Nawada lok sabha Chunav Result: नवादा में BJP के विवेक और RJD के श्रवण में कांटे की टक्कर, यहां पढ़ें किसने बनाई लीड
Nawada lok sabha election Result Live नालंदा बिहार की महत्वपूर्ण सीटों में से एक मानी जाती है। भाजपा ने यहां से विवेक ठाकुर को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं राजद ने श्रवण कुमार को मैदान में उतारा है। दोनों के बीच कांटे की टक्कर (Nawada Lok sabha election 2024 Winner) देखने को मिल रही है। हालांकि भाजपा प्रत्याशी बड़ी लीड बनाने में कामयाब होते दिख रहे हैं।

डिजिटल डेस्क, नवादा। Nawada lok sabha election Result Live बिहार की महत्वपूर्ण सीटों में से एक नवादा (lok sabha election result 2024) में भाजपा कैंडिडेट विवेक ठाकुर बड़ी बढ़त बनाए हुए हैं। अबतक हुई वोटों की काउंटिंग में विवेक ठाकुर को 110114 वोट मिले हैं। वह अभी 22153 वोटों की बढ़त (Nawada Lok sabha chunav 2024 Result) बनाए हुए हैं।
दूसरे नंबर पर राजद के श्रवण कुमार हैं। अबतक की काउंटिंग में श्रवण कुमार को 87961 मिले हैं। वहीं तीसरे नंबर पर निर्दलीय कैंडिडेट बिनोद कुमार हैं। बिनोद कुमार को अबतक 10791 वोट मिले हैं।
19 अप्रैल को हुई थी वोटिंग
बता दें कि नवादा सीट पर पहले चरण में 19 अप्रैल को वोटिंग हुई थी। नवादा सीट पर 1984 तक कांग्रेस का दबदबा रहा है। हालांकि मंडल-कमंडल की राजनीति ने 1984 के बाद इस क्षेत्र में जातीय राजनीति हावी हो गई। बिहार का दक्षिणतम संसदीय क्षेत्र नवादा की सीमा झारखंड से लगती है। वर्ष 1952 के चुनाव में यह गया पूर्वी संसदीय क्षेत्र का हिस्सा था।
1957 में संसदीय क्षेत्र बना था नवादा
1957 में नवादा संसदीय क्षेत्र बना। पहले दो चुनावों में यह सीट दो सदस्यीय थी। 1962 में परिसीमन के बाद नवादा संसदीय क्षेत्र संख्या 42 (सुरक्षित) के रूप में अस्तित्व में आया। 2009 में यह संसदीय क्षेत्र संख्या-39 के तौर पर वर्तमान स्वरूप में सामने आया। इसमें नवादा जिले के रजौली, हिसुआ, नवादा, गोविन्दपुर व वारिसलीगंज तथा शेखपुरा जिले का बरबीघा विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।
हावी रहा है जातीय समीकरण
नक्सलवाद प्रभावित इस क्षेत्र में विकास के मुद्दे से ज्यादा जातीय समीकरण हावी रहा है। वर्ष 1984 तक यहां कांग्रेस का प्रभुत्व रहा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने यहां 1996 में पहली जीत दर्ज की। वर्ष 2009 से यह सीट भाजपा या उसके गठबंधन दल के पास है। 1980 व 1984 के चुनाव में कांग्रेस के कुंवर राम जीते। इसके बाद कांग्रेस की वापसी नहीं हो सकी है। 1996 में कामेश्वर पासवान की जीत के साथ भाजपा को पहली सफलता मिली। 2019 में लोक जनशक्ति पार्टी के चंदन कुमार सांसद बने।
भूमिहार बनाम यादव की रही है राजनीति
यहां चुनाव में विकास के मुद्दे उठते तो हैं, लेकिन जातीय समीकरण के आगे ज्यादा प्रभावी नहीं दिखा। भूमिहार और यादव बहुल इस क्षेत्र में राजनीति की धुरी इन्हीं दो जातियों की इर्द-गिर्द घूमती रही है। हालांकि, कुशवाहा और वैश्य समाज के अलावा मुस्लिम वोटर भी निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
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