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    आडवाणी की चिंता केंद्र में बैठे हुक्मरानों पर बड़ा प्रहार : नीतीश

    By pradeep Kumar TiwariEdited By:
    Updated: Fri, 19 Jun 2015 09:53 AM (IST)

    मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और भाजपा पर गुरुवार को तीखा प्रहार किया। कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की चिंता केंद्र में बैठे हुक्मरानों पर बड़ा प्रहार है।

    पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और भाजपा पर गुरुवार को तीखा प्रहार किया। कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की चिंता केंद्र में बैठे हुक्मरानों पर बड़ा प्रहार है।

    आडवाणी भाजपा के मार्गदर्शक हैं, जो ही कह रहे कि देश में फिर आपातकाल नहीं लगेगा, ऐसा नहीं कहा जा सकता। गुरुवार को जदयू द्वारा आयोजित किसान सम्मेलन में 'भूमि बचाओ आंदोलन' का बिगुल फूंकते हुए नीतीश ने कहा कि हम लोग तो आपातकाल जैसे हालात झेल रहे हैं। बिहार में भाजपा पूरी तरह नर्वस हो चुकी है। मिल-बैठ कर विधानसभा चुनाव के लिए एक नेता तक नहीं चुन सकती।

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    इससे पूर्व एसोचैम द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के एक साल पूरा होने पर बार-बार कहा जा रहा था कि कोई स्कैम (घोटाला) नहीं हुआ। स्कैम तो सामने आ ही गया। अब रोज-रोज घोटाले सामने आएंगे। ललित मोदी-सुषमा प्रकरण में प्रधानमंत्री का मौन रहना 'मौनम् स्वीकृति लक्षणम्प्र' तीक है।

    किसान सम्मेलन में नीतीश ने कहा कि आडवाणी भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं। आपातकाल के बारे में उनकी टिप्पणी बहुत गंभीर है। हम पर जंगलराज को लेकर तोहमत लगाने वाले उन लोगों की मदद कर रहे हैं, जो देश के कानून तोडऩे वाले हैं, आर्थिक अपराध में 'वांटेड' हैं। क्या भाजपा जितने 'वांटेड' हैं, उन सबकी मदद करेगी? कह रहे हैं कि मानवीय आधार पर ललित मोदी की मदद की।

    क्या उनका यह मानवीय आधार केवल अमीरों के लिए है, किसानों के लिए नहीं है? उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रचार अभियान का आडियो क्लीपिंग भीड़ को सुनाया, जिसमें उन्होंने कहा था कि लागत मूल्य में 50 प्रतिशत जोड़कर किसानों के लिए न्यूनतम मूल्य निर्धारित किया जाएगा। कहा कि जब इनकी सरकार आई तो अब तक तीन बार उपज का न्यूनतम मूल्य निर्धारित किया है, लेकिन 50 प्रतिशत वृद्धि की जगह पूर्व की सरकारों में की गई वृद्धि से भी कम वृद्धि की गई है।

    बकौल नीतीश, भूमि अधिग्रहण कानून में जब 2013 में संशोधन हुआ तब भाजपा ने बढ़-चढ़ कर इसका समर्थन किया था। भीड़ को गृह मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा संसद में उस समय दिए गए बयान का उन्होंने आडियो क्लीपिंग सुनाया, जिसमें राजनाथ ने कहा था कि किसान किसी भी हालत में कृषि योग्य भूमि का बिना अपनी सहमति के अधिग्रहण नहीं होने दें।

    नीतीश ने कहा कि सत्ता में आते ही सभी बातों को भूल कर भाजपा ने इस कानून में संशोधन कर दिया। भारतीय जनता पार्टी अब 'भारतीय जुमला पार्टी' पार्टी बन गई है। हम भूमि अधिग्रहण कानून को बिहार में लागू नहीं होने देंगे। आज सभी इस कानून के खिलाफ एकजुट होकर आंदोलन चलाने का संकल्प लें और 22 जून को हर प्रखंड मुख्यालय पर इसके खिलाफ आयोजित धरना कार्यक्रम को प्रभावी बनाएं।