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    AIMIM के ऑफर पर आ गया RJD का जवाब, क्या लालू ने लॉक कर दी ओवैसी की पॉलिटिकल डील?

    Updated: Fri, 04 Jul 2025 07:36 PM (IST)

    राजद सांसद मनोज झा ने एआईएमआईएम को महागठबंधन में शामिल होने के बजाय बाहर से समर्थन करने की सलाह दी है। एआईएमआईएम सीमांचल क्षेत्र में प्रभाव रखती है और राजद को अपने माय समीकरण के कारण इस क्षेत्र से उम्मीदें हैं। अख्तरुल ईमान ने धर्मनिरपेक्ष वोटों को विभाजित होने से बचाने के लिए गठबंधन में शामिल होने का प्रस्ताव रखा था लेकिन राजद इस प्रस्ताव पर सहमत नहीं दिख रही।

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    राजद ने एआईएमआईएम को दी बिहार में चुनाव से दूर रहने की राय (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, पटना। महागठबंधन में फरीक बनने की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) की इच्छा पर राजद ने तो जैसे तुषारापात कर दिया है। शुक्रवार को राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि एआईएमआईएम को चाहिए कि वह बिहार में चुनाव से दूर रहे और महागठबंधन का सैद्धांतिक समर्थन करे।

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    मनोज झा का यह बयान एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान द्वारा गठबंधन के लिए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को पत्र लिखने के तीसरे दिन आया है। इससे स्पष्ट हो रहा कि राजद उस पत्र पर कोई सकारात्मक उत्तर नहीं देने जा रहा।

    क्या है सियासी समीकरण?

    एआईएमआईएम का प्रभाव विधानसभा की 24 सीटों वाले सीमांचल में है। 2020 में उसके पांच प्रत्याशी विजयी रहे थे। दो वर्ष बाद चार को राजद ने अपने पाले में कर लिया। एकमात्र अख्तरुल ईमान एआईएमआईएम के साथ रह गए। पिछले डेढ़ माह से वे अपनी पार्टी को महागठबंधन में सम्मिलित कराने के लिए प्रयासरत हैं। इसी कड़ी में उन्होंने लालू का पत्र लिखा।

    अपने परंपरागत माय (मुस्लिम यादव) समीकरण के आधार पर राजद को सीमांचल से बड़ी आशा है।एआईएमआईएम को सीमांचल में कम-से-कम 15-20 सीटें चाहिए। राजद सहमत हुआ तो जनाधार में बंटवारा करना होगा। असहमति की स्थिति में वोट बंटेंगे। इसी दुविधा में सैद्धांतिक समर्थन की बात हुई है।

    मनोज झा का कहना है कि दक्षिणपंथी तानाशाही व विद्वेष की राजनीति के विरुद्ध लड़ने वाले हर व्यक्ति को चाहिए कि उस धारा को मजबूत करे, जो मुख्य प्रतिद्वंद्वी है। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन ने विद्वेष की इस राजनीति के विरुद्ध एक परिभाषित लाइन दी है। बेहतर होगा कि एआईएमआईएम चुनाव से दूर रहे और प्रार्थना करें कि बिहार में विद्वेष की राजनीति समाप्त हो जाए।

    उल्लेखनीय है कि दो जुलाई को अपने पत्र में ईमान ने लिखा था कि महागठबंधन में एआईएमआईएम को सम्मिलित करने से धर्मनिरपेक्ष वोटों में विभाजन को रोका जा सकेगा।

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