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    Patna News: चारा मशीन से कटने के बाद कलाई से अलग हो गया था हाथ, एम्स पटना के डाक्टरों ने सूझबूझ से जोड़ा

    By Pawan Mishra Edited By: Sanjeev Kumar
    Updated: Thu, 08 Feb 2024 03:32 PM (IST)

    Patna News Today एम्स पटना में प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डाक्टर एक बार फिर अपने चिकित्सकीय कौशल व संवेदनशीलता की कसौटी पर खरे उतरे। उन्होंने समस्तीपुर की नौ वर्षीय बच्ची जिसका दाहिना हाथ कलाई से कटकर अलग हो गया था सफलतापूर्वक जोड़ दिया। इससे भी बड़ी बात यह है कि बच्ची के परिवार रात साढ़े आठ बजे पटना के निजी अस्पतालों से मायूस होकर उसे इमरजेंसी-ट्रामा सेंटर लेकर आए थे।

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    कलाई से अलग हो गए हाथ को पटना एम्स के डॉक्टर ने जोड़ा (जागरण)

    जागरण संवाददाता, पटना। Patna Aiims: एम्स पटना में प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डाक्टर एक बार फिर अपने चिकित्सकीय कौशल व संवेदनशीलता की कसौटी पर खरे उतरे। उन्होंने समस्तीपुर की नौ वर्षीय बच्ची, जिसका दाहिना हाथ कलाई से कटकर अलग हो गया था, सफलतापूर्वक जोड़ दिया। इससे भी बड़ी बात यह है कि बच्ची के स्वजन रात साढ़े आठ बजे राजधानी के बड़े निजी अस्पतालों से मायूस होकर उसे इमरजेंसी-ट्रामा सेंटर लेकर आए थे।

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    इसकी जानकारी होते ही प्लास्टिक सर्जरी की विभागाध्यक्ष इमरजेंसी पहुंचीं और रात 10 बजे तक हड्डी रोग विशेषज्ञों की मदद से हड्डी व रक्त धमनियों को जोड़ कर कटे हिस्से में रक्तप्रवाह सुचारू कर दिया। सात घंटे की मैराथन सर्जरी सफल रही। 14वें दिन बुधवार को पूरी तरह स्वस्थ होने पर बच्ची को डिस्चार्ज कर दिया गया।

    प्लास्टिक सर्जरी (Plastic Surgery) की गई

    प्लास्टिक सर्जरी की विभागाध्यक्ष डा. वीणा सिंह के नेतृत्व में डा. अंसारुल, डा. श्रेयोसी, डा. वरुण और नर्सिंग स्टाफ कमल पटेल ने हाथ की हर संरचना को पूर्व की तरह जोड़ा है। हाथ में पूर्व की तरह हरकत व अनुभूति वापस आने में कुछ माह लगेंगे। एम्स के कार्यकारी निदेशक सह सीईओ डा. जीके पाल ने प्लास्टिक सर्जरी व एनेस्थीसिया की पूरी टीम को इस कौशल व संवेदनशीलता के लिए बधाई दी है।

    डा. वीणा सिंह ने बताया कि 22 जनवरी की शाम करीब 3.30 बजे नौ वर्षीय बच्ची खेलने के क्रम में चारा मशीन पर गिर पड़ी, जिसका उसका दाहिना हाथ कलाई से कटकर पूरी तरह अलग हो गया। मां व स्वजन बच्ची को लेकर पहले स्थानीय निजी अस्पताल व इसके बाद दलसिंगसराय अनुमंडल अस्पताल ले गए।

    डॉक्टर ने दिखाई थी सूझबूझ

    वहां खून रोककर डाक्टरों ने कटे हिस्से को पालिथीन में पैककर बर्फ के बीच रख कर पटना रेफर कर दिया। स्वजन पहले बच्ची को लेकर बड़े निजी अस्पताल गए। वहां के डाक्टरों के मना करने पर स्वजन रात 8.30 बजे एम्स पटना पहुंचे। घटना की जानकारी मिलते ही कलाई के रि-इम्प्लांट का फैसला लिया गया। सात घंटे की सर्जरी के बाद बच्ची को आइसीयू में रखकर रक्त चढ़ाने, नियमित ड्रेसिंग व निगरानी से बच्ची तेजी से स्वस्थ हुई है।

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