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    देवी के बीज मंत्रों में अतुलनीय सिद्धियां प्रदान करने की शक्ति

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 14 Oct 2018 07:18 PM (IST)

    ब्रह्मांड में सर्वाधिक शक्तिशाली मंत्रों में बीज मंत्रों का अपना विशेष प्रभाव है।

    देवी के बीज मंत्रों में अतुलनीय सिद्धियां प्रदान करने की शक्ति

    नवादा। ब्रह्मांड में सर्वाधिक शक्तिशाली मंत्रों में बीज मंत्रों का अपना विशेष प्रभाव है। ये बीज मंत्र अध्यात्मिक शक्ति को अभिव्यक्ति देते हैं। जो सांकेतिक अक्षर में बीज कहलाते हैं। इन बीज मंत्रों की शक्ति अनंत है। बीज मंत्र विभिन्न देवताओं, धर्मो एवं संप्रदायों की साधनाओं के माध्यम से साधक को विभिन्न प्रकार के रहस्य से परिचित करवाते हैं। ये अतुलनीय सिद्धि प्रदान करते हैं। देवी पुराण में इन महत्वपूर्ण बीज मंत्रों का विशेष प्रभाव बताया गया है। दुर्गा सप्तशती के पाठ में भी सिद्धकुंजी का स्त्रोत में अनेक मंत्रों की महिमा बताई गई हैं। इन बीज मंत्रों के बारे में नवादा के ज्योतिषविद् दिव्यांशु शेखर पाठक बताते हैं कि ये अलौकिक हैं। कोई भी साधक यदि पूरी तन्मयता से इन बीज मंत्रों को जाप करे तो इससे उन्हें सिद्धियां मिलनी निश्चित है। पूरा शरीर आध्यात्मिक रूप से शुद्ध हो जाता है। ऐसे साधकों के जीवन में भी बड़ा बदलाव आने लगता है। नवरात्रा में इन बीज मंत्रों का जाप करना अतिफलदायी है।

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    बीज मंत्रों का अपना महत्वपूर्ण प्रभाव है। शास्त्रों में ओमकार बीज मंत्र जहां अध्यात्म की उन्नति और आत्मज्ञान के लिए है। वहीं माया बीज भी कुंडलिनी जागृति के लिए महत्वपूर्ण है। वागबीज बुद्धि विकास और ज्ञान शक्ति को प्राप्त करने वाला है। तथा काम बीज आकर्षण शक्ति को बढ़ाने वाला मंत्र माना गया है। देवी आराधना के दौरान बीज मंत्रों का साधना करके अनेक प्रकार की सिद्धियों को प्राप्त किया जा सकता है। इन्हीं बीज मंत्रों का समावेश करके देवी के शक्तिशाली बीज मंत्र नवार्ण मंत्र का निर्माण किया गया है। इन मंत्रों को सवा लाख की संख्या में अवश्य जाप करना चाहिए। वैसे यथासंभव भी इसकी जाप की जा सकती है। यह मंत्र हमें अत्यंत शक्ति प्रदान करते हैं।

    ग्राफिक्स:

    प्रमुख बीज मंत्र और उनके अर्थ

    ॐ-परम सत्ता

    ऐं-वागबीज

    ह्रीं-मायाबीज

    क्लीं-काम बीज

    नवार्ण मंत्र- ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चै

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    भक्तिभाव से हुई स्कंदमाता की पूजा, कात्यायिनी की पूजा आज

    -नवरात्रा के पांचवे दिन सभी पूजा पंडालों, देवी मंदिरों, श्रद्धालुओ के घरों में माता के पांचवे स्वरूप स्कंदमाता की पूजा अर्चना की गई। श्रद्धालुओं ने बड़े ही भक्तिभाव से इनकी अराधना की। सोमवार को माता के छठे रूप देवी कात्यायिनी की पूजा की जाएगी। इसी पूजा के साथ देवी को बेलभरनी पूजा के माध्यम से आमंत्रण दिया जाएगा। जबकि सप्तमी तिथि को मूल नक्षत्र में देवी दुर्गा का आह्वान करने के साथ ही उनका पट खोल दिया जाएगा।