किसानों के लिए बिहार सरकार उठाएगी बड़ा कदम, बड़ी मात्रा में देश-विदेश पहुंचाई जाएगी फसल
बिहार में कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने अपना क्षेत्रीय कार्यालय खोलने की मंजूरी दी है। यह कार्यालय पटना में खुलेगा और किसानों एफपीओ और निर्यातकों को प्रशिक्षण और प्रमाणीकरण जैसी सुविधाएं प्रदान करेगा। बिहार सरकार का लक्ष्य है कि अगले तीन वर्षों में कृषि निर्यात को तीन गुना बढ़ाया जाए जिससे राज्य के कृषि उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में उचित मूल्य मिल सके।

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के किसानों और कृषि उद्यमियों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में, कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने बिहार में अपने स्वतंत्र क्षेत्रीय कार्यालय की स्थापना को मंजूरी दे दी है। एपीडा का क्षेत्रीय कार्यालय पटना के मीठापुर स्थित कृषि भवन परिसर में खुलेगा।
उपमुख्यमंत्री और कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि यह बिहार सरकार के निरंतर प्रयासों का परिणाम है कि एपीडा कार्यालय अब सीधे राज्य में काम करेगा। इससे किसानों, उत्पादक संगठनों (एफपीओ), प्रसंस्करणकर्ताओं और निर्यातकों को प्रशिक्षण, प्रमाणन, पैकेजिंग, मानकीकरण और अन्य निर्यात संबंधी सुविधाएं आसानी से उपलब्ध हो सकेंगी।
इससे बिहार के कृषि और बागवानी उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में उचित मूल्य मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि बिहार देश में शाही लीची के उत्पादन में 71 प्रतिशत, मखाना में 85 प्रतिशत, सब्जियों में नौ प्रतिशत और मक्का उत्पादन में सात प्रतिशत का योगदान देता है।
इसके बावजूद, वर्ष 2023 में राज्य का कृषि-बागवानी निर्यात केवल 17.6 मिलियन अमेरिकी डॉलर था, जो राज्य की क्षमता से बहुत कम है। नए क्षेत्रीय कार्यालय की स्थापना से प्रमाणीकरण, ट्रेसेबिलिटी, पैकहाउस मानकों जैसे प्रमुख अंतरालों को दूर करने और वैश्विक बाजार में बिहार की उपस्थिति को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
लक्ष्य पहले वर्ष में 50 एफपीओ को शामिल करना, 20,000 किसानों को निर्यात प्रशिक्षण प्रदान करना और 10 पैकहाउस को प्रमाणित करना है। अगले तीन वर्षों में बिहार से कृषि निर्यात को तीन गुना बढ़ाने का लक्ष्य है। एपीडा की स्थापना 1985 के अधिनियम के तहत की गई थी।
इसका उद्देश्य प्रमाणन, गुणवत्ता नियंत्रण और भारतीय कृषि उत्पादों को वैश्विक मानकों के अनुसार निर्यात योग्य बनाने में सहायता करना है। बिहार में स्थापित नया क्षेत्रीय कार्यालय (आरओ) अब स्थानीय स्तर पर किसानों और प्रसंस्करणकर्ताओं को सीधे ये सेवाएं प्रदान करेगा। यह साझेदारी राज्य के कृषि निर्यात को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में मदद करेगी।
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