दी। उन्होंने एयर ब्रेक, बागी, व्हील शाप, बैक्टीरिया जेनरेशन प्लांट आदि का गहन निरीक्षण किया। इसके साथ ही इस कारखाना द्वारा निर्मित प्रथम कैंपिग कोच एवं आइटी कोच का महाप्रबंधक द्वारा निरीक्षण किया गया।
हरनौत सवारी डिब्बा मरम्मत कारखाना द्वारा एक अनुपयोगी डिब्बे को आइटी कोच के रूप में विकसित किया गया है, जिसके अंदर आठ टर्मिनल स्थापित किए गए हैं और इसे 'जिज्ञासा' नाम दिया गया है। यहां बेसिक ट्रेनिग सेंटर में रेल कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षणार्थियों से मुलाकात कर उनके साथ बात की।
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दौरम मधेपुरा-बनमनखी रेलखंड पर बिजली से चलेगी ट्रेनें
पटना। पूर्वी सर्किल के संरक्षा आयुक्त (रेलवे) ए.एम.चौधरी ने मंगलवार को समस्तीपुर मंडल के 43 किमी लंबे दौरम मधेपुरा-बनमंखी रेलखंड के विद्युतीकरण कार्य का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद नवविद्युतीकृत रेलखंड पर संरक्षा आयुक्त (रेलवे) द्वारा विद्युत इंजन से 100 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से सफलता पूर्वक ट्रायल रन भी किया गया। संरक्षा आयुक्त (रेलवे) की अनुमति मिलने के बाद इस रेलखंड पर विद्युत इंजन से ट्रेनों का परिचालन प्रारंभ कर दिया जाएगा । इससे डीजल की बचत के साथ साथ पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी।