पटना AIIMS में डॉक्टरों की हड़ताल पांचवें दिन भी जारी, ओपीडी और इमरजेंसी सेवाएं ठप
एम्स पटना में डॉक्टरों की हड़ताल पांचवें दिन भी जारी है जिससे मरीजों को भारी परेशानी हो रही है। विधायक और डॉक्टरों के बीच विवाद के कारण स्थिति गंभीर बनी हुई है। आइजी और एसपी सिटी ने डॉक्टरों से काम पर लौटने का आग्रह किया लेकिन वे प्राथमिकी वापस लेने की मांग पर अड़े हैं।

जागरण संवाददाता, फुलवारीशरीफ। एम्स पटना में डॉक्टरों की हड़ताल पांचवें दिन मंगलवार को भी जारी रही। खत्म होने के बजाय स्थिति और गंभीर होती जा रही है। आइजीआइएमएस समेत अन्य मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टरों ने भी उनके समर्थन में प्रदर्शन शुरू कर दिया है और ओपीडी का बहिष्कार करने की धमकी दी है।
हड़ताल के कारण मरीजों को हो रही परेशानी को देखते हुए आइजी और एसपी सिटी मंगलवार की दोपहर एम्स पहुंचे और डॉक्टरों से काम पर लौटने का आग्रह किया। डॉक्टरों ने दो टूक कहा कि जब तक विधायक उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी वापस नहीं ले लेते, तब तक वे इलाज शुरू नहीं करेंगे।
वहीं, विधायक ने भी कहा है कि उनके साथ मारपीट की गई है और वे किसी भी कीमत पर माफी मांगकर समझौता नहीं करेंगे। उन्होंने बताया कि इस मामले में उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से भी बात की है।
एम्स निदेशक डॉ. सौरभ वार्ष्णेय ने कहा कि मरीजों की देखभाल उनकी प्राथमिकता है। रेजिडेंट डॉक्टर अस्पताल का अभिन्न अंग हैं और उनके बिना इलाज पूरी तरह ठप है। ओपीडी-इमरजेंसी ठप, सर्जरी कराने आए मरीज भी लौटे:
एम्स पटना में डॉक्टरों की हड़ताल पीड़ित मानवता का दर्द बढ़ा रही है। राज्य और पड़ोसी राज्यों से औसतन चार हजार मरीज प्रतिदिन ओपीडी में इलाज के लिए आते हैं। वहीं दूर-दराज के जिलों से गंभीर मरीज इमरजेंसी-ट्रॉमा सेंटर आते हैं। मंगलवार को छोटे-बड़े करीब 80 ऑपरेशन टल गए।
मरीजों ने बताया कि चार से छह घंटे इंतजार के बाद सर्जरी की तारीख आ गई, लेकिन हड़ताल के कारण डॉक्टर उन्हें देख भी नहीं रहे, भर्ती और ऑपरेशन करना तो दूर की बात है। अब मरीजों का दर्द खुलकर फूटने लगा है। वे कह रहे हैं कि गलती किसी की भी हो, उनके मरीज का क्या कसूर।
बेहतर होगा कि एम्स बंद ही कर दिया जाए ताकि वे सुबह पांच बजे आकर रजिस्ट्रेशन के लिए कतार में न लगें। बता दें कि मंगलवार को भी रजिस्ट्रेशन काउंटर के बाहर सैकड़ों लोग सुबह से ही कतार में लगे थे, लेकिन जब खुलने का समय आया तो कर्मचारियों ने बताया कि सभी सीनियर और जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं, इसलिए रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाएगा।
अच्छी बात यह है कि गार्ड और अन्य कर्मचारी इमरजेंसी और ट्रॉमा में आने वाले मरीजों को डॉक्टरों की हड़ताल की जानकारी दे रहे हैं और उन्हें दूसरे अस्पताल ले जाने की सलाह दे रहे हैं। वहीं, कुछ डॉक्टरों ने कहा कि वे मरीजों की परेशानी से व्यथित हैं, लेकिन जब तक सुरक्षा सुनिश्चित नहीं होती, तब तक सेवा नहीं दी जा सकती।
क्या है मामला?
30 जुलाई की रात विधायक चेतन आनंद अपनी पत्नी के साथ किसी परिचित से मिलने पटना एम्स पहुँचे थे। आरोप है कि वहाँ उनके साथ मारपीट की गई और करीब आधे घंटे तक बंधक बनाकर रखा गया।
वहीं, डॉक्टरों और सुरक्षाकर्मियों का दावा है कि विधायक के सुरक्षाकर्मी हथियार लेकर परिसर में घुसने की कोशिश कर रहे थे, जिसके चलते विवाद शुरू हुआ। डॉक्टर एकतरफा एफआईआर दर्ज करने और जान से मारने की धमकी देने का भी आरोप लगा रहे हैं।
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